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UIDAI के सीईओ अजय भूषण पांडे ने कहा कि अब तक की कानूनी समझ के अनुसार, उच्चतम न्यायालय के हालिया फैसले के बाद पहचान की पुष्टि के लिए ऑफलाइन विकल्पों का इस्तेमाल किया जा सकता है.
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आधार जारी करने वाले भारतीय विशेष पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने कहा कि सेवा प्रदाता कंपनियां ई-आधार या क्यूआर कोड जैसी ऑफलाइन तकनीकों से किसी व्यक्ति की पहचान की पुष्टि कर सकते हैं. उसने कहा कि इसके लिए बायोमीट्रिक आंकड़ों या 12 अंक की आधार संख्या को जाहिर करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. उच्चतम न्यायालय के एक फैसले के संदर्भ में यह बयान जारी किया है.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कई सेवाओं के लिए आधार के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. UIDAI के सीईओ अजय भूषण पांडे ने कहा कि अब तक की कानूनी समझ के अनुसार, उच्चतम न्यायालय के हालिया फैसले के बाद पहचान की पुष्टि के लिए ऑफलाइन विकल्पों का इस्तेमाल किया जा सकता है.
आधार जारी करने वाला संगठन अब इन पुष्टिकरण तकनीकों के लिए जागरूकता फैलाने का अभियान चलाने की योजना बना रहा है. इसकी शुरुआत अगले सप्ताह टेक्नॉलजी इंडस्ट्री के लोगों के साथ सक्रिय बातचीत के साथ होगी. पांडे ने कहा, 'UIDAI ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के संदर्भ में ऑफलाइन विकल्प पेश किया है. लोग UIDAI के सर्वर तक गए बिना अपने आधार की पुष्टि करा सकते हैं. इसके लिए उन्हें आधार कार्ड का इलेक्ट्रॉनिक संस्करण (ई-आधार) डाउनलोड करना होगा... उनके पास अपना आधार नंबर छिपाने का विकल्प भी होगा. उस पर एक क्यूआर कोड होगा, जिसमें आधार नंबर दर्ज नहीं होगा.'
उन्होंने कहा कि इन विकल्पों के इस्तेमाल के जरिए सर्विस प्रवाइडर किसी व्यक्ति की पहचान की पुष्टि कर सकते हैं. इस व्यवस्था में वन टाइम पासवर्ड जैसे सिक्यॉरिटी फीचर को शामिल किया जा सकता है. UIDAI प्रमुख ने कहा, 'अपनी कानूनी टीम के साथ चर्चा के बाद अब तक हमारी समझ यह है कि यह उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुरूप है. सबसे अहम बात यह है कि इसके जरिए केवल नाम, पता और फोटो जैसे विवरण दिए जाते हैं. ये विवरण अन्य पहचान दस्तावेजों पर भी उपलब्ध होते हैं. आधार नंबर को छिपाया जा सकता है या संशोधित किया जा सकता है. इससे निजता संबंधी चिंताओं का निवारण होता है.'