/financial-express-hindi/media/post_banners/IudRKbBnYJ3cTv9QwKtb.jpg)
Representational Image
/financial-express-hindi/media/post_attachments/iwUckQWdgWwHcq7wR05E.jpg)
दुपहिया इलेक्ट्रिक वाहन मैन्युफैक्चरर्स सरकारी समर्थन के बिना बाजार में टिके रहने का प्रयास कर रहे हैं. इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन देने के लिए शुरू की गई फेम-दो योजना वांछित परिणाम नहीं दे पाई है. इलेक्ट्रिक वाहन मैन्युफैक्चरर्स के संगठन सोसायटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (SMEV) का यह कहना है.
SMEV के महानिदेशक सोहिंदर गिल ने कहा कि फेम दो को जब एक अप्रैल 2019 से क्रियान्वित किया गया तो उद्योग को झटका लगा था. उस समय उद्योग ने टिके रहने का तरीका ढूंढा और कम से मध्यम गति के वाहनों की बिक्री शुरू की. ऐसे वाहनों पर प्रोत्साहन नहीं दिया जाता है. लेकिन इस दौरान उन्हें नुकसान होना शुरू हो गया. लोग अब बिना सरकारी सहायता के ही कारोबार में टिके रहना सीख रहे हैं. नतीजा यह हुआ है कि सब्सिडी वाले वाहनों की बिक्री में गिरावट आ गई लेकिन उद्योग की बिक्री नहीं घटी.’’
Ather 450 का टीजर वीडियो जारी, जानें किन शहरों में सबसे पहले लॉन्च होगा इलेक्ट्रिक स्कूटर
FAME-II पात्र टू-व्हीलर्स की अप्रैल-दिसंबर में सिर्फ 3,000 यूनिट बिक्री
गिल ने कहा कि यदि सिर्फ ग्राहक-प्रोत्साहन वाले वाहन होते और उद्योगों का ही मामला होता तो उद्योग पूरी तरह ढह जाता. FAME-II योजना में इसी श्रेणी पर जोर दिया गया है. SMEV आंकड़ों के अनुसार FAME-II पात्र दुपहिया वाहनों की बिक्री अप्रैल-दिसंबर 2019 में सिर्फ 3,000 यूनिट रही. एक साल पहले जब FAME-I योजना लागू हुई थी तो यह बिक्री 48,671 यूनिट रही थी.
सब्सिडी रहित इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की बिक्री 49,000 यूनिट
इसके विपरीत उद्योग के अनुमान के मुताबिक बिना सब्सिडी वाले इलेक्ट्रिक दुपहिया वाहनों की बिक्री 49,000 यूनिट रही. जबकि एक साल पहले FAME-I योजना में यह बिक्री दस हजार यूनिट की रही थी. गिल ने कहा कि पहले के मुकाबले अब कई कंपनियां ज्यादा नुकसान उठा रही हैं.