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. यहां हमने मार्च 2022 में सबसे ज्यादा बिकने वाली कारों की एक लिस्ट साझा की है.
Top 5 selling cars in March 2022: हैचबैक कारों को भारतीय बाजार में बेहद पसंद किया जाता है. फरवरी 2022 की बात करें तो मारुति सुजुकी स्विफ्ट को ग्राहकों ने सबसे ज्यादा पसंद किया था, लेकिन मार्च 2022 में Maruti WagonR ने सबसे ज्यादा बिकने वाली कार का खिताब अपने नाम कर लिया है. अगर आप कार खरीदने का प्लान बना रहे हैं लेकिन यह डिसाइड नहीं कर पा रहे हैं कि कौन सी कार आपके लिए बेस्ट होगी, तो यह आर्टिकल आपके लिए मददगार साबित हो सकती है. यहां हमने मार्च 2022 में सबसे ज्यादा बिकने वाली कारों की एक लिस्ट साझा की है. आइए जानते हैं कि मार्च 2022 में सबसे ज्यादा बिकने वाली 5 हैचबैक कारें कौन सी हैं.
Maruti Suzuki WagonR
इस लिस्ट में सबसे टॉप पर Maruti WagonR है. मारुति सुजुकी ने पिछले महीने WagonR की 14,669 कारें बेची थी और यह बढ़कर 24,634 हो गई है. इसके साथ ही यह मार्च 2022 में सबसे ज्यादा बिकने वाली कार बन गई है. पिछले साल इसी अवधि के दौरान कंपनी ने 18,757 कारें बेचीं थीं, यानी बिक्री में 31 फीसदी का उछाल आया है. इससे पता चलता है कि WagonR को अभी भी बेहद पसंद किया जाता है.
Maruti Suzuki Baleno
इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर भी मारुति सुजुकी की एक और कार Baleno है. इस प्रीमियम हैचबैक को फरवरी में नए अवतार में लॉन्च किया गया था. इसमें कई बेहतरीन फीचर्स अपडेट किए गए हैं. मार्च 2022 में बलेनो की 14,520 गाड़ियां बिकी हैं.
Maruti Suzuki Swift
पिछले महीने की बेस्ट सेलर स्विफ्ट इस बार 13,623 कारों की बिक्री के साथ तीसरे नंबर पर है. इस कार का मुकाबला मारुति सुजुकी की ही अन्य कारों से है. सालाना आधार पर इस कार की बिक्री में 37 प्रतिशत की गिरावट हुई है.
Hyundai Grand i10 Nios
इस लिस्ट में चौथे नंबर पर Hyundai Grand i10 Nios है. Hyundai Grand i10 Nios की इस साल मार्च में 9,687 कारें बिकी हैं. यह आंकड़ा मार्च 2021 की तुलना में 12 प्रतिशत कम है. Hyundai Grand i10 Nios ने 2019 में अपनी शुरुआत की थी और इसे पेट्रोल और डीजल दोनों विकल्पों के साथ पेश किया गया था.
Maruti Suzuki Alto
इस लिस्ट में अंतिम कार भी मारुति सुजुकी की है. Maruti Suzuki Alto की मार्च 2022 में 7,621 कारें बिकी हैं, जो पिछले साल की इसी अवधि के आंकड़े से लगभग 10,000 कम है. पिछले महीने ऑल्टो की मांग अधिक थी जो अब कम होती दिख रही है.
(Article: Aakash Paul)