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इस बार बजट में उद्योग संगठन को स्वास्थ्य क्षेत्र में एक बड़ी पहल की उम्मीद है. (Representational Image)
Budget 2021: उद्योग मंडल एसोचैम ने वित्त मंत्रालय से 2021-22 के बजट में कोविड-19 वैक्सीन के रिसर्च एवं डेवलपमेंट पर खर्च के लिए टैक्स गणना में 200 फीसदी की कटौती की अनुमति देने का आग्रह किया है. उद्योग मंडल ने वित्त मंत्रालय को दिये बजट-पूर्व मेमोरेंडम में कहा है कि वैज्ञानिक अनुसंधान से संबद्ध आयकर कानून की धारा 35 में कोविड-19 से जुड़े रिसर्च को भी शामिल किया जाना चाहिए. एसोचैम के अनुसार फिलहाल आयकर कानून की धारा 35 के तहत वैज्ञानिक शोध पर होने पर खर्च को लेकर 100 फीसदी कटौती का प्रावधान है. वित्त वर्ष 2021-22 का बजट एक फरवरी को पेश किए जाने की संभावना है.
एसोचैम ने सुझाव दिया है, ‘‘करदाताओं को कोविड-19 के टीके/इलाज की खोज के लिए प्रोत्साहित करने और अन्य मूल दवाओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए शोध पर खर्च की जाने वाली राशि के एवज में 200 फीसदी विशेष कटौती का प्रावधान किया जाना चाहिए.....’’ उद्योग मंडल के अनुसार 200 फीसदी की यह छूट उन दानदाताओं को (प्रवासी समेत) भी मिलनी चाहिए जो वैक्सीन के विकास से जुड़े भारतीय संस्थानों में योगदान करते हैं. इसके अलावा इसी प्रकार की छूट इस प्रकार की गतिविधियों के लिए कंपनियों को भी मिलनी चाहिए. यह छूट कैपिटल एक्सपेंडिचर पर दी जानी चाहिए. हालांकि इसमें जमीन या इमारत पर होने वाले खर्च को शामिल नहीं किया जाना चाहिए.
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स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बड़ी पहल की उम्मीद
एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा, ‘‘हम 2021-22 के बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए एक ठोस और बड़ी पहल की उम्मीद कर रहे हैं. हमने अपने व्यापक बजट पूर्व ज्ञापन में यह कहा है कि वैक्सीन मैन्युफैक्चरिंग, डिस्ट्रिब्यूशन से संबद्ध पहलुओं पर होने वाले खर्च और पूरी हेल्थ चेन को किस प्रकार कर प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए. उद्योग मंडल ने यह भी सुझाव दिया है कि एकबारगी टैक्स डिडक्शन का लाभ उन कंपनियों को भी मिलना चाहिए, जिन्होंने कानून की धारा 115 बीएए के तहत कम टैक्स रेट का विकल्प चुना है. यह कम-से-कम दो वित्त वर्ष के लिये होना चाहिए.