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Image: PTI
2020 for Indian Auto Sector: साल 2020 देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए बड़े झटके वाला रहा. कोविड19 महामारी और उसके कारण लागू किए गए लॉकडाउन ने वाहन क्षेत्र के प्रॉडक्शन और बिक्री को बड़ा नुकसान पहुंचाया. लेकिन साल खत्म होते-होते ऑटोमोबाइल सेक्टर फिर से ट्रैक पर लौट रहा है. कोविड-19 संकट से उबरने और आगे बढ़ने में कामयाब होने के बाद भारतीय वाहन क्षेत्र सतर्कता बरतते हुए 2021 को लेकर आशान्वित है.
कोविड19 महामारी के दस्तक देने से पहले से वाहन उद्योग नरमी से जूझ रहा था. उसके बाद महामारी आने और उसकी रोकथाम के लिए 25 मार्च से लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन ने रही सही कसर पूरी कर दी. पूरा साल महामारी के साए तले गुजरा. लेकिन इस दौरान पूरे वाहन उद्योग ने काफी कुछ सीखा. व्हीकल इंडस्ट्री चुनौतियों से पार पाते हुए ज्यादा मजबूत हुई और लोकलाइजेशन और डिजिटल पर फोकस बढ़ा.
अप्रैल में Maruti की बिक्री रही शून्य
भारत में वाहन उद्योग की स्थिति का अंदाजा यात्री वाहनों (पैसेंजर व्हीकल्स) की बिक्री से लगाया जाता है. अप्रैल 2020 में लॉकडाउन के चलते वाहन कंपनियों की बिक्री को बड़ा झटका लगा. इस माह देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी की एक भी कार नहीं बिकी. मई के मध्य से लॉकडाउन धीरे-धीरे खुलना शुरू हुआ. लिहाजा वाहन कंपनियों का प्रॉडक्शन और बिक्री भी शुरू हुई. अप्रैल-जून तिमाही के दौरान पैसेंजर व्हीकल्स की सेल्स में 78.43 फीसदी की गिरावट आई. लगातार नौवीं तिमाही में वाहन बिक्री प्रभावित हुई और 20 साल में पहली बार क्षेत्र के लिये सबसे लंबे समय तक नरमी की स्थिति रही.
लॉकडाउन में रोज 2300 करोड़ का नुकसान
हाल ही में संसद की एक समिति ने जानकारी दी है कि लॉकडाउन के कारण देश के वाहन उद्योग को प्रतिदिन 2300 करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार का नुकसान हुआ. साथ ही क्षेत्र में करीब 3.45 लाख लोगों की नौकरियां जाने का अंदेशा है. 286 वाहन डीलरों की दुकानें बंद हो गयी हैं.
ऑटो मार्केट बना डिजिटल
कोरोना महामारी और लॉकडाउन ने देश के वाहन उद्योग में जो बड़ा बदलाव किया, वह यह कि कार और टूव्हीलर मार्केट डिजिटल हो गए. हुंडई, होंडा समेत विभिन्न कार कंपनियों और हीरो मोटोकॉर्प, रॉयल एनफील्ड, होंडा टूव्हीलर आदि टूव्हीलर कंपनियों ने ग्राहकों को वाहनों की ऑनलाइन बुकिंग और होम डिलीवरी की सुविधा शुरू की. वाहनों की टेस्ट ड्राइव भी ग्राहकों को घर पर ही मिलने की सहूलियत दी गई, जिससे व्हीकल शोरूम जाने की जरूरत खत्म हो गई.
लॉकडाउन में बंद पड़ी फैक्ट्रियों में मारुति सुजुकी ने वेंटिलेटर, मास्क और कई अन्य सेफ्टी एक्सेसरी बनाना शुरू किया. इस तरीके से मारुति ने संकट के काल में जो चीजें जरूरी थीं, उसकी सप्लाई में योगदान दिया.
