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Budget 2021: चमड़े के बैग, बहीखाते से लेकर टैब तक; कैसे बदली बजट ब्रीफकेस की परंपरा

Union Budget 2021 India: यह बजट टैब पारंपरिक बही खाते की जगह लेगा.

Union Budget 2021 India: यह बजट टैब पारंपरिक बही खाते की जगह लेगा.

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Budget 2021-22, Union Budget 2021

यह बजट टैब पारंपरिक बही खाते की जगह लेगा.

Indian Union Budget 2021-22: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश करेंगी. यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का तीसरा बजट है. कोरोना महामारी और उसके बाद आर्थिक संकट के कारण यह बजट बहुत महत्वपूर्ण हो गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बार बजट 2021-22 संसद में एक टैब के जरिए पेश करेंगी. यह बजट टैब पारंपरिक बही खाते की जगह लेगा. यह टैब बहीखाते के समान लाल रंग के कपड़े में नजर आया. इसके ऊपर भारत सरकार का चिह्न है. इस बार कोरोना वायरस महामारी की वजह से बजट पूरी तरह पेपरलेस होगा.

अपने पहले दो बजट में सीतारमण के लाल रंग के बहीखाता में दस्तावेजों को लाए थीं. यह बहीखाता लाल रंग का ही था. कपड़े के ऊपर भारत सरकार का चिह्न भी था.

जुलाई 2019 में आया बहीखाता

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सबसे पहली बार जुलाई 2019 के बजट की कॉपी अलग अंदाज में दिखाई दी थी. हर बार बजट दस्तावेज जहां यह बड़े ब्रीफकेस में होता था. वहीं, 2019 में निर्मला सीतारमण इसे लाल रंग के मखमली कपड़े में लेकर मीडिया के सामने आईं. कपड़े के ऊपर भारत सरकार का चिह्न भी था. मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यन ने इस बारे में बताया था कि यह भारतीय परंपरा है. यह पश्चिमी विचारों की गुलामी से निकलने का प्रतीक है. यह बजट नहीं बही खाता है.

सूटकेस की क्या है कहानी?

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साल 1860 में ब्रिटेन के चांसलर ऑफ दी एक्सचेकर चीफ विलियम एवर्ट ग्लैडस्टन ने पहली बार भारत का बजट पेश किया था. वो लंबे भाषण देने के लिए जाने जाते थे. ऐसे में उनको अपने पेपर्स (डाक्यूमेंट्स) रखने के लिए एक बड़े सूटकेस की जरूरत महसूस हुई. यहीं से लंबे भाषणों का चलन निकल पड़ा. वो अपने पेपर्स इसी बैग में लेकर आए थे. तभी ये यह सूटकेस की परंपरा चलन में आई. इन पेपर्स पर ब्रिटेन की क्वीन का गोल्ड मोनोग्राम था. क्वीन ने बजट पेश करने के लिए यह सूटकेस खुद ग्लैडस्टन को दिया था. ब्रिटेन का रेड ग्लैडस्टन बजट बॉक्स साल 2010 तक चलन में था. बाद में यह सूटकेस इतना जर्जर हो गया था कि इसे म्यूजियम में रख दिया और उसकी जगह एक फ्रेश रेड लेदर बजट बॉक्स का इस्तेमाल होने लगा.

हर साल बदला रंग और आकार

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हालांकि, भारत के बजट बैग का रंग और आकार हर साल बदलता रहा. भारत के बजट बॉक्स या सूटकेस पर ब्रिटिश उपनिवेश का असर रहा है. आजादी के बाद भी भारत में लेदर बैग की इस परंपरा को जारी रखा गया. सूटकेस की यह परंपरा भारत सरकार को विरासत में मिली है. चमड़े के इस लाल बैग में भारत की दशा-दिशा और उसकी प्रगति का लेखा-जोखा इस बैग में बंद रहता है.

बजट 2021 Live News Updates: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी ‘पेपरलेस बजट’

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जब भारत 1947 में आजाद हो गया था. तब भी बजट बैग की इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए 26 नवंबर 1947 को स्वतंत्र भारत के पहले वित्त मंत्री शणमुखम शेट्टी ने भी बजट पेश करने के लिए यही सूटकेस लाया था. 1998-99 के बजट के दौरान, वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने काले रंग के चमड़े के बैग को पट्टियों और बकल के साथ प्रचलन में लेकर आए थे जबकि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने 1991 में अपने प्रसिद्ध बजट के दौरान एक सादे काले रंग के बैग को प्रथमिकता दी.

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