/financial-express-hindi/media/post_banners/azJidpcA7Jye5ifzEmsK.jpg)
A total of 1,302 kits will be set up in 434 child development scheme offices across the state as part of the scheme, the release said adding.
/financial-express-hindi/media/post_attachments/C1nT50ai78noVpncnpRU.jpg)
सरकार ने आधार से जुड़े दो कानूनों में संशोधन को मंजूरी दे दी है. इसके चलते बैंक अकाउंट और मोबाइल नंबर से आधार की लिकिंग यानी केवाईसी कानूनी रूप से वैध हो जाएगी. हालांकि यह आॅप्शनल रहेगी.
सूत्रों ने कहा कि आधार से जुड़े इन बदलावों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने टेलीग्राफ अधिनियम और मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम में संशोधन के लिए प्रस्तावित विधेयकों के मसौदों को मंजूरी दी. दोनों अधिनियमों को संशोधित किया जाएगा ताकि नया मोबाइल नंबर लेने या बैंक खाता खोलने के लिए आधार लिया जाना कानूनी तौर पर वैध हो और ग्राहक स्वेच्छा से आधार नंबर दे सकें.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उठाया गया कदम
यह फैसला प्राइवेट कंपनियों द्वारा ग्राहकों के वेरिफिकेशन के लिए आधार के इस्तेमाल पर सितंबर में सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई गई रोक के बाद लिया गया है. कोर्ट ने इस तरह के इस्तेमाल के लिए कानूनी प्रावधान न होने के मद्देनजर यह रोक लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने आधार अधिनियम की धारा 57 को निरस्त कर दिया था. यह धारा सिम और बैंक खाते के साथ आधार को जोड़ना अनिवार्य बनाती थी.
आधार से KYC के मामले में कंपनियों को सेफ्टी करनी होगी सुनिश्चित
एक सूत्र ने कहा, ‘‘केवाईसी के डॉक्युमेंट्स के रूप में आधार का इस्तेमाल करने वाली प्राइवेट कंपनियों को आधार से संबंधित सूचनाओं की सुरक्षा और प्राइवेसी सुनिश्चित करनी होगी.’’
ये प्रस्ताव भी रखे गए
इसके अलावा सरकार ने आधार की सूचनाओं में सेंध लगाने की कोशिश पर 10 साल तक की जेल का प्रस्ताव दिया है. अभी इसके लिए तीन साल की जेल का प्रावधान है. सूत्रों ने यह भी कहा कि बच्चों के आधार रजिस्ट्रेशन के मामले में 18 साल का हो जाने के बाद उन्हें आधार के डेटाबेस से अपनी सूचनाएं हटवाने की सुविधा देने का भी प्रस्ताव है.