Home Loan: रिजर्व बैंक ने इस साल मई से अब तक पांचवीं बार ब्याज दरों में इजाफा किया है. इस बढ़ोतरी के बाद अब संशोधित रेपो रेट 6.25% हो गया है. आरबीआई के इस फैसले के बाद अब कार लोन, पर्सनल लोन समेत अन्य लोन महंगा हो जाएगा. इसके साथ ही, नए और मौजूदा कस्टमर्स के लिए अब होम लोन भी महंगा होने वाला है. पिछले एक साल में ब्याज दरों में 190 बेसिस प्वाइंट्स की वृद्धि हुई है. अब 35 आधार अंकों की और बढ़ोतरी के साथ कुल वृद्धि 2.25 फीसदी तक हो गई है. ऐसे में अगर आपने कुछ महीने पहले 6.75 फीसदी पर होम लोन लिया है तो वही लोन अब 9 फीसदी पर मिलेगा. यह ब्याज दरों में एक साल में बड़ा इजाफा है.
कैसे कम करें ब्याज का बोझ?
होमबॉयर्स को अब रेपो रेट में 2.25 फीसदी की बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए लोन को पूरी तरह से या आंशिक रूप से पूर्व भुगतान (prepay) करने के बारे में सोचना होगा. अगर आप लंबी अवधि का विकल्प चुनते हैं, तो ऐसे में ब्याज काफी अधिक होगा. हम यहां बताने जा रहे हैं कि होमबॉयर्स अपने ईएमआई बोझ को कम करने के लिए क्या कर सकते हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि ब्याज के बोझ को कम करने के लिए अब लोन के पूर्व भुगतान पर विचार किया जाना चाहिए. अगर आपके पास सरप्लस फंड है तो आप इसके ज़रिए EMI के बोझ को कम कर सकते हैं. अगर आपको पूर्व भुगतान के लिए अतिरिक्त फंड की व्यवस्था करने में दिक्कत आ रही है, तो आप हर साल अपनी ईएमआई को एक निश्चित प्रतिशत तक बढ़ाने का विकल्प चुन सकते हैं. होम लोन की बढ़ती ब्याज दरों के बीच आपकी मदद के लिए यहां कुछ टिप्स दिए गए हैं.
लोन का प्री-पेमेंट
अपने ब्याज के बोझ को कम करने का सबसे अच्छा तरीका एनुअल बोनस या आय के अन्य स्रोत के माध्यम से अपने लोन का समय पूर्व भुगतान करना है. बैंकबाजार डॉट कॉम के CEO आदिल शेट्टी कहते हैं, “धन उपलब्ध होने पर अपने होम लोन को प्री-पेमेंट करने की सलाह दी जाती है. इसके ज़रिए आप बढ़ती हुई लोन अवधि को छोटा कर सकता है. उदाहरण के लिए, अगर आप हर साल लोन बैलेंस का 5% भुगतान करते हैं, तो आप 12 वर्षों में अपने 20-साल के लोन का भुगतान कर सकते हैं. हर साल एक अतिरिक्त ईएमआई चुकाने से आपका लोन सिर्फ 17 साल में बंद हो सकता है. वहीं, अगर आप अपनी ईएमआई हर साल 5% बढ़ाते हैं, तो आप अपना लोन 13 साल से कम समय में पूरा कर सकते हैं. हर साल आपकी ईएमआई में 10 फीसदी की बढ़ोतरी आपका लोन करीब दस साल में बंद कर सकती है.”
अपने लेंडर के साथ रि-फाइनेंस
आप कम दर के लिए अपने लेंडर से अनुरोध कर सकते हैं. इसमें कुछ हजार रुपये प्रोसेसिंग फीस लग सकता है, लेकिन यह जल्दी और बिना ज्यादा कागजी कार्रवाई के हो जाता है.
दूसरे लेंडर के साथ रि-फाइनेंस
अगर आपको अच्छा डील मिल रहा है, तो आप किसी अन्य लेंडर के साथ बैलेंस ट्रांसफर का विकल्प चुन सकते हैं. आपसे प्रोसेसिंग और लीगल फीस, MOD चार्ज लिया जा सकता है.
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ज्यादा EMI चुकाने का विकल्प चुन सकते हैं
अगर आपके लिए संभव हो तो आप अधिक ईएमआई का भुगतान करने का विकल्प चुन सकते हैं. इससे आपको अपना लोन तेजी से चुकाने में मदद मिलेगी. हालांकि, इससे आपकी EMI बढ़ जाएगी.
साल में एक बार एक अतिरिक्त EMI का भुगतान करें
हर साल की शुरुआत में एक अतिरिक्त ईएमआई का भुगतान करने से आपका ब्याज काफी कम हो सकता है. यह आपके लोन को तेजी से चुकाने में मदद करता है.
एनुअल लोन बैलेंस का 5% भुगतान करें
हर 12 महीने में एक बार लोन बैलेंस का 5% प्री-पे करें. इसके ज़रिए भी आप अपना लोन तेजी से चुका सकते हैं.
यदि दर बहुत अधिक है तो प्री-क्लोज करें
अंत में आप पूरी तरह से लोन का पूर्व भुगतान कर सकते हैं. यह वित्तीय तनाव से सुरक्षा सुनिश्चित करता है. हालांकि, हो सकता है कि आप टैक्स बेनिफिट का दावा करने में सक्षम न हों.
(Article: Sanjeev Sinha)