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मल्टी कैप और फ्लेक्सी कैप फंड दोनों इक्विटी फंड हैं. ये डायवर्सिफाइड इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो तैयार करने के लिए बेहतर माने जाते हैं.
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मल्टी कैप फंड का कम से कम 75% निवेश इक्विटी और उससे जुड़े इंस्ट्रूमेंट्स में होना जरूरी है. इसमें लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप स्टॉक्स का हिस्सा कम से कम 25-25% रहता है.
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फ्लेक्सी कैप फंड का कम से कम 65% निवेश इक्विटी में रखना जरूरी है, लेकिन फंड मैनेजर को किसी भी सेगमेंट के स्टॉक्स में निवेश की पूरी छूट रहती है.
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मल्टी कैप फंड्स का पोर्टफोलियो हमेशा लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉल कैप के शेयर्स में डायवर्सिफाइड रहता है, जिससे रिस्क-रिटर्न का बेहतर संतुलन मिलता है.
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फ्लेक्सी कैप फंड्स में फंड मैनेजर की भूमिका महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि वे बाजार की स्थिति के अनुसार लार्ज कैप से लेकर स्मॉल कैप तक फंड एलोकेशन को बदल सकते हैं.
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पिछले 5 वर्षों में टॉप 5 मल्टी कैप फंड्स का औसत रिटर्न 20-28% के बीच रहा है, जबकि टॉप 5 फ्लेक्सी कैप फंड्स का औसत रिटर्न 21-31% के बीच रहा है.
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मुख्य रूप से इक्विटी में निवेश के कारण दोनों फंड्स में बाजार से जुड़ा रिस्क रहता है. इसलिए इनमें उन्हीं निवेशकों को पैसे लगाने चाहिए जो रिस्क लेने की क्षमता रखते हैं.
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टॉप 5 फ्लेक्सी कैप और टॉप 5 मल्टी कैप फंड्स के पिछले 5 साल का रिटर्न जानने के लिए पूरी स्टोरी देखें.
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लेख का उद्देश्य जानकारी देना है, निवेश की सिफारिश नहीं। किसी भी फंड में निवेश से पहले सेबी से मान्यताप्राप्त सलाहकार की राय जरूर लें।
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