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ईवी कंपोनेंट्स के निर्यात के लिए बेहतर मौके हैं.
कोरोना महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुई भारतीय ऑटो इंडस्ट्री अगले वित्त वर्ष 2021-22 में तेजी से आगे बढ़ेगी. इलेक्ट्रिक गाड़ियों के साथ दोपहिया वाहनों की बिक्री में भी बढ़ोतरी होगी. यह संभावना नोमुरा रिसर्च इंस्टीट्यूट कंसल्टिंग एंड सॉल्यूशंस इंडिया ने जताई है. हालांकि नोमुरा रिसर्च के मुताबिक पर्सनल वेहिकल्स के सेग्मेंट में 2018-19 में बिक्री का जो स्तर देखने को मिला था, वैसी ग्रोथ अब वित्त वर्ष 2020-23 में ही उम्मीद की जा सकती है. इसके अलावा इलेक्ट्रिक गाड़ियों (ईवी) के कंपोनेंट्स के निर्यातकों के लिए बेहतर अवसर है.
2018-19 में पैसेंजर वेहिकल की बिक्री में 2.7 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिला था. सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैनुफैक्चरर्स (SIAM) के आंकड़ों के मुताबिक 2018-19 में 33,77,436 पैसेंजर वेहिकल्स की बिक्री हुई थी जबकि उसके पिछले वर्ष 2017-18 में 32,88,581 यूनिट्स की बिक्री हुई थी.
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पर्सनल वेहिकल्स की बिक्री 2022-23 में बढ़ेगी
नोमुरा रिसर्च के पार्टनर और ग्रुप हेड (बिजनेस परफॉर्मेंस इंप्रूवमेंट कंसल्टिंग-ऑटो) असीम शर्मा के मुताबिक कोरोना महामारी के कारण ऑटो इंडस्ट्री पर जो नकारात्मक प्रभाव पड़ा है. उससे वह अगले वित्त वर्ष 2021-22 में उबर जाएगी और उसमें मजबूत बढ़ोतरी देखने को मिलेगा. पर्सनल वेहिकल्स के मामले में उनका मानना है कि 2018-19 जैसी बढ़ोतरी अब वित्त वर्ष 2022-23 में ही देखने को मिल सकता है जबकि दोपहिए के मामले में उससे भी एक साल बाद यानी 2023-24 में ग्रोथ रहेगी. शर्मा के मुताबिक ऐसा न सिर्फ कीमतों में उछाल के कारण है, बल्कि नए रेगुलेशंस का भी प्रभाव पड़ेगा. वित्त वर्ष 2018-19 में दोपहिया गाड़ियों की बिक्री में 4.86 फीसदी का उछाल आया था. 2018-19 में 2,11,81,390 दोपहिया गाड़ियों की बिक्री हुई थी जबकि 2017-18 में 2,02,00,117 गाड़ियों की बिक्री हुई थी.
ईवी कंपोनेंट्स के निर्यात के लिए बेहतर मौके
इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बात करें तो अगले वित्त वर्ष 2021-22 में इसकी बिक्री में सकारात्मक रुख देखने को मिलेगा, खासतौर पर दोपहिया इलेक्ट्रिक गाड़ियों के सेग्मेंट में. शर्मा के मुताबिक ईवी कंपोनेंट्स की बात करें तो देश में तकनीकी अपग्रेडेशन देखने को मिलेगा जैसे कि एलटीओ (लीथियम टाइटेनियम ऑक्साइड) बैटरीज. एलटीओ बैटरीज अधिक तापमान पर तेजी से चार्ज की जा सकती हैं और इन्हें 10 हजार से अधिक बार चार्ज किया जा सकता है. इसके अलावा ईवी के मोटर्स व कंट्रोलर्स जैसे कंपोनेंट्स की बात करें तो इसमें घरेलू कंपनियों की भागीदारी बढ़ेगी और कुछ नई कंपनियां भी बाजार में उतरेंगी. शर्मा के मुताबिक ईवी कंपोनेंट्स और बैटरीज के निर्माताओं के लिए निर्यात का बहुत अच्छा अवसर सामने आ रहा है क्योंकि दुनिया भर में इनके बेहतर सप्लाई चेन के लिए अल्टरनेटिव सोर्स की तलाश हो रही है.