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केन्द्र सरकार ने ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स से कहा है कि वे अपनी फैक्ट्रियों का इस्तेमाल वेंटिलेटर बनाने में करें. ऐसा इसलिए ताकि भारत में बढ़ते कोविड-19 (Coronavirus) मामलों को देखते हुए ऐसी मशीनों को बनाने की देश की क्षमता में इजाफा किया जा सके. सरकार की ओर से यह भी कहा गया है कि डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) अगले सप्ताह से हर दिन 20000 N-95 मास्क बनाना शुरू करेगा.
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश के विभिन्न अस्पतालों में मौजूदा 14000 वेंटिलेटर कोरोना वायरस के मरीजों के लिए निश्चित किए गए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा कि ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स को वेंटिलेटर बनाने को कहा गया है और वे इस दिशा में काम कर रहे हैं.
BEL भी कर रही निर्माण
इसके अलावा मंत्रालय ने भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) को लोकल मैन्युफैक्चरर्स के साथ मिलकर अगले दो महीनों में 30000 वेंटिलेटर बनाने को कहा है. BEL रक्षा मंत्रालय के तहत आने वाली पीएसयू है. प्राइवेट कंपनियों में नोएडा की Agva हेल्थकेयर को एक माह में 10000 वेंटिलेटर बनाने को कहा गया है. कंपनी की सप्लाई अप्रैल के दूसरे सप्ताह में शुरू होने की उम्मीद है.
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मास्क और कवरॉल्स की उपलब्धता
मंत्रालय की ओर से यह भी कहा गया कि अभी स्टॉक में 11.95 लाख N-95 मास्क हैं. पिछले दो दिनों में 5 लाख अतिरिक्त मास्क बांटे गए हैं और सोमवार को 1.40 लाख मास्क बांटे जाएंगे. दो घरेलू मैन्युफैक्चरर्स को हर रोज 50000 N-95 मास्क बनाने का आदेश दिया गया है. अगले सप्ताह तक इसके 1 लाख प्रतिदिन हो जाने का अनुमान है. मंत्रालय ने कहा है कि 3.34 लाख पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट (PPE) कवरॉल्स भारत के अस्पतालों में उपलब्ध हैं. 4 अप्रैल तक विदेश से और 3 लाख डोनेटेड कवरॉल्स प्राप्त हो जाएंगे.
मंत्रालय ने यह भी बताया कि PPE कवरॉल्स के 11 घरेलू उत्पादक अभी तक क्वालिफाई हुए हैं और 21 लाख कवरॉल्स का ऑर्डर दे दिया गया है. ये उत्पादक प्रतिदिन 6000-7000 पीस सप्लाई कर रहे हैं और मध्य अप्रैल तक इस सप्लाई के बढ़कर 15000 पीस प्रतिदिन होने की उम्मीद है.