Provident Fund Interest Rate: सब्सक्राइबर्स को अपनी रिटायरमेंट सेविंग्स पर बेहतर रिटर्न पाने के लिए अभी एक साल का और इंतजार करना पड़ सकता है. कर्मचारी भविष्य निधि (Employee Provident Fund) के लिए ब्याज दर चालू वित्त वर्ष के लिए लगभग 8 फीसदी रहने की संभावना है. यह 2021-22 के लिए घोषित 8.1 फीसदी ब्याज दर के ही अनुरूप होगा.
एजेंडा और मीटिंग की तारीख तय नहीं
इस मुद्दे को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के सेंट्रल बोर्ड ट्रस्टीज की बैठक में उठाए जाने की संभावना है, जो 25 और 26 मार्च को होने वाली है. जबकि ईपीएफओ ने ट्रस्टियों को एक पत्र भेजकर सूचना दिया है कि बैठक की तारीख, एजेंडा और स्थान अभी तय नहीं किया गया है लेकिन अगले कुछ दिनों में इसकी सूचना दे दी जाएगी. केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री (Union labour and employment minister) भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में, सीबीटी की पिछली बैठक 31 अक्टूबर, 2022 को हुई थी. गौरतलब है कि सीबीटी ईपीएफओ की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है. इसके अलावा सीबीटी की प्रमुख उप-समिति (एफआईएसी) का भी पुनर्गठन होने की संभावना है. एफआईएसी ईपीएफओ के निवेश की निगरानी के लिए जिम्मेदार है.
जानकारों का क्या है कहना?
मीटिंग से जुड़े मुद्दों से परिचित एक जानकर का कहना है कि कुल मिलाकर ईपीएफओ निवेश अच्छा कर रहा है, लेकिन रिटर्न में बड़ी वृद्धि की संभावना नहीं है. पिछले वित्त वर्ष के लिए घोषित इंटरेस्ट रेट की तर्ज पर बने रहने की उम्मीद है. ईपीएफओ के करीब 6.8 करोड़ सदस्य प्रोविडेंट फंड जमा पर बेहतर रिटर्न की उम्मीद कर रहे हैं, जबकि लगातार हाई इन्फ्लेशन उनकी कमाई को खा रही है. रिटायरमेंट फंड बॉडी ने 2021-22 के लिए 8.1 फीसदी की 45 साल की कम ब्याज दर की घोषणा की थी, जबकि 2020-21 में यह 8.5 फीसदी थी. एजेंडे के अन्य मुद्दों में कर्मचारी पेंशन योजना के तहत पेंशन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कार्यान्वयन के साथ-साथ वर्ष 2021-22 के लिए ग्राहकों को ब्याज के क्रेडिट पर अपडेट शामिल हो सकता है.