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भारत में कार खरीदना अभी भी एक स्टेटस सिंबल माना जाता है.
Car Subscription vs Car Buying: भारत में कार खरीदना अभी भी एक स्टेटस सिंबल माना जाता है. कुछ लोगों के लिए कार खरीदना आसान होता है, वहीं कई लोगों को इसमें आर्थिक परेशानियों से लेकर इसके रखरखाव समेत कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कार ख़रीदने में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, जिसमें सबसे पहली चीज़ है भारी डाउनपेमेंट. सामान्य तौर पर डाउनपेमेंट के लिए आपके पास कम से कम एक लाख रुपये से दो लाख रुपये का अमाउंट होना जरूरी है, इसके बाद आपकी मंथली EMI शुरू हो जाती है. इसके अलावा, पीरियोडिक सर्विस, इंश्योरेंस रिन्यूअल समेत अन्य चार्ज भी देने पड़ते हैं. इसलिए कार खरीदना और इसे मेंटेन करना एक बड़े की तरह काम है. अगर आप चाहते हैं कि आपके पास एक कार हो लेकिन इससे जुड़ी दिक्कतें न हो तो इसके लिए भी एक उपाय है. आज के समय में आप अगर चाहें तो कार सब्सक्रिप्शन पर भी ले सकते हैं. इस आर्टिकल में हम आपको कार खरीदने और कार सब्सक्रिप्शन पर लेने के फायदे और नुकसान बताने जा रहे हैं. इसकी मदद से आप यह समझ पाएंगे कि दोनों विकल्पों में कौन सा विकल्प आपके लिए बेहतर है.
कार सब्सक्रिप्शन पर लेने के फायदे
कोई डाउनपेमेंट नहीं
कार सब्सक्रिप्शन किसी अन्य सब्सक्रिप्शन की तरह ही होता है. इसमें आपको हर महीने एक निश्चित राशि का भुगतान करना होता है और इसके बदले में आप अपने पास एक कार रख सकते हैं. इसमें आपको किसी तरह का डाउनपेमेंट देने की जरूरत नहीं है.
नहीं देना होगा इंश्योरेंस या रोड टैक्स
इसमें आपको एनुअल इंश्योरेंस रिन्यूअल या रोड टैक्स आदि नहीं देना होता है. बीमा से लेकर आरटीओ द्वारा लगाए गए शुल्क तक, कार के मूल मालिक द्वारा हर चीज का ध्यान रखा जाता है. इस तरह, जब तक कार आपके पास है, तब तक आपको किसी भी 'अतिरिक्त' खर्च के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है.
कोई रखरखाव शुल्क नहीं
लगभग सभी कार सब्सक्रिप्शन कंपनियां अब इसे एक फीचर के रूप में पेश करती हैं. आप सब्सक्रिप्शन शुल्क का भुगतान कर रहे हैं, इसलिए आपको पीरियोडिक मेंटेनेंस के लिए बिल्कुल भी भुगतान नहीं करना होगा. इन सबका ख्याल उस कंपनी द्वारा रखा जाएगा, जो कानूनी रूप से आपके द्वारा उपयोग किए जाने वाले कार का मालिक है.
जब भी आप चाहें एक नई कार सब्सक्राइब कर सकते हैं
आम तौर पर आप एक निश्चित समय के लिए कार किराए पर लेते हैं. यह अवधि 6 महीने से 48 महीने तक हो सकती है. इसलिए एक बार सब्सक्रिप्शन टेन्योर समाप्त होने के बाद आप आसानी से एक नए मॉडल का सब्सक्रिप्शन ले सकते हैं.
टैक्स में छूट
इन सब्सक्रिप्शन प्लान्स का एक मुख्य आकर्षण टैक्स में छूट है. आप सब्सक्रिप्शन फीस पर 30% तक टैक्स में छूट प्राप्त कर सकते हैं. इस तरह, आप अच्छी-खासी बचत कर सकते हैं.
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कार सब्सक्रिप्शन पर लेने के नुकसान
किलोमीटर की सीमित संख्या
यह दरअसल, एक दिन या कुछ दिनों के लिए कार किराए पर लेने जैसा है. कुछ कार सब्सक्रिप्शन कंपनियां, कार कितने किलोमीटर तक चलेगी इसे लेकर एक सीमा तय कर देते हैं. आप इस तय सीमा से ज्यादा कार नहीं चला सकते. अगर आप तय सीमा से ज्यादा कार चलाते हैं तो इसके लिए आपको अतिरिक्त शुल्क देना होगा.
कार एक्सेसरीज का कोई फायदा नहीं
अगर आप कार को हमेशा अपनी पसंद के हिसाब से कस्टमाइज करते हैं, तो आपके लिए सब्सक्रिप्शन का विकल्प अच्छा नहीं है. अगर आपने 3 साल के लिए कार का सब्सक्रिप्शन लिया है, तो भी आप इस कार के मालिक नहीं हो सकते. इसलिए कार मॉडिफाई करने का कोई फायदा नहीं है.
आप कार के असल मालिक नहीं हैं
अपने नाम की कार होना एक अलग एहसास है और यहां तक कि एक स्टेटस सिंबल भी है. इसलिए, ऐसे देश में जहां कुछ खरीदना, सब्सक्रिप्शन लेने से बड़ा माना जाता है, आप वास्तविक मालिक होने के इस एहसास को महसूस नहीं कर पाएंगे.
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