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हाइब्रिड कार बिक्री के मामले में इलेक्ट्रिक कारों से आगे हैं. बीते साल के आंकडे यह बताते हैं. वाहन बाजार में चर्चा हो रहा है कि क्या ये लहर जल्द ही खत्म हो जाएगी या फिर अब खरीदारों की चाहत में बदलाव आ रहा है? आइए जानें.
पिछले साल 82607 हाइब्रिड कारें बिकीं. जो एक साल के अंदर यानी 2022 में हुई सेल से चार गुना से भी ज्यादा रहा. वहीं बैटरी से चलने वाली इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री में समान अवधि में सिर्फ दोगुना की वृद्धि हुई. एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्तमान में हाइब्रिड कारों पर जाएसटी 43 फीसदी का लगता है. जबकि इलेक्ट्रिक कारों पर 5 फीसदी यानी हाइब्रिड कारों की तुलना में कम जीएसटी देना पड़ता है. यही कारण है कि इलेक्ट्रिक कारों की तुलना में हाइब्रिड कार महंगी भी होती है. फिर भी इनकी बिक्री जमकर हुई है. अगर आप हाइब्रिड कार खरीदने का प्लान कर रहे हैं तों यहां कुछ शानदार गाड़ियों का लिस्ट देख सकतें हैं.
ये है कुछ हाइब्रिड कारों की लिस्ट
मारुति सुजुकी ग्रैंड विटारा
मारुति सुजुकी ग्रैंड विटारा भारतीय बाजार में स्ट्रॉन्ग और माइल्ड, हाइब्रिड टेक्नोलॉजी के दोनों विकल्प उपलब्ध है. दिल्ली में इसकी कीमत 10.80 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) से शुरू है. इसमें सेल्फ चार्जिंग बैटरी मिलता है. फ्यल एफिशियंसी की बात करें तो यह कार एक लीटर फ्यूल के इस्तेमाल से 21 किमी माइलेज देती है. वहीं फुल हाइब्रिड में ये लगभग 27 किमी प्रति लीटर माइलेज दे सकती है. ट्रांसमिशन के लिए ग्रैंड विटारा के साथ 6 स्पीड ऑटोमैटिक और 5 स्पीड मैनुअल विकल्प जोड़े गए हैं. इसमें कई लग्जरी फीचर मिलते हैं.
मारुति सुजुकी सिआज
मारुति सिआज एक सेडान कार है. कंपनी अपनी इस कार को माइल्ड हाइब्रिड टेक्नोलॉजी के साथ पेश करती है. कार के-15 स्मार्ट हाइब्रिड पेट्रोल इंजन से लैस है और इसमें लिथियम ऑयन बैटरी भी लगी है. फ्यूल एफिशिएंसी की बात करें तो कार एक लीटर फ्यूल के इस्तेमाल पर 20 किमी माइलेज देने का दावा करती है. ये कार मैनुअल और ऑटोमैटिक विकल्प के साथ आती है. दिल्ली में मारुति सिआज 9.40 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) के शुरूआकती कीमत पर उपलब्ध है.
मारुति सुजुकी इनविक्टो
कार बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी मारुति की यह 7 सीटर स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड कार है. इसमें 2.0 लीटर, 4 सिलिंडर पेट्रोल इंजन की हाइब्रिड कार है, जिसमें 168 सेल एनआई एमएच बैटरी का उपयोग किया गया है. यह 9.5 सेकेंड में 0 से 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती है. कंपनी क दावा है कि इनविक्टो एक लीटर फ्यूल के इस्तेमाल पर 23.24 किमी का माइलेज देती है. भारतीय बाजार में इनविक्टो 25.21 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) के शुरूआती कीमत पर उपलब्ध है.
टोयोटा अर्बन क्रूजर हाइराइडर (कीमत: 16-20 लाख)
ग्रैंड विटारा और अर्बर क्रूजर हाइराइडर, दोनों कार एक ही प्लेटफार्म तैयार किए गए हैं. दोनों के एक्सटीरियर और एंटीरियर एक दूसरे से अलग हैं. टोयोटा अर्बन क्रूजर हाइराइडर अधिकतम 27.97 किमी प्रति लीटर माइलेज देने में सक्षम है. इसमें सेल्फ चार्जिंग हाइब्रिड इलेक्ट्रिक इंजन, 6 स्पीड ऑटोमैटिक और 5 स्पीड मैनुअल ट्रांसमिशन विकल्प मिलते हैं. इसके साथ ही कार में ई-ड्राइव मोड भी मिलते हैं. लग्जरी कार फीचर रिच है. भारतीय बाजार में ये कार 16 लाख रुपय से 20 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) की कीमत में उपलब्ध है.
