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सेकंड हैंड कार खरीद कर कम पैसे में ही अपनी कार के सपने को पूरा किया जा सकता है.
Second Hand Car Buying Tips: अपनी कार का सपना हर किसी का होता है लेकिन कई लोगों के सामने पैसों की कमी की समस्या आड़े आती है. ऐसे लोगों के लिए सेकंड हैंड या यूज्ड कारों का बेहतर विकल्प है. इस विकल्प के जरिए लोगों को कम खर्च पर अपनी कार के सपने को पूरा करने का विकल्प मिलता है और कुछ लोग कार सीखने के लिए पुरानी कार को प्रमुखता देते हैं. ऐसे में सेकंड हैंड कार का बाजार बहुत तेजी से बढ़ रहा है. हालांकि यह जितनी तेजी से बढ़ रहा है, उतनी ज्यादा इसमें सावधानी बरतने की जरूरत है. सेकंड हैंड कार खरीदते समय कई बातों का ख्याल रखना जरूरी है ताकि बाद में ऐसा न हो कि पैसे भी चलें जाएं और कार लेने का उद्देश्य भी न पूरा हो. डॉक्यूमेंट्स वगैरह की पड़ताल किए बिना कभी-कभी सेकंड हैंड कार खरीदने पर कानूनी समस्याएं झेलनी पड़ सकती हैं.
Second Hand Car खरीदते समय इन बातों का रखें ख्याल
- कार खरीदने से पहले फिक्स कर लें बजट: जब आप सेकंड हैंड कार खरीदने का तय कर चुके हैं तो सबसे पहले आपको अपना बजट तय कर लेना चाहिए. बजट तय होने के बाद इस पर फैसला लेना आसान हो जाएगा कि कौन-सी कार खरीदने के बारे में सोचा जा सकता है. बजट तय करते समय यह जरूर ध्यान रखें कि सेकंड कार खरीदने के बाद उस पर कुछ और खर्चा करना पड़ सकता है, जैसे कि मेंटनेंस को लेकर या कोई फीचर ऐड करने को लेकर इत्यादि.
- बजट के मुताबिक मॉडल का चुनाव: एक बार आपने कार का बजट तय कर लिया है तो उसके बाद पता करें कि इस प्राइस में किस कंपनी की कौन सी मॉडल खरीदी जा सकती है. इसके अलावा वैरिएंट भी तय करें. सेकंड हैंड बाजार में लगभग हर प्रकार की कार उपलब्ध है. हालांकि एक से अधिक मॉडल का विकल्प लेकर चलेंगे तो बेहतर रहेगा.
- डीलर के चुनाव में बरतें सावधानी: नई कार खरीदने में अधिक दिक्कत नहीं होती है और बजट के मुताबिक मॉडल-वैरिएंट का चयन कर सीधे शोरूम जाकर कार खरीद सकते हैं. हालांकि सेकंड हैंड कार खरीदते समय सबसे अधिक सावधानी डीलर को लेकर अपनानी चाहिए. अपने किसी परिचित के अलावा कई डीलर्स से भी सेकंड हैंड कार खरीद सकते हैं. कई कार कंपनियों के अपने यूज्ड कार प्लेटफॉर्म हैं जैसे कि Maruti Suzuki का True Value और Hyundai का H Promise. कार कंपनियों के यूज्ड कार प्लेटफॉर्म से कार खरीदने पर वारंटी और फ्री सर्विस भी मिलती है.
- कार की जांच: सेकंड हैंड कार खरीदने से पहले कम से कम 5-10 किमी तक उसका टेस्ट ड्राइव करें. इससे कार के ब्रेक, क्लच, गियर और एक्सीलेटर इत्यादि की जांच हो सकेगी. कार का कहीं कोई एक्सीडेंट तो नहीं हुआ है, इसे भी पता कर लें. इसके अलावा टायर, बैट्री, स्क्रैच, सीट, गाड़ी कितनी दूरी तक चली है; इन सबकी जानकारी जरूर ले लें. कार के इंजन की क्षमता और माइलेज की भी जानकारी ले लें.
- कार के डॉक्यूमेंट जरूर चेक करें: सेकंड हैंड कार खरीदते समय एक और जानकारी की पुष्टि करना बहुत जरूरी है. गाड़ी के सभी डॉक्यूमेंट अच्छी तरह देख लें ताकि बाद में किसी प्रकार की कानूनी समस्या न आए. कभी-कभी कुछ डीलर्स चोरी की कार बेच देते हैं जिससे बाद में पुलिसिया कार्रवाई का सामना खरीदार को करना पड़ता है. कार का सर्विस रिकॉर्ड, रजिस्ट्रेशन और इंश्योरेंस सब देख लें. आरसी के मूल प्रति की ही मांग करें. इसके अलावा गाड़ी के ओरिजिनल बिल की कॉपी अपने पास रखें. इसमें इंजन नंबर, चेसिस नंबर और डिलीवरी की तारीख रहती है. जब आप कार को सेकंड हैंड में खरीद रहे हैं तो इसका एग्रीमेंट इसी आधार पर बनवाएं.