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SIP 2023: पहली बार करने जा रहे हैं निवेश, बाजार के मौजूदा मूड माहौल में आपको क्‍यों करनी चाहिए एसआईपी

SIP Investment: साल 2023 में जब बाजार में उतार चढ़ाव के साथ अनिश्चितता बनी हुई है, इस साल खासतौर से नए निवेशकों को एसआईपी को प्राथमिकता देनी चाहिए.

SIP Investment
Mutual Funds: भारतीय इक्विटी म्यूचुअल फंड की बात करें तो साल 2022 में करीब 1.61 लाख करोड़ का नेट फ्लो आया है.

Mutual Funds Investors: भारतीय इक्विटी म्यूचुअल फंड की बात करें तो साल 2022 में करीब 1.61 लाख करोड़ का नेट फ्लो आया है. इन 1.61 लाख करोड़ में से करीब 1.48 लाख करोड़ रुपये का इनफ्लो एसआईपी (SIP) के जरिया आया है. जबकि हाइब्रिड और डेट फंडों में 5,590 करोड़ और 2.20 लाख करोड़ का निगेटिव फ्लो दर्ज हुआ. ऐसे में यह साफ है कि म्यूचुअल फंड के जरिए इक्विटी में पार्टिसिपेट करने के लिए सिस्‍टमैटिक इन्‍वेस्‍टमेंट प्‍लान यानी एसआईपी एक पसंदीदा माध्यम बन गया है. एसआईपी कम जोखिम और स्थिर रिटर्न के लिए इक्विटी मार्केट में नए निवेशकों के लिए पैसा लगाने का सुरक्षित तरीका है. साल 2023 में जब बाजार में उतार चढ़ाव के साथ अनिश्चितता बनी हुई है, इस साल एसआईपी को क्‍यों प्राथमिकता देनी चाहिए, इस बारे में WhiteOak Capital AMC के को-हेड -प्रोडक्ट्स, चिराग पटेल ने विस्‍तार से जानकारी दी है.

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SIP: रिटेल निवेशकों का बढ़ रहा है भरोसा

मंथली एसआईपी बुक, जो दिसंबर 2021 में 11,305 करोड़ रुपये था, यह दिसंबर 2022 में बढ़कर 13,573 करोड़ रुपये हो गया. इस अवधि के दौरान 2 करोड़ से अधिक नए एसआईपी रजिस्‍टर हुए. मार्च 2020 के बाद अक्टूबर 2021 तक इक्विटी बाजारों में शानदार रैली देखने को मिली, वहीं इस दौरान ट्रेडिशनल इन्‍वेस्‍टमेंट विकल्‍प एफडी की दरों में कमी आई, जिसके परिणामस्वरूप निवेशकों ने अपनी बचत को इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश किया.

जबकि अक्‍टूबर 2021 के बाद की बात करें तो लार्ज कैप और मिड-स्मॉल कैप इंडेक्‍स ने म्यूटेड और नेगेटिव रिटर्न दिया. इसके अलावा, हाल के दिनों में एफडी की दरें भी बढ़ी हैं, जिसके चलते मौजूदा वित्‍त वर्ष में कुछ फ्लो एफडी जैसी ट्रेडिशनल विकल्‍पों की ओर ट्रांसफर हो गया.

जनवरी 2020 में प्री-कोविड, फिक्स्ड इनकम कुल इंडस्ट्री एयूएम का 50 फीसदी था, जबकि इक्विटी और हाइब्रिड का पार्ट इंडस्‍ट्री एयूएम के 35 फीसदी और 13 फीसदी थे. जबकि जनवरी 2023 तक, फिक्स्ड इन्कम का हिस्सा कम होकर 32 फीसदी रह गया. इक्विटी एयूएम का हिस्‍सा अब 54 फीसदी है (पूर्व-कोविड लेवल से इक्विटी एयूएम में 54% का उछाल), और हाइब्रिड का हिस्‍सा कुल म्‍यूचुअल फंड एयूएम का 12 फीसदी है.

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इक्विटी की ओर एक महत्वपूर्ण बदलाव

आंकड़े बताते हैं कि म्‍यूचुअल फंड इंडस्‍ट्री के भीतर, केवल 3 साल की अवधि में एक एसेट क्‍लास के रूप में इक्विटी की ओर एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है. जो संकेत देते हैं कि मौजूदा वित्‍त वर्ष में एसेट रीबैलेंसिंग हो सकता है. सभी बाजारों और इंडस्‍ट्री की गतिशीलता को ध्यान में रखते हुए, एसआईपी निवेश का पसंदीदा तरीका बना रह सकता है. जबकि हम ओवरआल बेसिस पर हाइब्रिड और फिक्स्ड इनकम म्‍यूचुअल फंड में पॉजिटिव फ्लो देख सकते हैं. इसके अलावा, जनवरी 2023 तक, इक्विटी के अंदर फ्लेक्सीकैप सबसे बड़ी कैटेगिरी है, जिसके बाद उनके एयूएम के टर्म में लार्ज कैप और मिडकैप हैं. हाइब्रिड के अंदर बैलेंस्ड एडवांटेज सबसे बड़ी कैटेगिरी है, जिसके बाद बैलेंस्ड/एग्रेसिव हाइब्रिड कैटेगिरी आती है.

म्‍यूचुअल फंड को लेकर बढ़ी जागरुकता

बेहतर जागरूकता से इंडस्‍ट्री को इक्विटी में हाई फ्लो प्राप्त करने में मदद मिली है. इसके अलावा, म्‍यूचुअल फंड के साथ निवेशकों का अनुभव बेहतर हुआ है और लंबी अवधि में रिटर्न अच्‍छा मिला है, जिसके चलते साल 2023 में फ्लो बनाए रखने में मदद मिलेगी. रिटेल निवेशकों की हिस्‍सेदारी म्‍यूचुअल फंड में बढ़ रही है, जिससे इक्विटी और हाइब्रिड में फ्लो और बढ़ने की उम्‍मीद है. हालांकि, विभिन्न एसेट क्‍लास का प्रदर्शन यह तय करेगा कि कौन सी कैटेगिरी मौजूदा कैलेंडर ईयर में हाई फ्लो आकर्षित करेगी.

क्षमता बढ़ने के साथ SIP भी बढ़ाएं

खुदरा निवेशकों को सलाह है कि वे निवेश करने और इक्विटी में एक्सपोजर लेने के लिए एसआईपी रूट पर फोकस कर सकते हैं. एक्टिव म्यूचुअल फंडों में एसआईपी निवेश करने का सबसे कुशल तरीका है. एक प्रोफेशनल फंड मैनेजर निवेश करने के लिए बेहतर स्टॉक चुनने का प्रयास करता है और रेगुलर इंटरवल पर पोर्टफोलियो को रीबैलेंस करता है. नए निवेशकों या पहली बार निवेश करने जा रहे लोगों को एसआईपी के जरिए निवेश करना चाहिए. जैसे-जैसे उनकी क्षमता और जानकारी बढ़ती जाए, वैसे-वैसे एसआईपी की राशि भी साल-दर-साल बढ़ाते जाएं.

First published on: 20-03-2023 at 13:12 IST

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