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Tata Motors के ग्राहकों को राहत, कंपनी ने वारंटी और फ्री सर्विस की मियाद बढ़ाई, अब 30 जून तक मिलेगा फायदा

कोरोना महामारी के चलते देश के कई हिस्सों में लॉकडाउन/रिस्ट्रिक्शंस लगाए गए हैं. इसके चलते गाड़ियों की वारंटी और फ्री सर्विस नहीं हो पा रही.

कोरोना महामारी के चलते देश के कई हिस्सों में लॉकडाउन/रिस्ट्रिक्शंस लगाए गए हैं. इसके चलते गाड़ियों की वारंटी और फ्री सर्विस नहीं हो पा रही.

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PTI
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Tata Motors extends free service period amid pandemic

कोरोना महामारी के चलते देश के कई हिस्सों में लॉकडाउन/रिस्ट्रिक्शंस लगाए गए हैं. इसके चलते गाड़ियों की वारंटी और फ्री सर्विस नहीं हो पा रही. ऐसे में टाटा मोटर्स ने अपने ग्राहकों को बड़ी राहत दी है. Tata Motors ने आज मंगलवार 11 मई को एलान किया है कि जिन गाड़ियों की वारंटी और फ्री सर्विस 1 अप्रैल और 31 मई तक के लिए ड्यू है, वे इसका फायदा 30 जून तक उठा सकेंगे. कोरोना की दूसरी लहर के कारण लगाए गए लॉकडाउन के चलते कुछ ग्राहक अपनी गाड़ियों का मेंटनेंस नहीं करा पा रहे हैं तो ऐसे ग्राहकों को फ्री आफ्टर-सेल्स एक्सपीरिएंस बेहतर करने के लिए कंपनी ने यह फैसला लिया है. हालांकि कंपनी ने सिर्फ वारंटी और फ्री सर्विस पीरियड ही बढ़ाने का फैसला लिया, किलोमीटर नहीं.

Tata Motors के 608 से अधिक सर्विस सेंटर्स

टाटा मोटर्स के प्रमुख (कस्टमर केयर, डोमेस्टिक एंड इंटरनेशनल बिजनस, पैसेंजर वेहिकल यूनिट) डिंपल मेहता ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि कोरोना के कारण लगाए गए लॉकडाउन के चलते लोग अपनी गाड़ियों को ऑथराइज्ड सर्विस सेंटर्स तक ले जाने में असमर्थ हैं जिसके चलते 30 जून तक वारंटी और फ्री सर्विस बढ़ाने का फैसला किया. टाटा मोटर्स के देश भर के 400 स्थानों पर 608 से अधिक सर्विस सेंटर्स हैं.

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सीसीआई द्वारा जांच के आदेश का रिव्यू कर रही Tata Motors

टाटा मोटर्स ने मंगलवार को नियामकीय फाइलिंग में जानकारी दी कि वह कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) द्वारा उसके खिलाफ जांच के आदेश को रिव्यू कर रही है. सीसीआई ने पिछले हफ्ते देश के कॉमर्शियल वेहिकल बिजनस में डीलरशिप के साथ एग्रीमेंट्स को लेकर अपनी दबदबे का गलत इस्तेमाल करने के आरोपों की जांच के आदेश दिए हैं. आरोपों के मुताबिक कंपनी ने डीलरशिप एग्रीमेंट में अनफेयर टर्म्स एंड कंडीशंस लगाए हैं. आरोपों के मुताबिक डीलरशिप एग्रीमेंट के तहत डीलर कोई भी नया कारोबार नहीं शुरू कर सकता है, चाहे वह ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री से संबंधित न हो. सीसीआई के मुताबिक यह कारोबारी स्वतंत्रता का हनन है.