सब्सक्रिप्शन सर्विस को मिला विस्तार
लॉकडाउन खुलने के बाद देश में वाहन बिक्री में धीरे-धीरे तेजी आनी शुरू हुई. सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए लोगों ने अपने वाहन से आने-जाने को वरीयता दी. इसका फायदा लेते हुए कार सब्सक्रिप्शन सर्विस में भी इजाफा हुआ. मारुति सुजुकी समेत कई कार कंपनियों ने ग्राहकों के लिए कार सब्सक्रिप्शन सर्विस को विस्तार दिया. कार सब्सक्रिप्शन से अर्थ है कि व्यक्ति किसी कंपनी की कार को बिना खरीदे, किराए पर लेकर चला सकता है. इस दौरान उसे पहले से तय मंथली किराए का भुगतान करना होता है.
साल 2021 को लेकर क्या है आशा
साल 2021 ऑटो इंडस्ट्री के लिए कैसा रहेगा, इस बारे में सोसाइटी ऑफ इंडिया ऑटोमोबाइल मैनुफैक्चरर्स (सियाम) के महानिदेशक राजेश मेनन का कहना है कि संकट के समय व्यक्तिगत वाहनों की बढ़ती मांग और आर्थिक गतिविधियों को धीरे-धीरे खोले जाने से क्षेत्र में कुछ तेजी आयी और यह है. उद्योग कुछ खंडों में रिवाइवल के संकेत देख रहा है. त्योहारों के दौरान कुछ खंडों में तेजी आयी, लेकिन कुल मिलाकर आने वाले समय में सामान्य आर्थिक परिदृश्य वाहन उद्योग के प्रदर्शन को निर्धारित करेगा.
बाजार में अनिश्चितताओं को देखते हुए मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आर सी भार्गव का कहना है कि भविष्य का आकलन करना कठिन है. लेकिन निश्चित रूप से अगला साल उतना बुरा नहीं होगा जितना कि 2020 रहा. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कामकाज पूरी रह ठप रहा. इससे स्थिति पर बड़ा फर्क पड़ा. उम्मीद है कि अगला साल इस वर्ष के मुकाबले बेहतर होगा. लेकिन यह कितना बेहतर होगा, बिक्री का लक्ष्य क्या होगा, यह देखने की बात होगी.
टाटा मोटर्स के प्रबंध निदेशक और सीईओ गुएंटेर बुशेक के मुताबिक, इकोनॉमिकल रिवाइवल के साथ आने वाले समय 2021 में बिक्री और उत्पादन दोनों बेहतर रहने की उम्मीद है. हुंडई मोटर इंडिया के प्रबंध निदेशक और सीईओ एस एस किम का कहना है कि 2021 में कुछ सुधार के संकेत निश्चित रूप से देखने को मिल सकते हैं. होंडा कार्स इंडिया के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और निदेशक (मार्केटिंग व सेल्स) राजेश गोयल कहते हैं कि स्वास्थ्य संकट अभी कुछ समय तक बने रहने की आशंका है. ऐसे में निजी वाहनों की मांग बढ़ने की उम्मीद है. इससे वाहन उद्योग को आने वाले महीनों में वृद्धि की गति बनाये रखने में मदद मिलेगी.
वाहनों के कल-पुर्जे उद्योग का प्रतिनिधित्व करने वाले ACMA के अध्यक्ष दीपक जैन का कहना है कि दो कठिन वर्ष 2019-20 और 2020-21 के बाद अगले वित्त वर्ष में रिवाइवल की उम्मीद है. 2021-22 में कोरोना वैक्सीन उपलब्ध होने की उम्मीद है. इससे उपभोक्ता धारणा के साथ-साथ आपूर्ति से जुड़ी धारणा बेहतर होगी. हालांकि कच्चे माल की उपलब्धता के साथ-साथ जिंसों के दाम में वृद्धि जैसी चुनौतियों से क्षेत्र पर प्रभाव पड़ेगा.
Input: PTI
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