New Tax Regime Update: वित्त वर्ष 2023-24 के फाइनेंस बिल को लोकसभा में मंजूरी मिल गई है. इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी सदन में मौजूद थी. बिल पर बोलने से पहले उन्होंने इनतम टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत दी है. टैक्स में छूट उन लोगों को मिलेगी जिनकी इनकम सालाना 7 लाख रुपये से थोड़ा ज्यादा है. न्यू टैक्स रिजीम का विकल्प चुनने वाले इनकम टैक्सपेयर्स को अब 7 लाख रुपये की नो टैक्स-सीलिंग से थोड़ा अधिक इनकम करने वाले व्यक्तियों को केवल डिफरेंशियल इनकम पर टैक्स देना होगा.
समझें क्या हुआ है बदलाव
शुक्रवार को लोकसभा द्वारा पारित वित्त विधेयक 2023 में न्यू टैक्स रिजीम के तहत टैक्सपेयर्स को मामूली राहत देने का प्रस्ताव किया गया है. वित्त मंत्रालय ने कहा कि 1 अप्रैल से न्यू टैक्स रिजीम के तहत अगर किसी टैक्सपेयर की वार्षिक आय 7 लाख रुपये है, तो वह कोई टैक्स नहीं देता है. लेकिन अगर उसकी आय 7,00,100 रुपये है तो वह 25,010 रुपये का टैक्स चुकाता है. इस प्रकार 100 रुपये की अतिरिक्त आय पर भी 25,010 रुपये का कर लगता है. यहां व्यक्ति को टैक्स रिबेट का लाभ नहीं मिलता. हालांकि अब अगर टैक्सपेयर्स की सालाना इनकम 7,00,100 रुपये है तो उसे 25,010 रुपये टैक्स नहीं बल्कि केवल 100 रुपये टैक्स चुकाना होगा.
बजट में न्यू टैक्स रिजीम में हुए थे कई बदलाव
बजट 2023-24 में नई टैक्स रिजीम के तहत 7 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले लोगों पर टैक्स छूट की घोषणा की गई थी, जिसके तहत कोई कर नहीं लगाया जाएगा. विशेषज्ञों ने महसूस किया कि यह कदम वेतनभोगी वर्ग के टैक्सपेयर्स को नई टैक्स रिजीम में बदलने के लिए एक धक्का था, जहां निवेश पर कोई छूट नहीं दी जाती है. न्यू टैक्स रिजीम के तहत 3 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगाया जाएगा. 3-6 लाख रुपये के बीच की आय पर 5 फीसदी टैक्स लगेगा. इसके इतर 6-9 लाख रुपये पर 10 फीसदी, 9-12 लाख रुपये पर 15 फीसदी, 12-15 लाख रुपये पर 20 फीसदी और 15 लाख रुपये और इससे ज्यादा की आय पर 30 फीसदी टैक्स लगेगा. इसके अलावा, नई व्यवस्था के तहत 50,000 रुपये की मानक कटौती की अनुमति दी गई थी. अब सरकार वित्त विधेयक 2023 में संशोधन लेकर आई है, जिससे उन टैक्सपेयर्स को ‘मामूली राहत’ मिली है, जिनकी वार्षिक आय 7 लाख रुपये से थोड़ी अधिक है.