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COVID-19 Impact: कोरोना वायरस (Coronavirus) के डर और सोशल डिस्टेंसिंग के चलते मारुति सुजुकी, होंडा, टोयोटा और टाटा मोटर्स जैसी प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनियों को निजी वाहनों की मांग बढ़ने की उम्मीद है. कंपनियों का मानना है कि लोग सार्वजनिक परिवहन से दूरी बनाएंगे. देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया को लॉकडाउन खत्म होने के बाद की स्थिति में कम कीमतों वाली कारों की मांग बढ़ने की उम्मीद है.
कंपनी के कार्यकारी निदेशक (मार्केटिंग और बिक्री) शशांक श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘लोग सार्वजनिक परिवहन की जगह निजी वाहनों को वरीयता देंगे. कई ग्राहक सर्वेक्षण में भी यह बात सामने आई है.’’ उन्होंने कहा कि आर्थिक गतिविधियों के नरम रहने और लोगों की खरीदारी की पावर प्रभावित होने से लोग निजी परिवहन के लिए छोटी या कम कीमत वाली कारें खरीदना पसंद करेंगे. विशेषकर ऐसे ग्राहकों की संख्या बढ़ेगी, जो पहली बार कार खरीद रहे हैं. पिछले दिनों देशभर में खोले गए अपने करीब 1800 डीलरशिप पर हम यह रुख देख रहे हैं.
सर्टिफाइड यूज्ड कारों की भी बढ़ सकती है बिक्री
श्रीवास्तव ने कहा कि पहले भी देखा गया है कि संकट के समय में ग्राहक स्थापित ब्रांड को तवज्जो देते हैं. इसी तरह की बात होंडा कार्स इंडिया के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और मार्केटिंग एवं बिक्री निदेशक राजेश गोयल ने भी कही. उन्होंने कहा कि लोग कोविड-19 संक्रमण को लेकर ज्यादा सजग रहेंगे. इसलिए सार्वजनिक परिवहन की जगह लोग निजी वाहनों को ज्यादा अहमियत देंगे. इससे कारों की बिक्री बढ़ सकती है. उन्होंने कहा कि विभिन्न श्रेणियों की नई कारों के साथ-साथ लोग इस्तेमाल की हुई प्रमाणित कारों की खरीद पर भी ध्यान देंगे. इससे वह सस्ते में अच्छे वाहन को खरीद कर उसका किफायती इस्तेमाल कर पाएंगे.
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अभी सीमित रहेगी मांग
टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के प्रवक्ता ने कहा कि संक्रमण से बचने के लिए लोग निजी वाहनों की ओर बढ़ सकते हैं. हालांकि यह ध्यान रखना होगा कि मौजूदा समय में ग्राहकों की मांग सीमित रहने वाली है. यह तब तक रह सकती है जब तक सरकार की ओर से मांग बढ़ाने के उपाय नहीं किए जाते. आगे कहा कि कोविड-19 के प्रभाव के चलते सार्वजनिक परिवहन के इस्तेमाल में कमी आएगी. ऐसे में निजी वाहनों की मांग बढ़ सकती है.