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अगले साल 2021 में स्मार्टफोन इंडस्ट्री में 20 फीसदी तक की ग्रोथ रहेगी. (Image- Reuters)
Union Budget 2021 Expectations for Mobile Handesets: अगली पीढ़ी के नेटवर्क 5जी का बहुत बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है. डिजिटल इंडिया की मुहिम के अलावा इस साल कोरोना महामारी के कारण उपजी परिस्थितियों के बीच भी मजबूत नेटवर्क की जरूरत महसूस हो रही है. इसके अलावा स्मार्टफोन की मांग भी लगातार बढ़ रही है. कोरोना महामारी के कारण दुनिया भर में लोग अधिकतर संभव काम ऑनलाइन ही निपटा रहे हैं. अब ऑनलाइन क्लासेज भी तेजी से प्रसिद्धि बटोर रही हैं और ऑनलाइन लोगों को स्वास्थ्य सलाह भी दिए जा रहे हैं. ऐसे में बजट से उम्मीद लगाई जा रही है कि इसमें सामान्य स्मार्टफोन के साथ-साथ 5जी हैंडसेट्स को लेकर भी प्रोत्साहन मिलेगा. दूससंचार कंपनी एरिक्सन की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2026 तक दुनिया भर में 350 करोड़ 5जी कनेक्शन होंगे और भारत में 35 करोड़ 5जी यूजर्स होंगे जो कुल मोबाइल यूजर्स का 27 फीसदी हिस्सा होगा.
Financial Express Online (Hindi) ने इसे लेकर अपने पाठकों के एक बीच पोल शुरू किया जिसमें 40 फीसदी लोगों ने माना कि बजट में 5 जी हैंडसेट्स पर जोर दिया जाना चाहिए. पोल में पाठकों से पूछा गया था कि बजट 2021 में वे मोबाइल फोन को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से क्या उम्मीद रखते हैं. पाठकों का मानना है कि सरकार को स्वदेशी को बढ़ावा देने के लिए नीतियां बनानी चाहिए.
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5जी हैंडसेट्स पर जोर
पोल में पाठकों से पूछा गया था कि बजट 2021 में वित्त मंत्री से मोबाइल फोन को लेकर क्या उम्मीद रखते हैं और इसके लिए उन्हें तीन विकल्प दिए गए थे; इंपोर्ट ड्यूटी में वृद्धि, 5जी हैंडसेट्स पर जोर और लोकल हैंडसेट की कम कीमतें. इस पोल में 40 फीसदी लोगों ने कहा कि बजट में 5जी हैंडसेट्स पर जोर दिया जाना चाहिए. 5जी नेटवर्क को लेकर लंबे समय से इंतजार किया जा रहा है. इसे लेकर बजट मे उम्मीद की जा रही है कि सरकार इसे प्रोत्साहित करने के लिए घोषणाएं कर सकती है. कुछ दिनों पहले इंडिया मोबाइल कांग्रेस को संबोधित करते हुए रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा था कि रिलायंस जियो भारत में 5जी की अगुवाई करेगी और इसे दूसरी छमाही में लांच कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि 5जी को जल्द शुरू करने के लिए सरकार को जरूरी नीतियां बनानी चाहिए. हालांकि 5जी नेटवर्क पर भारती एयरटेल के प्रमुख सुनील मित्तल का कहना है कि इसे आने में अभी दो से तीन साल लग सकते हैं.
इंपोर्ट ड्यूटी में बढ़ोतरी और सस्ते लोकल हैंडसेट
देश में चाइनीज मोबाइल का दबदबा कायम है. इस साल सबसे अधिक स्मार्टफोन शिपमेंट के मामले में लगातार दो तिमाही शाओमी का मार्केट शेयर अधिक रहा, हालांकि तीसरी तिमाही में सैमसंग ने 1 फीसदी के अंतर से शाओमी को मार्केट शेयर के मामले में दूसरे स्थान पर पछाड़ दिया. काउंटरप्वाइंट रिसर्च की वेबसाइट के मुताबिक मार्केट शेयर के मुताबिक इस साल तीसरे स्थान पर वीवो, चौथे स्थान पर रियलमी और पांचवे स्थान पर ओप्पो का स्थान रहा. इन पांच टॉप फाइव स्मार्टफोन में सैमसंग को छोड़कर शेष चार चाइनीज कंपनियों के हैंडसेट हैं. सैमसंग दक्षिण कोरियाई कंपनी है. एंटी-चाइना सेंटीमेंट और मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए 33 फीसदी लोगों ने उम्मीद जताई है कि सरकार इंपोर्ट ड्यूटी में वृद्धि करेगी और 33 फीसदी लोगों ने आशा जताई है कि बजट में लोकल हैंडसेट की कीमतें कम रखने को लेकर नीति का उल्लेख किया जाएगा.
काउंटरप्वाइंट रिसर्च के सीनियर एनालिस्ट प्राचीर सिंह के मुताबिक अगले साल 2021 में स्मार्टफोन इंडस्ट्री में 20 फीसदी तक की ग्रोथ रहेगी. भारतीयों को उम्मीद है कि सरकार इस ग्रोथ में भारतीय कंपनियों की हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए इंपोर्ट ड्यूटी में बढ़ोतरी और लोकल हैंडसेट की कीमतें कम करने के लिए जरूरी प्रावधान करेगी. इंपोर्ट ड्यूटी में बढ़ोतरी से विदेशों से आयातित हैंडसेट्स महंगे हो जाएंगे जिससे अधिकतर लोग स्थानीय हैंडसेट्स को प्रायोरिटी देंगे. इस साल मार्च में केंद्र सरकार ने आयातित हैंडसेट्स पर 10 फीसदी सर्विस वेलफेयर सेस लगा दिया और इसके अलावा इन हैंडसेट्स पर 20 फीसदी की बेसिक कस्टम ड्यूटी लगती है. इसके अलावा सरकार ने मार्च में पीसीबीए (प्रिंटेड सर्किट बोर्ड एसेंबली) पर इंपोर्ट ड्यूटी को 10 फीसदी से 20 फीसदी और चार्जर्स पर इंपोर्ट ड्यूटी 15 फीसदी से 20 फीसदी कर दिया. इस साल अक्टूबर 2020 में केंद्र सरकार ने स्मार्टफोन के डिस्प्ले और टच पैनल पर 10 फीसदी का इंपोर्ट ड्यूटी लगाने का फैसला किया था.