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देश में गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन नंबर IN से शुरू करने की तैयारी, केंद्र सरकार कर रही है ट्रायल

रजिस्ट्रेशन नंबर IN से शुरू होने पर लोगों को होगा फायदा, एक साल से ज्यादा वक्त के लिए दूसरे राज्य में जाने पर भी नहीं कराना होगा गाड़ी का दोबारा रजिस्ट्रेशन.

रजिस्ट्रेशन नंबर IN से शुरू होने पर लोगों को होगा फायदा, एक साल से ज्यादा वक्त के लिए दूसरे राज्य में जाने पर भी नहीं कराना होगा गाड़ी का दोबारा रजिस्ट्रेशन.

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FE Online
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केंद्र सरकार का नया प्रस्ताव लागू होने के बाद एक राज्य से दूसरे राज्य में शिफ्ट होने पर अपनी कार या बाइक के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा.

केंद्र सरकार ने कार या बाइक के रजिस्ट्रेशन नंबर के लिए एक नई योजना पर काम कर रही है. इस योजना के तहत कारों या बाइक के रजिस्ट्रेशन नंबर IN से शुरू होंगे. कई लोगों के सामने ऐसी स्थिति आती है कि वे एक राज्य में रह रहे हैं और वहां उनके पास कार या बाइक है लेकिन परिवार या नौकरी के चलते उन्हें दूसरे राज्य में शिफ्ट होना पड़ता है. ऐसी स्थिति में उनके सामने दो विकल्प रहते हैं, या तो अपनी कार या बाइक को बेचकर जिस राज्य में शिफ्ट हो रहे हैं, वहां दूसरी खरीद लें या जिस राज्य में शिफ्ट हो रहे हैं, उस राज्य में अपनी कार या बाइक का फिर से रजिस्ट्रेशन कराएं. अधिकतर मामलों में लोग पहला विकल्प अपनाते हैं क्योंकि दूसरा विकल्प काफी कष्ट भरा और खर्चीला है. अगर केंद्र सरकार का प्रस्ताव लागू हो गया तो एक राज्य से दूसरे राज्य में शिफ्ट होने पर लोगों को परेशानी का सामना नहीं करना होगा. जानकारी के मुताबिक सरकार का यह प्रस्ताव कुछ नागरिक-केंद्रित कदम और गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन के लिए आईटी-आधारित समाधान के संदर्भ में लाया गया है. इसका ट्रायल शुरू हो चुका है.

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अभी 12 महीने तक ही रख सकते हैं दूसरे राज्य की गाड़ियां

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वर्तमान नियमों के मुताबिक अगर एक राज्य से दूसरे राज्य शिफ्ट हो रहे हैं तो जिस राज्य में शिफ्ट हो रहे हैं, उसमें दूसरे राज्य की कार या बाइक को 12 महीने तक के लिए ही रख सकते हैं. इन 12 महीनों में गाड़ी मालिकों को नए राज्य में अपनी कार या बाइक को फिर से रजिस्टर्ड कराना होता है. इसमें शिफ्ट होने वाले राज्य में लागू नियमों के मुताबिक रोड टैक्स भरना होता है. कुछ मामलों में जैसे के बंगलूरे मं रोड टैक्स बहुत अधिक है तो वहां शिफ्ट होने वाले लोगों के लिए अपनी कार या बाइक को फिर से रजिस्ट्रेशन कराना महंगा पड़ता है. इसके अलावा अभी जिस राज्य में रह रहे हैं, वहां से एनओसी लेनी होती है कि आप किसी अन्य राज्य में अब शिफ्ट हो रहे हैं. इसके अलावा अभी जिस राज्य में हैं, वहां रोड टैक्स के रिफंड के लिए आवेदन भी करना होता है. ऐसे में यह पूरी प्रक्रिया बहुत लंबी हो जाती है. प्रस्तावित नियम के मुताबिक रजिस्ट्रेशन के समय दो साल का या रोड टैक्स का दोगुनी राशि चार्ज की जाएगी.

ट्रॉयल हो चुका है शुरू

वर्तमान में इसका ट्रॉयल सरकारी, पीएसयू और रक्षा कर्मियों की गाड़ियों को लेकर किया जा रहा है. इसके अलावा ऐसे ऑर्गेनाइजेशंस भी इस ट्रॉयल में शामिल हो सकते हैं जिनके ऑफिसेज देश के पांच या पांच से अधिक शहरों में है. सभी आरटीओ एलिजिबल कैंडिडेट्स को IN प्लेट्स जारी करेंगे. इससे एक राज्य से दूसरे राज्य में शिफ्ट होने में आसानी रहेगी.

इससे लोगों की बचत होगी क्योंकि उन्हें अन्य राज्य में शिफ्ट होने पर अपनी कार या बाइक को रजिस्टर कराने की जरूरत नहीं रहेगी. इस प्रस्तावित नियम का नुकसान यह हो सकता है कि इससे रोड टैक्स के रूप में मिलने वाले रेवेन्यू में गिरावट आएगी. इसके अलावा फर्जी प्लेट्स की बहुतायत हो सकती है क्योंकि सभी IN से शुरू होंगी. IN वाले रजिस्ट्रेशन प्लेट से MH, DL, RJ और UP जैसे राज्य की पहचान वाले रजिस्ट्रेशन प्लेट खत्म हो जाएंगे.

(Article: Lijo Mathai)