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यह भाषण बजट इतिहास का सबसे लंबा भाषण है.
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Budget 2020 FM Nirmala Sitharaman Speech: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट पेश किया. इस बजट में उन्होंने अब तक किसानों से लेकर रेलवे, एजुकेशन और इंफ्रास्ट्रक्चर तक के लिए कई बड़े एलान किए हैं. वित्त मंत्री सीतारमण के बजट भाषण की अवधि की बात करें, तो ये उनका यह भाषण बजट इतिहास का सबसे लंबा भाषण है. इसके साथ ही उन्होंने अपने पूरे बजट भाषण में पांच भाषाओं का इस्तेमाल किया. उन्होंने कई कवियों की पंक्तियों को अपने भाषण में शामिल किया.
समयावधि
निर्मला सीतारमण ने अपना बजट भाषण 11 बजकर 1 मिनट पर शुरू किया और यह भाषण 1 बजकर 41 मिनट तक खत्म हुआ. इस बजट भाषण की अवधि करीब 2 घंटे 40 मिनट की रही. इस तरह ये बजट के इतिहास की सबसे लंबी स्पीच रही. इससे पहले निर्मला सीतारमण ने जुलाई 2019 में 2 घंटे 15 मिनट की अवधि का भाषण दिया था. इस दौरान सत्तापक्ष के सदस्यों ने 95 बार मेज थपथपा कर बजट घोषणाओं का स्वागत किया.
सीतारमण अस्वस्थ होने की वजह से बजट भाषण के कुछ पन्ने नहीं पढ़ सकीं. बजट भाषण पढ़ते समय उनकी तबियत कुछ खराब हुई तो उन्होंने तीन बार पानी पिया. हालांकि इससे कुछ फायदा नहीं हुआ. तब सदन में विपक्ष के सदस्यों ने उनसे बजट दस्तावेज सभापटल पर रखने का आग्रह किया. इस पर सीतारमण ने कहा कि सिर्फ दो पन्ने बचे हैं. वित्त मंत्री ने दोबारा बजट पढ़ने की कोशिश की लेकिन वे ठीक से नहीं पढ़ पा रही थीं.
सदन में पास ही बैठे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से कुछ कहा. इसके बाद गडकरी ने टॉफी निकाल कर सीतारमण को दी. लेकिन इसके बाद भी परेशानी बरकरार रहने पर कुछ केंद्रीय मंत्रियों ने बजट दस्तावेज सभा पटल पर रखने का आग्रह किया. तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय और काकोली घोष दस्तीदार भी वित्त मंत्री को टॉफी जैसी किसी चीज की पेशकश करते नजर आए. बाद में वित्त मंत्री ने लोकसभा अध्यक्ष की अनुमति से बजट भाषण सभा पटल पर रख दिया.
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भाषाएं
निर्मला सीतारमण के इस बजट भाषण में कुल 5 भाषाएं शामिल थीं. उन्होंने अपनी स्पीच में अंग्रेजी और हिंदी के साथ कश्मीरी, तमिल और संस्कृत का भी इस्तेमाल किया. बजट भाषण की शुरूआत में सीतारमण ने महत्वाकांक्षी भारत, सबके लिये आर्थिक विकास और हमारा संरक्षित समाज विषय पर तीन शीर्षक में बजट की शुरूआत की. उन्होंने कहा कि इससे पहले कि वे तीन विषयों पर विस्तृत चर्चा करें, वे कश्मीरी में एक छोटी सी कविता बोलना चाहती हैं.
इसके बाद वित्त मंत्री ने कश्मीरी भाषा में पंडित दीनानाथ कौल द्वारा लिखी कविता पढ़ी. इसके बाद उन्होंने हिन्दी और अंग्रेजी में इसका अनुवाद भी किया. सीतारमण ने कविता पढ़ी- ''मेरा वतन, गुलजार शालीमार बाग जैसा, मेरा वतन, डल लेक में खिलते हुए कमल जैसा, नौजवानों के गर्म खून जैसा. मेरा वतन, तेरा वतन, हमारा वतन दुनिया में सबसे प्यारा वतन.
बजट भाषण पढ़ते हुए सीतारमण ने महाकवि कालिदास रचित रघुवंश के सर्ग 1 दोहा 18 को संस्कृत में पढ़ा और फिर उसे हिन्दी में भी समझाया. उन्होंने रघुवंश के सर्ग का उल्लेख करते हुए कहा कि सूर्य जल की नन्हीं बूंदों से वाष्प लेता है. यही राजा भी करता है. बदले में ये प्रचूर मात्रा में लौटाते हैं. वे लोगों के कल्याण के लिये संग्रह करते हैं.