ओडिशा के बालासोर जिले में हुए दर्दनाक घटना में अभी तक 238 यात्रियों की मौत हो चुकी है और करीब 900 से अधिक लोग घायल हैं.
Jun 03, 2023
ओडिशा के बालासोर जिले में हुए दर्दनाक घटना में अभी तक 238 यात्रियों की मौत हो चुकी है और करीब 900 से अधिक लोग घायल हैं.
ये घटना तब हुई जब दो पैसेंजर ट्रेन और एक मालगाड़ी आपस में टकरा गईं. 16 महीने बाद देश में कोई बड़ा ट्रेन हादसा हुआ है.
ओडिशा के बालासोर जिले में हुए दर्दनाक घटना में अभी तक 238 यात्रियों की मौत हो चुकी है और करीब 900 से अधिक लोग घायल हैं.
6 जून 1981 से लेकर 2 जून 2023 तक देश में दर्जनों ट्रेन घटनाएं हुई हैं. लेकिन उनमें से कुछ ऐसी घटनाएं हैं जिसे सोच आज भी रूह कांप जाता है.
ओडिशा के बालासोर जिले में हुए दर्दनाक घटना में अभी तक 238 यात्रियों की मौत हो चुकी है और करीब 900 से अधिक लोग घायल हैं.
6 जून 1981 से लेकर 2 जून 2023 तक देश में दर्जनों ट्रेन घटनाएं हुई हैं. लेकिन उनमें से कुछ ऐसी घटनाएं हैं जिसे सोच आज भी रूह कांप जाता है.
6 जून 1981 को बिहार की बागमती नदी देश के सबसे भयावह ट्रेन हादसे का गवाह बनी थी. इस दिन एक पैसेंजर ट्रेन बिहार की बागमती नदी में गिर गई थी जिसमें 500-700 लोगों की मौत हुई थी. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
ओडिशा के बालासोर जिले में हुए दर्दनाक घटना में अभी तक 238 यात्रियों की मौत हो चुकी है और करीब 900 से अधिक लोग घायल हैं.
6 जून 1981 से लेकर 2 जून 2023 तक देश में दर्जनों ट्रेन घटनाएं हुई हैं. लेकिन उनमें से कुछ ऐसी घटनाएं हैं जिसे सोच आज भी रूह कांप जाता है.
6 जून 1981 को बिहार की बागमती नदी देश के सबसे भयावह ट्रेन हादसे का गवाह बनी थी. इस दिन एक पैसेंजर ट्रेन बिहार की बागमती नदी में गिर गई थी जिसमें 500-700 लोगों की मौत हुई थी. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
20 अगस्त 1995 में एक नीलगाय को बचाने के चक्कर कालिंदी एक्सप्रेस और पुरुषोत्तम एक्सप्रेस के बीच टक्कर हुई थी, जिसमें करीब 305 लोगों की मौत हुई थी. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
ओडिशा के बालासोर जिले में हुए दर्दनाक घटना में अभी तक 238 यात्रियों की मौत हो चुकी है और करीब 900 से अधिक लोग घायल हैं.
6 जून 1981 से लेकर 2 जून 2023 तक देश में दर्जनों ट्रेन घटनाएं हुई हैं. लेकिन उनमें से कुछ ऐसी घटनाएं हैं जिसे सोच आज भी रूह कांप जाता है.
6 जून 1981 को बिहार की बागमती नदी देश के सबसे भयावह ट्रेन हादसे का गवाह बनी थी. इस दिन एक पैसेंजर ट्रेन बिहार की बागमती नदी में गिर गई थी जिसमें 500-700 लोगों की मौत हुई थी. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
20 अगस्त 1995 में एक नीलगाय को बचाने के चक्कर कालिंदी एक्सप्रेस और पुरुषोत्तम एक्सप्रेस के बीच टक्कर हुई थी, जिसमें करीब 305 लोगों की मौत हुई थी. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
26 नवंबर 1998 में पंजाब के खन्ना में जम्मू तवी सियालदह एक्सप्रेस ट्रेन और गोल्डन टेंपल मेल के बीच दर्दनाक दुर्घटना हुआ था. जम्मू तवी सियालदह एक्सप्रेस ट्रेन पटरी से उतरे फ्रंटियर गोल्डन टेंपल मेल की तीन डिब्बों से टकरा गई, जिसमें 212 लोग मारे गए थे. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
ओडिशा के बालासोर जिले में हुए दर्दनाक घटना में अभी तक 238 यात्रियों की मौत हो चुकी है और करीब 900 से अधिक लोग घायल हैं.
