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Renault का कहना है कि सेल्स में गिरावट और जापानी साझेदार Nissan का योगदान कम होने के कारण उसे इतना बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है. (Reuters)
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फ्रांस की कार बनाने वाली कंपनी रेनो (Renault ) को 2019 के दौरान बीते एक दशक यानी 10 साल में पहली बार घाटा हुआ है. कंपनी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. रेनो का कहना है कि उसे 2019 में 14.1 करोड़ यूरो (15.2 करोड़ डॉलर) का घाटा हुआ. है. रेनो का कहना है कि सेल्स में गिरावट और जापानी साझेदार निसान का योगदान कम होने के कारण उसे इतना बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है.
कंपनी ने कहा कि 2020 के लिये आउटलुक खराब है और आपरेशनल प्रॉफिट में गिरावट आने की आशंका है. कंपनी ने कहा कि इस आशंका से भी इंकार नहीं कि कुछ प्लांट को बंद करना पड़े. कंपनी का आपरेशनल प्रॉफिट 2019 में 6.3 फीसदी से गिरकर 4.8 फीसदी पर आ गया.
कंपनी की बिक्री भी 3.4 फीसदी गिरी
पिछले साल कंपनी का रेवेन्यू 3.3 फीसदी गिरकर 55.5 अरब यूरो पर आ गया. इस दौरान कंपनी की बिक्री भी 3.4 फीसदी गिरकर 37.5 लाख यूनिट पर आ गई. हालांकि रेनो का कहना है कि दिक्कतों के बावजूद उसने अक्टूबर में संशोधित हुए लक्ष्य को हासिल कर लिया है.
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रेनॉ की एक्टिंग सीईओ क्लॉटिल्ड डेल्बॉस ने कहा, ‘‘2020 में भी बाजार में उथल-पुथल बने रहने की आशंका है और कोरोनावायरस के भी असर देखने को मिल सकते हैं.’’ उन्होंने कहा कि वह मौजूदा दिक्कतों को देखते हुए प्लांट बंद किए जाने के अनुमानों को नकार नहीं सकती हैं.
हेराफेरी के चलते 2018 में गिरफ्तार हुए पूर्व CEO घोषन
ऑटो कंपनी के लिए 2019 ऐसा साल रहा जब उसे बिना पूर्णकालीक सीईओ के ऑपरेशन करना पड़ा. कंपनी के पूर्व सीईओ कार्लसन घोषन को नवंबर 2018 में जापान में वित्तीय अनियमितता के चलते गिरफ्तार किया गया था. उन पर गलत सैलरी लेने और रेनो पार्टनर निसान में कंपनी की संपत्तियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगा.
रेनो को निसान की तरफ से मिलने वाले रेवेन्यू में गिरावट से भी जबरदस्त झटका लगा है. निसान खुद ही रेनो जैसी मुश्किलों से जूझ रही है. निसान में रेनो की 43 फीसदी हिस्सेदारी है. रेनो को निसान से 242 मिलियन यूरो मिले, जो 2018 के मुकाबले 1.51 फीसदी कम है.