NPCI clarifies on UPI surcharge: नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने हाल ही में शुरू किए गए इंटरचेंज फी के बारे में सफाई दी है. एनपीसीआई का कहना है कि इंटरचेंज फी केवल प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (पीपीआई) लेनदेन पर लागू होगा, इसके अलावा ग्राहकों को सामान्य ट्रांजेक्शन पर कोई शुक्ल नहीं देना होगा. एनपीसीआई के अनुसार ग्राहकों और व्यापारियों द्वारा हर महीने आठ अरब से अधिक लेनदेन मुफ्त में किए जाते हैं.
NPCI ने बदला बयान
हाल ही में एक सर्कुलर में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (PPIs) के माध्यम से किए गए 2,000 रुपये से अधिक के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) लेनदेन पर इंटरचेंज शुल्क (Interchange Fee) की सिफारिश की थी. NPCI ने 1.1 फीसदी तक के इंटरचेंज शुल्क का प्रस्ताव किया था और इस कदम का उद्देश्य बैंकों और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए राजस्व बढ़ाना था, जो यूपीआई लेनदेन की उच्च लागत से जूझ रहे हैं. इसकी समीक्षा 30 सितंबर, 2023 तक की जानी थी. हालांकि अब NPCI ने फिर से एक क्लेरिफिकेशन जारी करते हुए कहा है कि नॉर्मल UPI Transaction पर कोई शुल्क नहीं लगेगा. इस तरह बैंक अकाउंट से बैंक अकाउंट के बीच होने वाले लेनदेन आगे भी मुफ्त बने रहेंगे.
UPI सरचार्ज पर क्या बोला NPCI
NPCI ने अपने बयान में कहा है कि यूपीआई एक मुफ्त, तेज और सुरक्षित डिजिटल पेमेंट के पसंदीदा तरीके के रूप में उभरा है. UPI एक त्वरित भुगतान प्रणाली है जिसे भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा विकसित किया गया है. भारत में कुल यूपीआई लेनदेन का लगभग 99.9 फीसदी योगदान करते हैं. एनपीसीआई की सफाई में यूपीआई सरचार्ज से जुड़े कंफ्यूजन को भी क्लियर किया गया है. NPCI ने कहा, “हाल के विनियामक दिशानिर्देशों में प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (पीपीआई वॉलेट्स) को इंटरऑपरेबल यूपीआई इकोसिस्टम का हिस्सा बनने की अनुमति दी गई है. इसे देखते हुए एनपीसीआई ने अब पीपीआई वॉलेट्स को इंटरऑपरेबल यूपीआई इकोसिस्टम का हिस्सा बनने की अनुमति दी है. सरचार्ज सिर्फ पीपीआई मर्चेंट के लेनदेन पर लगेगा.” बैंक, अकाउंट या वॉलेट से किए गए ट्रांजैक्शन पर कोई शुल्क नहीं लगेगा.