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6 Airbag in A Car: सभी कारों में 6 एयरबैग अनिवार्य करने का बड़ा फैसला, जानिए क्या है इस एलान का मतलब और कारों के दाम पर क्या होगा असर?

6 Airbag in A Car: सड़कों पर गाड़ियों को अधिक सुरक्षित करने के लिए 8 यात्रियों वाली कारों में 6 एयरबैग जरूरी होने जा रहा है.

6 Airbag in A Car: सड़कों पर गाड़ियों को अधिक सुरक्षित करने के लिए 8 यात्रियों वाली कारों में 6 एयरबैग जरूरी होने जा रहा है.

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FE Online
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Minimum 6 airbags to be made mandatory in vehicles carrying up to 8 passengers from Oct says road transport ministry

6 Airbag in A Car: सड़कों पर गाड़ियों को अधिक सुरक्षित करने के लिए रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री नए नियम लागू करने की तैयारी में है. मंत्रालय के मुताबिक जिन गाड़ियों में 8 यात्री बैठ सकते हैं, उनमें कम से कम 6 एयरबैग उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा. यह नियम इस साल अक्टूबर 2022 से प्रभावी हो जाएगा. मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवेज (MoRTH) ने अपने बयान में कहा है कि यात्रियों की सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए सेंट्रल मोटर वेहिकल्स रूल्स (सीएमवीआर), 1989 में संशोधन कर सेफ्टी फीचर्स को बढ़ाने का फैसला किया गया है.

14 जनवरी की तारीख में जारी ड्राफ्ट नोटिफिकेशन के मुताबिक यह फैसला एम1 श्रेणी की गाड़ियों के लिए किया गया है. इस श्रेणी में 5-8 सीट वाली कारें शामिल हैं. मंत्रालय के नए फैसले के मुताबिक अब इन कारों में 6 एयरबैग जरूरी होंगे. 1 अक्टूबर 2022 से बनने वाली कारों में दो साइ़ड एयरबैग और दो साइड कर्टेन/ट्यूब एयरबैंग के अलावा आउटबोर्ड सीटिंग पोजिशंस में बैठने वाले यात्रियों के लिए एक-एक एयरबैग दिए जाएंगे.

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नए फैसले से बढ़ेंगी ये चुनौतियां

  • कार में छह एयरबैग जरूरी किए जाने पर सेफ्टी रेटिंग में सुधार तो होगा लेकिन कारों की कीमतें बढ़ सकती हैं. किसी एंट्री-लेवल कार में फ्रंट एयरबैग की लागत 5-10 हजार रुपये तक पड़ती है और अगर साइड व कर्टेन एयरबैग दिए जाएं तो लागत बढ़ जाती है. इसका मतलब हुआ कि अगर 6 एयरबैग अनिवार्य होने के बाद कार खरीदने के लिए 50 हजार रुपये और खर्च करना पड़ सकता है.
  • अतिरिक्त एयरबैग दिए जाने पर एक और समस्या कार के री-इंजीनियरिंग से जुड़ी चिंताएं खड़ी हो सकती हैं क्योंकि अभी जो कारें हैं, उन्हें सुरक्षा के इस स्तर तक नहीं डिजाइन किया गया है. छह एयरबैग जरूरी किए जाने के बाद ये प्रभावी तरीके से अपना काम कर सकें, इसके लिए कार की बॉडी से लेकर इंटीरियर तक में बदलाव करने पड़ सकते हैं. इससे भी लागत बढ़ने की आशंका है.

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अभी ये है स्थिति

एयरबैग को लेकर मौजूदा स्थिति की बात करें तो मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki), रेनॉल्ट (Renault) और निसान (Nissan) की किसी भी कार में दो से अधिक एयरबैग नहीं हैं. जो भी कार कंपनियां अपनी गाड़ियों में छह एयरबैग दे रही हैं, उनमें से अधिकतर मॉडल व वैरिएंट की कीमत 10 लाख रुपये से अधिक है. पिछले साल न्यूज एजेंसी पीटीआई को एक इंटरव्यू में गडकरी ने कहा था कि कि छोटी कारें, जिसे अधिकतर लोअर मिडिल क्लास के लोग खरीदते हैं, उसमें भी पर्याप्त एयरबैग उपलब्ध कराए जाने चाहिए. उन्होंने इस पर आश्चर्य जताया था कि वाहन कंपनियां सिर्फ बड़ी कारों में आठ एयरबैग उपलब्ध करा रही हैं जिसे अमीर लोग खरीदते हैं.

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2020 में सड़क दुर्घटनाओं में 47 हजार से अधिक की मौत

एयरबैग कारों में ऐसा सिस्टम है जो दुर्घटना के दौरान गाड़ी के डैशबोर्ड और ड्राइवर (यात्री) के बीच एक कवच के रूप में गंभीर चोटों से सुरक्षित करता है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कि नए फैसले से सभी सेग्मेंट्स के कारों में सवार यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी चाहिए उसकी वह कितनी भी महंगी हो या सस्ती. गडकरी ने ट्वीट कर कहा कि केंद्रीय मंत्रालय ने 1 जुलाई 2019 से ड्राइवर एयरबैग के फिटमेंट और 1 जनवरी 2022 से आगे बैठे यात्री के लिए एयरबैग जरूरी किया गया था. हालिया सरकारी आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2020 में एक्सप्रेस वे समेत राष्ट्रीय राजमार्गों में 1,16,496 सड़क दुर्घटनाओं में 47,984 लोगों की मौत हुई थी.

Nitin Gadkari Auto Industry