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फ्लैशबैक 2019: ऑटो सेक्टर में हुए ये बड़े बदलाव, कंपनियों से लेकर कस्टमर तक पर हुआ असर

साल 2019 वाहन उद्योग के लिए खासा अच्छा साबित नहीं हुआ. फरवरीसे वाहन उद्योग में मंदी आई और अक्टूबर तक इंडस्ट्री सुस्ती से जूझती रही.

साल 2019 वाहन उद्योग के लिए खासा अच्छा साबित नहीं हुआ. फरवरीसे वाहन उद्योग में मंदी आई और अक्टूबर तक इंडस्ट्री सुस्ती से जूझती रही.

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Ritika Singh
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automobile industry saw these Big incidents and changes in 2019, new safety norms, more electric vehicles, fame 2, BS VI

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automobile industry saw these Big incidents and changes in 2019, new safety norms, more electric vehicles, fame 2, BS VI Image: Reuters

साल 2019 वाहन उद्योग के लिए खासा अच्छा साबित नहीं हुआ. फरवरी 2019 से वाहन उद्योग में मंदी आई और अक्टूबर 2019 तक इंडस्ट्री सुस्ती से जूझती रही. 2019 में कारों की घरेलू बिक्री में 21 साल की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई. सुस्ती के चलते व्हीकल मैन्युफैक्चरर ने प्रॉडक्शन में कमी की और कई लोगों को नौकरी भी गंवानी पड़ी. हालांकि अक्टूबर 2019 में फेस्टिव सीजन के चलते हुई अच्छी बिक्री के बाद वाहन उद्योग को राहत मिलनी शुरू हुई. हालांकि सुस्ती के इस दौर में गुजरता साल ऑटो सेक्टर में कुछ अहम बदलावों का गवाह बना.

दोपहिया वाहनों के लिए जरूरी हुआ ABS

सरकार ने अप्रैल 2019 से 125 cc या इससे ज्यादा क्षमता के सभी दोपहिया वाहनों में ABS यानी एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम अनिवार्य कर दिया. इससे कम पावर के इंजन वाले टू-व्हीलर्स में कंबाइंड ब्रेकिंग सिस्टम (CBS) अनिवार्य किया गया. इसे देखते हुए टू-व्हीलर कंपनियों ने सभी मॉडल्स के अपग्रेडेड वर्जन पेश करना शुरू किया और नए मॉडल उल्लिखित सेफ्टी फीचर के साथ पेश किए.

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FAME II हुई लागू

ई-वाहनों को प्रोत्साहन देने के लिए लाई गई FAME योजना का दूसरा चरण एक अप्रैल 2019 से शुरू हुआ. इसके तहत इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद और उन्हें चार्ज करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने के लिए सब्सिडी मिलती है. FAME योजना के तहत निश्चित साइज वाली आधुनिक बैटरियों और रजिस्टर्ड ई-वाहनों को ही सब्सिडी उपलब्ध कराई जाती है. FAME II योजना के तहत निजी इस्तेमाल वाले इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स पर सब्सिडी दी जाती है. थ्री और 4 व्हीलर्स के मामले में इंसेंटिव पब्लिक ट्रांसपोर्ट या कमर्शियल उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल होने वाले व्हीकल्स पर लागू है. इलेक्ट्रिक बसें भी इस योजना में मिलने वाली सब्सिडी के तहत आती हैं.

हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के साथ आने लगी गाड़ियां

सभी वाहन निर्माताओं के लिए अप्रैल 2019 से हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) अनिवार्य किया गया. यानी 1 अप्रैल 2019 से मार्केट में आने वाले सभी वाहनों में पहले से ही हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगी होनी चाहिए. अब गाड़ी बेचने से पहले कंपनी डीलर्स को इसे गाड़ी पर लगाकर ग्राहकों को देना होगा.

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बदल गए कार सेफ्टी के नियम

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टू-व्हीलर के बाद जुलाई 2019 से कार सेफ्टी के नियम भी बदल गए. हर कार में एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS), स्पीड अलर्ट सिस्टम, सीट बेल्ट रिमाइंडर, एयरबैग, रिवर्स पार्किंग अलर्ट सिस्टम जैसे स्टैंडर्ड सेफ्टी फीचर्स को अनिवार्य किया गया. कार कंपनियां अब इन सेफ्टी फीचर्स के बिना व्हीकल पेश नहीं कर सकतीं.

इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर GST घटा

GST काउंसिल ने जुलाई में इलेक्ट्रिक व्हीकल पर GST रेट कम करने का फैसला लिया. इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs) पर लगने वाले 12 फीसदी GST रेट को घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया. साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जर पर 18 फीसदी GST रेट को कम करके 5 फीसदी पर लाया गया.

इसके बाद आम बजट 2019 में इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने के लिए लोन लेने पर चुकाए जाने वाले ब्याज पर 1.5 लाख रुपये तक के टैक्स डिडक्शन का लाभ लिए जा सकने का प्रावधान किया गया. हालांकि इसके लिए लोन 1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2023 के बीच लिया गया होना चाहिए. साथ ही डिडक्शन केवल पहले EV लोन पर ही क्लेम किया जा सकेगा.

BS-VI

देश में अप्रैल 2020 से BS-VI एमिशन नॉर्म्स लागू होने जा रहे हैं. मकसद व्हीकल से होने वाले कार्बन उत्सर्जन में कमी लाना है. इसे देखते हुए ऑटोमोबाइल कंपनियों ने अपने मॉडल्स को BS-VI कंप्लायंट बनाना शुरू किया. मारुति, हुंडई, टाटा आदि कंपनियों ने नए मॉडल्स तो BS-VI इंजन के साथ पेश किए ही, मौजूदा मॉडल्स के इस इंजन के साथ अपडेटेड वेरिएंट भी मार्केट में पेश करना शुरू किया.

टू-व्हीलर कंपनियों ने भी साल की दूसरी छमाही से BS-VI कंप्लायंट स्कूटर और बाइक्स पेश करना शुरू किया. होंडा सबसे पहली टू-व्हीलर कंपनी रही, जिसने अपने एक्टिवा स्कूटर को BS-VI कंप्लायंट इंजन के साथ अपग्रेड किया. इसके अलावा भारतीय बाजार में सबसे पहली BS-VI बाइक SP125 भी होंडा ने ही पेश की. इसके बाद हीरो, टीवीएस, यामाहा आदि ने भी अपने टू-व्हीलर BS-VI कंप्लायंट बनाने शुरू किए.

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डीजल व्हीकल बंद करने का एलान

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मारुति सुजुकी ने एलान किया कि 1 अप्रैल 2020 से उसके पोर्टफोलियो में कोई भी डीजल कार नहीं होगी. यानी कंपनी अप्रैल से डीजल कार नहीं बेचेगी. इसके पीछे वजह बने नए एमिशन नॉर्म्स. कंपनी ने कहा कि नए BS-VI एमिशन नॉर्म्स के अनुरूप अगर डीजल व्हीकल्स को अपग्रेड किया गया तो उन पर बेहद ज्यादा लागत आएगी और इसके चलते कस्टमर के लिए इनके दाम काफी बढ़ जाएंगे. लिहाजा मारुति ने केवल पेट्रोल व्हीकल्स को ही BS-VI कंप्लायंट बनाने का फैसला किया. मारुति के बाद टाटा मोटर्स ने भी घोषणा की कि वह अब छोटी डीजल कारें नहीं बनाएगी.

ऑल इलेक्ट्रिक कारें

2019 में भारतीय बाजार में फुल रेंज ऑल इलेक्ट्रिक कार सेगमेंट में तेजी आनी शुरू हुई. दिग्गज कार कंपनियों ने भारत में इस सेगमेंट में गुंजाइश देखते हुए इस पर दांव लगाना शुरू किया. इससे पहले केवल महिन्द्रा की लॉन्ग रेंज इलेक्ट्रिक कार eVerito ही मौजूद थी. 2019 में टाटा मोटर्स ने टिगोर ईवी और हुंडई ने कोना इलेक्ट्रिक को भारत में लॉन्च किया. साल खत्म होते-होते भारत में नई आई एमजी मोटर्स ने ZS इलेक्ट्रिक और टाटा मोटर्स ने नेक्सॅान ईवी को पेश कर दिया. हालांकि अभी इन दोनों कारों को केवल अनवील किया गया है. इनकी लॉन्चिंग 2020 में होगी.

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