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चीन में फैले कोरोना वायरस के कहर से घरेलू ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री भी डरी हुई है.
चीन में फैले कोरोना वायरस के कहर से घरेलू ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री भी डरी हुई है.Corona Virus Impact On Auto Industry: चीन में फैले कोरोना वायरस के कहर से घरेलू ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री भी डरी हुई है. असल में कोरोना वायरस के फैलने के चलते चीन से वाहन कलपूर्जों की आपूर्ति प्रभावित होने का डर बन गया है. इसी को लेकर भारतीय वाहन उद्योग भी भयभीत है. हालांकि इसकी वास्तविक स्थिति कुछ दिन बाद ही सामने आ सकेगी जब चीन में कारखाने दोबारा से शुरू होंगे. पिछले दिनों इसी वजह से साउथ कोरिया में हुंडई मोटर्स का कारखाना कुछ दिनों के लिए बंद करना पड़ा जो दुनिया का सबसे बड़ा कार कारखाना है. बता दें कि चीन में कोरोना वायरय के प्रसार का असर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है. इसकी वजह से वहां कई कारखाने बंद हो गए हैं. इस महामारी से अब तक दुनियाभर में 900 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 40,000 से अधिक लोग इससे ग्रस्त हैं.
असल में भारतीय आटो कंपनियां अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में चीन से आने वाले कल पुर्जों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करती हैं. ऐसे में अगर चीन में कोरोना वायरस के चलते कारखाने बंद हुए तो भारत में आने वाले आटो पार्ट की कमी हो जाएगी. इसका असर आटो मैन्युफैक्चरिंग पर पड़ेगा.
ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में अनिश्चितता की स्थिति
वाहन विनिर्माताओं के संगठन सोसायटी आफ इंडियन आटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के अनुसार वह अपनी सदस्य कंपनियों से आंकड़े और जानकारियां जुटा रही है और इसका विश्लेषण करने में कुछ दिन लगेंगे. इसके बाद ही यह पता चल पाएगा कि कोरोना वायरस की वजह से कलपूर्जों की आपूर्ति में क्या कोई व्यवधान उत्पन्न हुआ है? अगर हुआ है तो उसका क्या प्रभाव है? कोरोना वायरस की समस्या के बारे में जब मारुति सुजुकी इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी केनिची से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति में किसी को कुछ नहीं पता है.
कोरोना वायरस से भय का माहौल
सियाम के महानिदेशक राजेश मेनन ने कहा कि अभी इस मुद्दे पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी. सिर्फ इतना कह सकता हूं कि इसे लेकर भय की स्थिति है और हर किसी को आज का इंतजार है क्योंकि चीनी नववर्ष की छुट्टियों के बाद वहां आज से बाजार खुलने की संभावना है. मेनन से पूछा गया कि अगर चीन से कलपुर्जों की आपूर्ति प्रभावित होती है तो देश में 1 अप्रैल से लागू होने जा रही बीएस-4 से बीएस-6 के बदलाव पर क्या असर पड़ेगा? मेनन ने कहा कि एक बात साफ है कि इसे लेकर भय का माहौल है.
यह समस्या कितनी बड़ी होगी इस बारे में स्पष्ट जानकारी अगले कुछ दिनों में ही पता चल पाएगी. उन्होंने कहा कि वाहन उद्योग क्षेत्र में पहले, दूसरे और तीसरे दर्जे के आपूर्तिकर्ता होते हैं और इन सभी की जानकारी आना बाकी है. सियाम सदस्य कंपनियों के संपर्क हैं और जब उनके पास अधिक आंकड़े एवं जानकारी होगी वह देखेंगे कि क्या करने की जरूरत है.
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