6 जून 1981 से लेकर 2 जून 2023 तक देश में दर्जनों ट्रेन घटनाएं हुई हैं. लेकिन उनमें से कुछ ऐसी घटनाएं हैं जिसे सोच आज भी रूह कांप जाता है.
6 जून 1981 को बिहार की बागमती नदी देश के सबसे भयावह ट्रेन हादसे का गवाह बनी थी. इस दिन एक पैसेंजर ट्रेन बिहार की बागमती नदी में गिर गई थी जिसमें 500-700 लोगों की मौत हुई थी. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
20 अगस्त 1995 में एक नीलगाय को बचाने के चक्कर कालिंदी एक्सप्रेस और पुरुषोत्तम एक्सप्रेस के बीच टक्कर हुई थी, जिसमें करीब 305 लोगों की मौत हुई थी. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
26 नवंबर 1998 में पंजाब के खन्ना में जम्मू तवी सियालदह एक्सप्रेस ट्रेन और गोल्डन टेंपल मेल के बीच दर्दनाक दुर्घटना हुआ था. जम्मू तवी सियालदह एक्सप्रेस ट्रेन पटरी से उतरे फ्रंटियर गोल्डन टेंपल मेल की तीन डिब्बों से टकरा गई, जिसमें 212 लोग मारे गए थे. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
2 अगस्त 1999 में ब्रह्मपुत्र मेल अवध असम ट्रेन से टकरा गई थी, जिसमें 285 से अधिक लोग मारे गए और 300 से अधिक घायल हो गए. पीड़ितों में से कई सेना, बीएसएफ या सीआरपीएफ के कर्मचारी भी शामिल थे.
ओडिशा के बालासोर जिले में हुए दर्दनाक घटना में अभी तक 238 यात्रियों की मौत हो चुकी है और करीब 900 से अधिक लोग घायल हैं.
6 जून 1981 से लेकर 2 जून 2023 तक देश में दर्जनों ट्रेन घटनाएं हुई हैं. लेकिन उनमें से कुछ ऐसी घटनाएं हैं जिसे सोच आज भी रूह कांप जाता है.
6 जून 1981 को बिहार की बागमती नदी देश के सबसे भयावह ट्रेन हादसे का गवाह बनी थी. इस दिन एक पैसेंजर ट्रेन बिहार की बागमती नदी में गिर गई थी जिसमें 500-700 लोगों की मौत हुई थी. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
20 अगस्त 1995 में एक नीलगाय को बचाने के चक्कर कालिंदी एक्सप्रेस और पुरुषोत्तम एक्सप्रेस के बीच टक्कर हुई थी, जिसमें करीब 305 लोगों की मौत हुई थी. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
26 नवंबर 1998 में पंजाब के खन्ना में जम्मू तवी सियालदह एक्सप्रेस ट्रेन और गोल्डन टेंपल मेल के बीच दर्दनाक दुर्घटना हुआ था. जम्मू तवी सियालदह एक्सप्रेस ट्रेन पटरी से उतरे फ्रंटियर गोल्डन टेंपल मेल की तीन डिब्बों से टकरा गई, जिसमें 212 लोग मारे गए थे. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
2 अगस्त 1999 में ब्रह्मपुत्र मेल अवध असम ट्रेन से टकरा गई थी, जिसमें 285 से अधिक लोग मारे गए और 300 से अधिक घायल हो गए. पीड़ितों में से कई सेना, बीएसएफ या सीआरपीएफ के कर्मचारी भी शामिल थे.
ये बात 20 नवंबर 2016 की है जब इंदौर पटना एक्सप्रेस के 14 डिब्बे कानपुर के पास पटरी से उतर गई. इस घटना में करीब 150 लोगों की मौत हुई थी और 250 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.