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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि अमेरिकी उद्योगपति एलन मस्क (Elon Musk) की कंपनी टेस्ला (Tesla) अगर भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल की मैन्युफैक्चरिंग करना चाहती है तो हमें कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन अगर वो चीन में वाहन बनाकर भारत में इंपोर्ट करेंगे तो यह हमारे हित में नहीं होगा. गडकरी ने कहा कि भारत बहुत बड़ा बाजार है और यहां इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए बहुत संभावनाएं हैं. उन्होंने कहा कि एलन मस्क की कंपनी भारत में अपनी इकाई लगाकर इलेक्ट्रिक कार बना सकते हैं और यहां से निर्यात भी कर सकते हैं.
परिवहन मंत्री गडकरी ने कहा कि वह मस्क से भारत आकर यहां मैन्युफैक्चरिंग शुरू करने का अनुरोध कर रहे हैं. लेकिन अगर वह अपनी गाड़ियां चीन में बनाकर भारत में बेचने की सोच रहे हैं तो यह भारत के लिए बेहतर प्रस्ताव नहीं होगा. उन्होंने कहा कि भारत में वेंडर्स उपलब्ध हैं, सभी प्रकार की तकनीक है, सभी स्पेयर पार्ट्स हैं. लिहाजा टेस्ला अगर भारत में आती है तो यह दोनों के लिए फायदेमंद होगा.
टेस्ला को टैक्स स्ट्रक्चर से है दिक्कत
- अभी भारत में विदेश से आयात होने वाली 40 हजार डॉलर (करीब 30.6 लाख रुपये) या उससे महंगी तैयार कारों (कंप्लीटली बिल्ट यूनिट्स-CBUs) पर इंश्योरेंस व फ्रेट (CIF) और इंजन साइज के हिसाब से 60 से 100 फीसदी तक कस्टम ड्यूटी लगती है. पिछले साल मोदी सरकार को लिखी चिट्ठी में टेस्ला ने कहा था कि अभी भारत में 40 हजार डॉलर से अधिक की कस्टम वैल्यू वाली जीरो-एमिशन गाड़ियों पर प्रभावी इंपोर्ट टैरिफ की दर 110 फीसदी है, जो बहुत अधिक है.
- मस्क की कंपनी ने भारत सरकार से अनुरोध किया था कि इलेक्ट्रिक कारों पर अधिकतम टैरिफ घटाकर 40 फीसदी किया जाए, चाहे कार की कस्टम वैल्यू कितनी भी हो. इसके अलावा टेस्ला ने 10 फीसदी सोशल वेलफेयर सरचार्ज वापस लेने की मांग भी की थी.
- टेस्ला का कहना है कि अगर इन बदलावों को मान लिया जाए तो भारत में ईवी इकोसिस्टम तेजी से मजबूत होगा और कंपनी भारत में सेल्स, सर्विस और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश करेगी. इसके अलावा ग्लोबल ऑपरेशंस के लिए भारत से खरीद बढ़ाने का वादा भी टेस्ला ने किया था. कंपनी के मुताबिक इन प्रस्तावों को मानने से भारतीय ऑटो मार्केट पर कोई निगेटव असर नहीं पड़ेगा क्योंकि कोई भी भारतीय मोटर कंपनी (OEMs) 40 हजार डॉलर (करीब 30.6 लाख रुपये) से अधिक एक्स-फैक्ट्री कीमत वाली कार नहीं बनाती. वैसे भी, भारत में बिकने वाली सिर्फ एक-दो फीसदी कारें ही इससे महंगी होती हैं.
- भारी उद्योग मंत्रालय ने टेस्ला की इन मांगों के जवाब में कहा था कि वो पहले भारत में अपनी इलेक्ट्रिक गाड़ियों का निर्माण शुरू करे और फिर टैक्स में छूट पर बातचीत करे.
(Input: PTI)