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केंद्र सरकार द्वारा बजट में ड्यूटी बढ़ाए जाने का फैसला किसी खास देश को लक्ष्य बनाकर नहीं लिया जाएगा लेकिन इससे सबसे अधिक प्रभावित चीन ही होगा.
Indian Union Budget 2021-22: अगले वित्त वर्ष 2021-22 के लिए बजट में कुछ इलेक्ट्रॉनिक्स व इलेक्ट्रिकल सामानों और ऑटो पार्ट्स समेत कई उत्पादों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाई जा सकती है. बजट में यह ऐलान स्थानीय स्तर पर मैनुफैक्चरिंग को बढ़ावा देने और मानक स्तर से कम के व गैर-जरूरी चीजों के आयात को कम करने के लिए किया जा सकता है. हालांकि यह बढ़ोतरी कुल आयात के महज एक छोटे से हिस्से लगभग कुछ अरब डॉलर के आयात को प्रभावित को प्रभावित कर सकती है. वित्त वर्ष 2020-21 में भारत का कुल आयात 475 अरब डॉलर (34.73 लाख करोड़ रुपये) का था.
एक ऑफिशियल स्रोत ने फाइनेंसियल एक्सप्रेस को बताया कि प्रॉडक्ट्स की सूची तैयार कर ली गई है जिनकी कस्टम ड्यूटी को लेकर बजट में घोषणा की जाएगी. स्रोत के मुताबिक सरकार के इस कदम का उद्देश्य राजस्व बढ़ाने की बजाय 'आत्मनिर्भर भारत' कार्यक्रम को बढ़ावा देना है. बजट 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी.
जिनका विकल्प मौजूद, उन पर बढ़ेगी ड्यूटी
स्रोत के मुताबिक, कस्टम ड्यूटी बढ़ाए जाने के फैसले का मतलब आयात को कम करना या संरक्षणवादी नीतियां अपनाना नहीं है. सरकार सिर्फ उन्हीं प्रॉडक्ट्स के लिए बदलाव करेगी, जिनका मजबूत विकल्प भारत में पहले से मौजूद है या होने की संभावना है. कुछ मामलों में यह ड्यूटी को लेकर कई विसंगतियों को ठीक करेगी जहां कच्चे माल पर तैयार माल की तुलना में अधिक टैक्स लिया जा रहा है. इंडस्ट्री सोर्सेज के मुताबिक ड्यूटी में करीब 100 टैरिफ लाइन्स की बढ़ोतरी की जा सकती है.
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1173 सामानों के आयात में चीन की 17% की हिस्सेदारी
चालू वित्त वर्ष की शुरुआत में इंडस्ट्री एग्जेक्यूटिव्स ने ऑटो पॉर्ट्स, एसी व रेफ्रिजेरेटर्स के लिए कंप्रेसर, स्टील व एलुमिनियम प्रॉडक्ट्स और इलेक्ट्रॉनिक मशीनरी समेत 1173 सामानों की सूची तैयार की थी जिस पर सरकार आयात शुल्क बढ़ा सकती थी. इनमें से अधिकतर सामानों को चीन से आयात किया जाता है और बिना किसी अधिक दिक्कत के इनका विकल्प भारत में तैयार किया जा सकता है. इन सभी 1173 आइटम्स को वित्त वर्ष 2019 में चीन से 1200 करोड़ डॉलर (87.8 हजार करोड़ रुपये) में आयात किया गया था. भारत के कुल आयात में इनकी हिस्सेदारी महज 2.3 फीसदी है. हालांकि अगर सिर्फ चीन से आयात की बात करें तो इन 1173 सामानों की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2019 में 17 फीसदी की रही.
पिछले बजट में कुछ सामानों पर बढ़ाई गई थी ड्यूटी
केंद्र सरकार द्वारा बजट में ड्यूटी बढ़ाए जाने का फैसला किसी खास देश को लक्ष्य बनाकर नहीं लिया जाएगा लेकिन इससे सबसे अधिक प्रभावित चीन ही होगा. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि भारत में सस्ते और कम गुणवत्ता वाले उत्पाद सबसे अधिक चीन से ही आते हैं. वित्त वर्ष 2021 के लिए बजट पेश होने वाले से पहले कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्ट्री ने सुझाव दिया था कि फुटवियर, फर्नीचर, टीवी पार्ट्स, केमिकल्स और खिलौने समेत 300 सामानों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाए जाने का सुझाव दिया था. मंत्रालय ने इन्हें गैर-जरूरी आयात कहा था. बजट में इनमें से कई दर्जन सामानों पर ड्यूटी तो बढ़ाई गई लेकिन सभी सामानों के लिए ऐसा फैसला नहीं लिया गया.
(Story: Banikinkar Pattanayak)