/financial-express-hindi/media/post_banners/Tuuv5ZAzqgodwgFlYsWn.jpg)
2020-21 में आपको नई व्यवस्था का फायदा लेना चाहिए या पुरानी में ही बने रहना चाहिए.
2020-21 में आपको नई व्यवस्था का फायदा लेना चाहिए या पुरानी में ही बने रहना चाहिए.Budget 2020 Income Tax: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बजट पेश किया. बजट में सरकार द्वारा प्रस्तावित नई टैक्स व्यवस्था से आपके हाथ में ज्यादा पैसे आंएगे. इसमें विभिन्न स्लैब में टैक्स को कम कर दिया गया है. सीतारमण ने अपने दूसरे बजट में इनकम टैक्स की नई व्यवस्था का प्रस्ताव किया है जिसमें टैक्सपेयर्स यह चुन सकते हैं कि उन्हें वर्तमान में मौजूद टैक्स स्लैब के आधार पर कर का भुगतान कर सकते हैं और डिडक्शन का फायदा ले सकते हैं. या अगर आप नई व्यवस्था को चुनते हैं, तो आपको कम दर पर टैक्स का भुगतान करना है, लेकिन आपको इसमें डिडक्शन को छोड़ना होगा.
नये नियमों में जहां कम टैक्स का भुगतान करना होगा लेकिन आप किसी डिडक्शन का लाभ नहीं लेंगे. हालांकि, अगर आप होम लोन के रिपेमेंट और इंश्योरेंस के लिए बड़े डिडक्शन का लाभ लेते हैं, तब भी आप पुरानी व्यवस्था में रहते हुए कम टैक्स का फायदा ले सकते हैं.
तो यह सवाल मन में आता है कि 2020-21 में आपको नई व्यवस्था का फायदा लेना चाहिए या पुरानी में ही बने रहना चाहिए. आइए कुछ ऐसी चीजों के बारे में बताते हैं जिनकी मदद से आपको यह फैसला लेने में मदद मिलेगी.
टैक्स बचत योजनाओं में निवेश का दबाव नहीं
अगर आप नई टैक्स व्यवस्था को चुनते हैं, तो आप पर टैक्स डिडक्शन का लाभ लेने के लिए टैक्स-सेविंग इंश्योरेंस और इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट्स में निवेश करने का दबाव नहीं रहेगा. यह कम आय वाले टैक्सपेयर्स(जिनकी आय 10 लाख रुपये या कम है), उनके लिए अच्छा होगा.
निवेश करने की आजादी
सभी निवेश टैक्स की बचत के लिए नहीं किए जाते हैं. निवेश के कुछ ऐसे तरीके भी हैं जिसमें इनकम टैक्स की बचत नहीं होती है. उदाहरण के लिए, ज्यादातर म्यूचुअल फंड से टैक्स डिडक्शन का फायदा नहीं मिलता है. नई व्यवस्था के भीतर आप निवेश करने के लिए स्वतंत्र हैं. इसमें आपको छूट की सीमा का ध्यान रखना का दबाव नहीं है. आप दौलत जमा करने के लिए निवेश कर सकते हैं और इससे आपको निवेश के बेहतर फैसले लेने में मदद मिलती है. साथ ही, आप उन टैक्स बचत वाले निवेशों से बचते हैं जिनमें बुरा रिटर्न मिलता है.
वर्तमान में मौजूद निवेश और इंश्योरेंस पर ध्यान रखना
ऐसा कई बार होता है कि व्यक्ति ने पहले ही किसी इंश्योरेंस प्लान में निवेश किया है, या उसे होम लोन का भुगतान करना है. ऐसे कुछ बड़े साइज वाले डिडक्शन हो सकते हैं जिसके लिए आप योग्य हों. मान लिजिए आप सेक्शन 80C के भीतर 1.5 लाख रुपये के डिडक्शन लेते हैं, सेक्शन 24B के भीतर होम लोन ब्याज के लिए 2 लाख और हेल्थ इंश्योरेंस के लिए सेक्शन 80D के भीतर 50,000 रुपये का डिडक्शन लेते हैं. आपके पास कुल डिडक्शन 4 लाख रुपये का होगा. इससे आपके टैक्स की काफी बचत होगी. इसलिए ऐसी स्थिति में आपका पुरानी टैक्स व्यवस्था में रहना बेहतर है.
इंश्योरेंस में जरूर निवेश करें
नई व्यवस्था के भीतर आप लाइफ या हेल्थ इंश्योरेंस को नहीं खरीदने के बारे में सोच सकते हैं. आप यह सोच सकते हैं कि आप डिडक्शन का फायदा नहीं ले रहे, तो आपको इनकी जरूरत नहीं है. लोकिन यह सही नहीं है. इंश्योरेंस खरीदने से आपके परिवार को वित्तीय सुरक्षा मिलती है. टर्म प्लान के बिना आप पर निर्भर लोगों पर वित्तीय जोखिम रहेगा. हेल्थ इंश्योरेंस के बिना आपके बीमार होने पर बचत का काफी नुकसान होगा.
कैल्कुलेशन करें
सीतारमण ने कहा कि नई व्यवस्था से टैक्स व्यवस्था आसान होगी. लेकिन इसमें आपको दोनों में से चुनने का फैसला बड़ी ध्यान से करना होगा. इसलिए टैक्स कैल्कुलेटर का इस्तेमाल करें या अकाउंटेंट की सलाह लें और पूरी रिसर्च करें. सही फैसले से आपको ज्यादा बचत करने में मदद मिलेगी.
(By: Adhil Shetty, CEO, BankBazaar.com)
/financial-express-hindi/media/agency_attachments/PJD59wtzyQ2B4fdzFqpn.png)
Follow Us