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इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने के लिए जिन बातों पर सबसे ज्यादा गौर किया जाता है वे हैं ड्राइविंग रेंज और बैटरी चार्ज करने में लगने वाला वक्त. EV की बैटरी फुल चार्ज होने में पेट्रोल-डीजल से चलने वाली कारों के फ्यूल टैंक फुल करने से कहीं ज्यादा वक्त लगता है. लेकिन अब शायद ये गुजरे जमाने की बात होने वाली है और इसकी वजह है पेन स्टेट यूनिवर्सिटी (Penn State University) का एक डेवलपमेंट.
दरअसल यूनिवर्सिटी के इंजीनियरों ने एक ऐसी बैटरी ईजाद की है, जो केवल 10 मिनट की चार्जिंग पर EV को 320-480 km तक जाने में सक्षम बनाती है. अभी किसी भी इलेक्ट्रिक व्हीकल की बैटरी को सुपरफास्ट सुपरचार्जर स्टेशन से चार्ज करने पर भी पूरा चार्ज होने में 50 मिनट तक का वक्त लगता है. Penn State में इलेक्ट्रोमैकेनिकल इंजन सेंटर के डायरेक्टर और नई ईजाद बैटरी पर काम करने वाले चाओ यांग वांग ने कहा कि 10 मिनट चार्जिंग का ट्रेंड भविष्य है और ईवी को अपनाए जाने के लिए जरूरी है.
इस बात का भी रखा है ध्यान
इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए एक्सट्रीम फास्ट चार्जिंग टेक्नोलॉजी के साथ सबसे बड़ी समस्या लीथियम प्लेटिंग है, जो हाई चार्जिंग रेट पर पैदा हो सकती है. इसके चलते सेल कैपेसिटी घटना, इलेक्ट्रिकल स्पाइक्स जैसी दिक्कतें पैदा हो सकती हैं और बैटरी से जुड़ी असुरक्षित परिस्थितियां पैदा हो सकती हैं.
पेन स्टेट यूनिवर्सिटी की बैटरी डिजाइन में एक सीमेट्रिक टेंपरेचर मॉड्युलेशन का इस्तेमाल हुआ है, जिसमें 10 मिनट के लिए चार्जिंग डिवाइस 60 डिग्री सेल्सियस तक गर्म होती है. उसके बाद यह तेजी से कूल होकर एंबियंट टेंपरेचर पर आ जाती है. इसके चलते लीथियम प्लेटिंग हुए बिना क्विक चार्जिंग मिलती है.
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चार्जिंग टाइम 5 मिनट करने की चल रही कोशिश
वैसे तो 10 मिनट का चार्जिंग टाइम बैटरी के एवरेज चार्जिंग टाइम से काफी कम है लेकिन पेन स्टेट यूनिवर्सिटी की टीम इसे और कम करने पर काम कर रही है. टीम की कोशिश बैटरी को केवल 5 मिनट में चार्ज करने की है, जितना कि फ्यूल टैंक फुल कराने में लगते हैं.
Source: Createdigital