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इस मंदिर में Royal Enfield Bullet 350 की होती है पूजा, हर मुराद करती है पूरी

राजस्थान में एक ऐसा मंदिर है, जहां रॉयल एनफील्ड बुलेट 350 की पूजा होती है.

राजस्थान में एक ऐसा मंदिर है, जहां रॉयल एनफील्ड बुलेट 350 की पूजा होती है.

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temple of Royal Enfield Bullet 350 in Rajasthan, Om Banna Dham or Bullet Baba temple on NH-62 Jodhpur-Pali Expressway

temple of Royal Enfield Bullet 350 in Rajasthan, Om Banna Dham or Bullet Baba temple on NH-62 Jodhpur-Pali Expressway यहां पूरे देश से बाइक राइडर और अन्य लोग आकर सुख समृद्धि और सुरक्षा की कामना करते हैं.

मंदिरों में भगवान की पूजा होते तो सभी ने देखी है लेकिन क्या कभी आपने मोटरसाइकिल के मंदिर के बारे में सुना है. अजीब जरूर है लेकिन सच है. राजस्थान में एक ऐसा मंदिर है, जहां रॉयल एनफील्ड बुलेट 350 की पूजा होती है. यहां पूरे देश से बाइक राइडर और अन्य लोग आकर सुख समृद्धि और सुरक्षा की कामना करते हैं. इस मंदिर का नाम है ओम बन्ना धाम उर्फ बुलेट बाबा मंदिर.

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बुलेट बाबा मंदिर NH-62 जोधपुर-पाली एक्सप्रेसवे पर बना है. यह जोधपुर से लगभग 50 किमी और पाली से लगभग 20 किमी दूर है. बाइक की पूजा होने वाला यह मंदिर ओम बन्ना को समर्पित है. राजस्थान में राजपूत नवयुवकों को बन्ना कहा जाता है. ओम बन्ना का पूरा नाम ओम सिंह राठौड़ था. वह पाली शहर के पास स्थित चोटिला गांव के ठाकुर जोग सिंह राठौड़ के पुत्र थे.

क्या है कहानी?

लगभग 30 साल पहले 1988 में ओम बन्ना एक शाम अपनी बुलेट 350 पर बांगड़ी से चोटिला गांव लौट रहे थे. पाली के पास अचानक ओम बन्ना को लगा कि सड़क पर कोई है. बचने के लिए उन्होंने जैसे ही अपनी बाइक घुमाई, बाइक सड़क पर आ रहे ट्रक से भिड़कर एक पेड़ से जा टकराई. टक्कर इतनी तेज थी कि ओम बन्ना की घटना स्थल पर ही मृत्यु हो गई. ओम बन्ना के एक्सिडेंट के बाद पुलिस उनका शव और बाइक थाने ले गई. लेकिन बाइक रहस्यमयी ढंग से पुलिस थाने से गायब हो गई और दुर्घटना वाली जगह पर मिली.

उसके बाद पुलिस बाइक को फिर से थाने ले आई लेकिन अगली सुबह फिर बाइक थाने से गायब हो गई और उसी घटना स्थल पर पहुंच गई. दूसरी बार ऐसा होने पर पुलिस को शक हुआ तो बाइक को फिर थाने में लाकर जंजीरों से बांध दिया गया और फ्यूल टैंक को खाली कर दिया गया. इस बार बाइक की निगरानी की गई. तब पुलिसवालों ने देखा कि जंजीरों में बंधी बाइक खुद-ब-खुद स्टार्ट हुई और जंजीरें तोड़ती हुई घटनास्थल पर पहुंच गई. इसके बाद पुलिसवालों ने सोचा कि बाइक को घर पर खड़ा कर दिया जाए. लेकिन घर से भी बाइक वहीं घटनास्थल पर पहुंच गई.

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ऐसे बना मंदिर

यह रहस्यमयी घटना जंगल की आग के जैसे आसपास के गांवों में फैल गई. बाइक का बार-बार घटनास्थल पहुंच जाना देखकर, ओम बन्ना के पिताजी ने इसे ओम बन्ना की इच्छा माना और बाइक को वहीं चबूतरा बनाकर खड़ा कर दिया गया. गांव वालों ने बुलेट बाइक की पूजा शुरू कर दी. फिर यहां मंदिर का निर्माण कर दिया गया और इसे बुलेट बाबा मंदिर उर्फ ओम बन्ना धाम नाम दिया गया. इस रास्ते से गुजरने वाले यात्री आते-जाते समय ओम बन्ना के मंदिर में कुशल यात्रा की प्रार्थना करके ही आगे बढ़ते हैं.

कहा जाता है कि पहले चोटिला गांव के आसपास बहुत अधिक सड़क हादसे हुआ करते थे. लेकिन ओम बन्ना की मौत और उनकी बाइक का मंदिर बनने के बाद अब ये काफी कम हो चुके हैं. यह भी मान्यता है कि ओम बन्ना धाम में आने वाले लोगों की हर मुराद पूरी होती है.

यह भी कहा जाता है कि अगर आप पाली-जोधपुर हाइवे से गुजर रहे हैं तो बुलेट बाबा मंदिर में जरूर जाना चाहिए. इससे आप यात्रा के दौरान सुरक्षित रहेंगे. गांव वालों का मानना है कि अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपके साथ दुर्घटना हो जाएगी.