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Budget 2020: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि उत्सर्जन मानकों का पालन नहीं करने वाले कोयला से चलने वाले पुराने बिजलीघरों को बंद किया जाएगा. उन्होंने वायु प्रदूषण में कमी लाने और उसे स्वच्छ बनाने के लिये 4,400 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. साथ ही अगले तीन साल में देश भर में परंपरागत मीटरों की स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का प्रस्ताव किया.
नई बिजली परियोजनाओं के लिये कंपनी कर में कटौती होगी
उन्होंने किसानों की बंजर जमीन पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने की प्रधानमंत्री कुसुम योजना का विस्तार भी किये जाने का एलान किया. इसका मकसद कृषि को डीजल मुक्त करना है. इसके अलावा मंत्री ने अपने बजट भाषण में संकेत दिया कि कर्ज में डूबी बिजली वितरण कंपनियों के वित्तीय दबाव में कमी लाने को लेकर नई योजना होगी और नई बिजली परियोजनाओं के लिये कंपनी कर में कटौती के जरिये प्रोत्साहन उपलब्ध कराया जाएगा.
सीतारमण ने कहा कि अभी भी कई तापीय बिजली परियोजनाएं हैं जो पुरानी हैं और उनके कार्बन उत्सर्जन का स्तर ऊंचा है. ऐसे बिजली संयंत्रों के लिये उनकी सलाह है कि जो कंपनियां उसे चला रही हैं, उन्हें बंद करें. इससे जो जमीन खाली होगी, उसका वैकल्पिक इस्तेमाल किया जाएगा. नई योजना को पर्यावरण मंत्रालय 4,400 करोड़ रुपये के खर्च से क्रियान्वित करेगा. उन्होंने कहा कि जिन बड़े शहरों में 10 लाख से ज्यादा आबादी है, स्वच्छ हवा चिंता का विषय है. सरकार का उन राज्यों को प्रोत्साहित करने का प्रस्ताव है जो 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों को स्वच्छ करने के लिये कदम उठाते हैं. प्रोत्साहन के लिये मानदंड को पर्यावरण मंत्रालय अधिसूचित करेगा. इसके लिये 2020-21 में 4,400 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं.
इस पहल के बारे में बिजली मंत्री आर के सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि कुछ संयंत्र हैं जिनके पास उत्सर्जन नियंत्रण उपकरण लगाने के लिये गुंजाइश नहीं है या वे उसे क्रियान्वित करने की स्थिति में नहीं हैं. वित्त मंत्रालय ने विद्युत क्षेत्र में निवेश आर्किषत करने के इरादे से बिजली उत्पादन से जुड़ी नई घरेलू कंपनियों के लिये रियायती दर पर 15 फीसदी कंपनी कर का प्रस्ताव किया.
बता दें कि कि सरकार ने विनिर्माण क्षेत्र में नई गठित कंपनियों के लिये 15 फीसदी कंपनी कर की घोषणा की थी. यह लाभ उन कंपनियों को मिलेगा जो 31 मार्च 2023 तक विनिर्माण कार्य शुरू करते हैं. अब इसे बिजली क्षेत्र पर भी लागू कर दिया गया है.
दबाव में बिजली वितरण कंपनियां: सीतारमण
सीतारमण ने कहा कि बिजली क्षेत्र में वितरण क्षेत्र में समस्या बनी हुई है. खासकर बिजली वितरण कंपनियां दबाव में हैं. वितरण कंपनियों में सुधार के उपाय किये जाएंगे. उन्होंने बिजली और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के लिये 2020-21 में 22,000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया. देश में बिजली वितरण कंपनियों की खराब वित्तीय स्थिति की वजह से बिजली क्षेत्र दबाव में है. सरकार ने वितरण कंपनियों को पटरी पर लाने की उज्ज्वल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना (उदय) नवंबर 2015 में शुरू की थी.
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बिजली वितरण कंपनियों के लिये संशोधित योजना के बारे में सिंह ने कहा कि मंत्रालय ने योजना का मसौदा तैयार किया है. इसे अंतिम रूप देकर मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिये भेजा जाएगा. बजट में स्वच्छ ऊर्जा पर जोर देते हुए वित्त मंत्री ने मौजूदा प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा उत्थन महाभियान (पीएम कुसुम) योजना का दायरा बढ़ाने का प्रस्ताव किया. इसके तहत करीब 35 लाख सौर पंप लगाने के लिये किसानों को सहायता उपलब्ध कराई जाएगी. उन्होंने इस योजना का दायरा बढ़ाकर इसके अंतर्गत 20 लाख किसानों को लाने का प्रस्ताव किया. योजना के तहत किसान सौर बिजली संयंत्र लगा सकेंगे और उसे ग्रिड को बेच सकेंगे.
पीएम कुसुम योजना को पिछले साल के बजट में पेश किया गया था. वित्त मंत्री ने यह भी कहा इस योजना के तहत किसान अपनी बंजर जमीन पर सौर बिजली उत्पादन क्षमता स्थापित कर सकेंगे और उसे ग्रिड को बेच सकेंगे. प्रीपेड स्मार्ट मीटर के बारे में सीतारमण ने अगले तीन साल में देश भर में परंपरागत मीटरों की स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का प्रस्ताव किया. उन्होंने इसके लिये राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से आग्रह किया है. इससे ग्राहकों को अपनी जरूरत के अनुसार बिजली आपूर्तिकर्ता और दर चुनने की आजादी मिलेगी.