टोयोटा इनोवा हाइक्रॉस (कीमत: 25.72 लाख से शुरू)
स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड सिस्टम की इस कार में ढेरों नए फीचर्स और नई तकनीकें हैं. इसमें 1977cc के पेट्रोल इंजन और हाइब्रिड इलेक्ट्रिक मोटर दिए गए हैं. फ्रंट व्हील ड्राइव की ये कार 7-8 सीट का विकल्प देती है. इसमें मैनुअल ओवरड्राइव और पेडल शिफ्ट के साथ ऑटोमैटिक (eCVT) का ट्रांसमिशन मिलेगा. वेरिएंट के आधार पर फ्यूल एफिशिएंसी 16 से 23 किमी प्रति लीटर के बीच है यानी एक लीटर फ्यूल के इस्तेमाल पर टोयोटा इनोवा हाइक्रॉस 16-23 किमी माइलेज देने में सक्षम है. यह कार सिर्फ 9.5 सेकेंड में 0 से 100 किमी रफ्तार पकड़ सकती है. दिल्ली एनसीआर में इसकी कीमत 25.72 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) से शुरू है.
होंडा सिटी हाइब्रिड ईएचईवी
होंडा सिटी ईएचईवी में दो मोटर का इलेक्ट्रिक हाइब्रिड सिस्टम इसे एक किफायती स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड सेडान कार बनाती है. फ्यूल एफिशिएंसी की बात करें तो हाइब्रिड मोड में ये कार 27.13 किमी प्रति लीटर माइलेज देती है. इसमें ऑटोमैटिक ट्रासमिशन विकल्प मिलता है. दिल्ली में होंडा सिटी की ये कार 18.89 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) के शुरूआती कीमत पर उपलब्ध है.
महिंद्रा बोलेरो नियो
बोलेरो नियो हाइब्रिड कार नहीं है लेकिन इसमें माइक्रो हाइब्रिड टेक्नोलॉजी दी गई है. इसका इलेक्ट्रॉनिक स्टार्ट-स्टॉप सिस्टम काफी हद तक फ्यूल की खपत में किफायत देने में सहायक है.
क्यों बिक रही हाइब्रिड कारें
भारतीय बाजार में 5 से अधिक हाइब्रिड मॉडल उपलब्ध है. मारुति सुजुकी ग्रैंड विटारा और इनविक्टो, टोयोटा हाइराइडर और इनोवा हाइक्रॉस की बदौलत इस सेगमेंट का विस्तार हुआ है. फ्यूल इकोनॉमी यानी फ्यूल पर होने वाले कम खर्चों के चलते ये किफायती होती है. संभवतः इसीलिए मारुति ने अपनी कारों लाइनअप में हाइब्रिड को शामिल किए.
आंकड़े देखें तो ग्रैंड विटारा की पूरी बिक्री में हाइब्रिड वर्जन की हिस्सेदारी 22-23 फीसदी है. हालांकि यह सच है कि हाइब्रिड तकनीक में कार की रनिंग कॉस्ट का खर्च ज्यादा होता है. लेकिन ईवी की तरह ही पर्यावरण सम्मत होती है और चार्जिंग के झंझट से मुक्त रखती है. रेंज को लेकर भी किसी तरह की चिंता नहीं होती.
मारुति, टोयोटा, होंडा जैसी कार बनाने वाली कंपनियों का मानना है कि हाइब्रिड कारें वर्तमान में ज्यादा व्यावहारिक विकल्प है और इसी आधार पर उनका जीएसटी कम होना चाहिए, ताकि वे सस्ती पड़े. वहीं इसके विरोध में ये कंपनियां हैं, जो पहले से ही ईवी में निवेश कर चुकी हैं. हालांकि प्लगइन हाइब्रिड के लिए अच्छा चार्जिंग सिस्टम जरूरी है.
स्ट्रांग और माइल्ड हाइब्रिड
कई कंपनियों ने पूरी तरह हाइब्रिड सिस्टम पर आधारित कारें पेश की हैं, तो कुछ हाइब्रिड तकनीक के कुछ अंश का इस्तेमाल अपनी कारों में कर रही है. माइल्ड हाइब्रिड सिस्टम में कुछ खास स्थितियों में कंबस्शन आधारित इंजन सहायता देने के लिए इलेक्ट्रिक मोटर का इस्तेमाल किया जाता है. यह कम पावर को होती है और अकेले इसके दम पर कार नहीं चलाई जा सकती. लेकिन फुल या स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड कारों में इलेक्ट्रिक मोटर बहुत पावरफुल होती है और कुछ खास स्थितियों में सिर्फ ईवी के तौर पर ड्राइव की जा सकती है.