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आपका टैक्स सेविंग इनवेस्टमेंट अब तक नहीं हुआ पूरा, तो अब भी है मौका, 31 मार्च से पहले यहां कर सकते हैं निवेश

Last-minute Income Tax Saving Options : 31 मार्च मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान टैक्स बचाने के मकसद से निवेश करने की अंतिम तारीख है. अगर आपका टैक्स सेविंग इनवेस्टमेंट अब तक पूरा नहीं हुआ तो अगले कुछ दिनों में इन तरीकों से निवेश कर सकते हैं.

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Income Tax Saving Options in last-minute: अगर आपने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए टैक्स सेविंग इनवेस्टमेंट का लक्ष्य अब तक पूरा नहीं किया है, तो 31 मार्च से पहले कर लीजिए.

Income Tax Saving Options in last-minute: अगर आपने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए अपने टैक्स सेविंग इनवेस्टमेंट का लक्ष्य अब तक पूरी तरह हासिल नहीं किया है, तो जल्दी कीजिए, क्योंकि आपके पास टैक्स बचाने के लिए कुछ ही दिन बचे हैं. मौजूदा वित्त वर्ष में टैक्स सेविंग इनवेस्टमेंट की अंतिम तारीख 31 मार्च 2023 है. यानी उससे पहले सही विकल्पों में निवेश करके आप टैक्स की बचत कर सकते हैं. आइए जानते हैं कि क्या हैं ये सही विकल्प.

PPF में निवेश

पीपीएफ यानी पब्लिक प्रॉविडेंट फंड में किए जाने वाले निवेश पर सेक्शन 80C के तहत टैक्स डिडक्शन का लाभ मिलता है. 80C के तहत साल में अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक के इलिजिबल निवेश पर टैक्स डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है. आप चाहें तो एक साल में इतनी रकम पीपीएफ खाता खोलकर उसमें जमा कर सकते हैं. पीपीएफ एक फिक्स्ड इनकम वाला सुरक्षित निवेश है, जिसमें फिलहाल 7.1 फीसदी तक रिटर्न मिल रहा है.

लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम

आप अपने या अपने परिवार के आप पर निर्भर किसी सदस्य के लिए जीवन बीमा पॉलिसी खरीदकर भी अपना टैक्स सेविंग निवेश पूरा कर सकते हैं. लाइफ इंश्योरेंस के लिए दिए गए प्रीमियम पर 80C के तहत डिडक्शन का लाभ मिलता है.

नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS)

नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में 50 हजार रुपये तक के सालाना निवेश पर सेक्शन 80CCD (1B) के तहत अलग से टैक्स डिडक्शन का लाभ मिलता है. यह फायदा 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर 80C के तहत मिलने वाले लाभ के अतिरिक्त होता है. आप चाहें तो 31 मार्च तक इसमें निवेश करके इस अतिरिक्त टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं. एनपीएस में रिटर्न की दर बाजार से प्रभावित होती है. लॉन्ग टर्म में इस पर एफडी के मुकाबले बेहतर रिटर्न मिलने की उम्मीद की जा सकती है.

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5 साल के टैक्स सेविंग एफडी

5 साल के लॉक इन पीरियड वाले टैक्स सेविंग फिक्स डिपॉजिट (FD) में किए गए 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर भी सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है. अगर आप इस वित्त वर्ष के लिए टैक्स सेविंग निवेश का अपना लक्ष्य पूरा नहीं कर पाए हैं, तो इस तरह के एफडी में पैसे डालकर टैक्स बचा सकते हैं. निवेश से पहले बैंक से पूरी जानकारी कर लें कि आप जिस एफडी में पैसे लगा रहे हैं, वो टैक्स सेविंग के लिए एलिजिबल है या नहीं. इस तरह के एफडी पर रिटर्न की दर अलग-अलग बैंक में अलग-अलग हो सकती है.

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ELSS में निवेश

एफडी की जगह आप टैक्स सेविंग के लिए इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) में भी निवेश कर सकते हैं. जैसा कि इसके नाम से साफ है, इसमें डाले गए पैसे बाजार में इनवेस्ट किए जाते हैं, लिहाजा रिटर्न की गारंटी नहीं होती. लेकिन आमतौर पर SIP के जरिए ELSS में किया गया निवेश लंबे समय के दौरान अच्छा रिटर्न देता है. टैक्स सेविंग ELSS की एक खास बात यह भी है कि इसमें लॉक-इन पीरियड सिर्फ 3 साल होता है. यानी जरूरत पड़ने पर आप 3 साल बाद अपने पैसे निकाल भी सकते हैं.

हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी

हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी यानी स्वास्थ्य बीमा खरीदने पर सेक्शन 80D के तहत अलग से टैक्स छूट मिलती है. 60 साल से कम उम्र वालों को 25 हजार रुपये तक के प्रीमियम पर डिडक्शन का लाभ मिलता है, लेकिन 60 साल ज्यादा उम्र के लोगों को 50 हजार तक के प्रीमियम पर छूट मिलती है. इस सेक्शन के तहत आप अपने और अपने सीनियर सिटिजन माता-पिता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेकर टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं.

First published on: 15-03-2023 at 15:14 IST

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