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The increased subsidy offered to two-wheelers is likely to bring down the cost of vehicles by 10% to 25%, though the numbers can vary depending upon variable parameters like battery capacity, cost of vehicles, etc.
इलेक्ट्रिक गाड़ियों के प्रति लोगों का रूझान तेजी से बढ़ रहा है. रेटिंग्स एजेंसी ICRA के मुताबिक वर्ष 2025 तक देश में बिकने वाली नई दोपहिया गाड़ियों में 8-10 फीसदी इलेक्ट्रिक होंगी. इसके अलावा तीन पहिया गाड़ियों में करीब 30 फीसदी इलेक्ट्रिक होंगी. इक्रा के मुताबिक इलेक्ट्रिक गाड़ियों की कम ऑपरेटिंग कॉस्ट और आकर्षक सब्सिडी के चलते इनके प्रति लोगों का रूझान बढ़ रहा है. हालांकि इक्रा के मुताबिक कार और ट्रकों के मामले में अभी भी कुछ समय तक इलेक्ट्रिक गाड़ियों की हिस्सेदारी अधिक नहीं रहेगी. वैश्विक तौर पर पिछले साल नई कार बिक्री में 4.4 फीसदी इलेक्ट्रिक थीं जो इस साल बढ़कर 5 फीसदी के लेवल को पार कर जाएगा.
इलेक्ट्रिक दोपहिया और तीनपहिया गाड़ियों की निर्भरता कॉमर्शियल चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर कम है और इसमें बैट्री डिस्चार्ज होने पर इसमें बैट्री स्वैपिंग की जा सकती है. इसके अलावा इनकी ऑपरेटिंग कॉस्ट भी कम है. तीन पहिया गाड़ियों की बात करें तो ऑपरेटिंग के मामले में सीएनजी से सस्ती इलेक्ट्रिक पड़ेगी. ऐसे में इनकी बिक्री में तेजी आ रही है. इस प्रकार भारत दोपहिया और तीन पहिया सेग्मेंट में e2W (इलेक्ट्रिक दोपहिया) और e3W (इलेक्ट्रिक तीन पहिया) मैनुफैक्चरिंग के मामले में वैश्विक स्तर पर अग्रणी बन सकता है. अगले चार वर्षों में इनकी बिक्री में उछाल आने वाला है तो इसे लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत कर भारत वैश्विक स्तर पर अग्रणी हो सकता है.
2020 में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री बढ़ी 40%
इक्रा के मुताबिक भारत e2W और e3W के मामले में वैश्विक स्तर पर अग्रणी बन सकता है लेकिन कार सेग्मेंट में पिछड़ सकता है. पिछले साल 2020 में कोरोना महामारी के चलते गाड़ियों की बिक्री प्रभावित हुई थी लेकिन इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री 2019 के मुकाबले 40 फीसदी की दर से बढ़ी थी. इक्रा के वाइस प्रेसिडेंट और ग्रुप हे़ड (कॉरपोरेट सेक्टर रेटिंग्स) शमशेर देवन के मुताबिक केंद्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा ईवी को बढ़ावा देने के लिए सकारात्मक फैसले लिए गए, हालांकि अफोर्डेबिलिटी और रेंज से जुड़ी चुनौतियां बनी हुई है. इसके चलते मीडियम टर्म में कार और ट्रक सेग्मेंट में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री बहुत अधिक नहीं होने की संभावना है. इसके अलावा स्थानीय स्तर पर कोई सप्लायर इकोसिस्टम ने होने और आयात पर अधिक निर्भरता के चलते स्थिति अधिक कठोर हुई है. हालांकि इसके बावजूद कम ऑपरेटिंग कॉस्ट औऱ आकर्षक सब्सिडी सपोर्ट के चलते स्कूटर्स, तीन पहिया और छोटे कॉमर्शियल गाड़ियों की बिक्री बढ़ी है.
ईवी इकोसिस्टम बढ़ाने के लिए इक्रा के सुझाव
इक्रा के मुताबिक बैट्रीज, क्रिटिकल कंपोनेंट्स और चार्जिंग इंफ्रास्ट्क्चर का डेवलपमेंट किया जाता है तो इससे देश में ईवी इकोसिस्टम मजबूत होगा. इससे ईवी की लागत कम होगी और देश में इसके प्रति आकर्षण बढ़ेगा. इक्रा के मुताबिक इलेक्ट्रिक कार को बढ़ावा देने के लिए बैट्री की प्राइसेज में 40 फीसदी तक की कटौती होनी चाहिए.