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रियल एस्टेट सेक्टर को अब आने वाले बजट से बड़ी उम्मीदें हैं.
Union Budget 2021-22 Expectations for Real Estate: रियल एस्टेट सेक्टर को अब आने वाले बजट से बड़ी उम्मीदें हैं. उद्योग को सुव्यवस्थित करने और रूके प्रोजेक्ट्स के लिए लिक्विडिटी विकल्पों को उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने 2020 के दौरान भी कई विकल्प और एलान किए थे. सरकार को पिछले साल के कदमों को देखते हुए, ऐसे एलान करने चाहिए जिन्हें छोटी अवधि में लागू किया जा सकता है.
अथॉरिटीज को रेरा के अधीन लाया जाए
रहेजा डेवलपर्स के सीओओ अचल रैना ने कहा कि सबसे पहली जरूरत यह देखने की है कि मंजूरियों को सिंगल विन्डो क्लीयरेंस के जरिए उपलब्ध कराया जाए. यह मांग पिछले कुछ समय से बनी हुई है. मंजूरी देने के लिए जिम्मेदार अथॉरिटीज को भी रेरा के अधीन लाया जा सकता है, जिससे यह सुनिश्चित हो कि मंजूरी मिलने में ज्यादा समय न लगे. अगर सिंगल विन्डो क्लीयरेंस का नहीं किया गया, तो यह कदम एक विकल्प हो सकता है.
उन्होंने आगे कहा कि हम सब जानते हैं कि सरकार हाउसिंग फोर ऑल का प्रचार कर रही है और इसे वास्तविकता बनने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि निर्माण की लागत को काबू में करके रियल एस्टेट पर लागत के दबाव को आसान किया जा सके. उनके मुताबिक, बजट में अफोर्डेबल हाउसिंग के तहत, घरों के लिए किफायती मैटिरियल से जुड़ा एलान होना चाहिए.
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रियल एस्टेट सेक्टर को सरकार से समर्थन चाहिए और हर भारतीय को अपना घर चाहिए. कीमत और देरी मुख्य चुनौतियां हैं. सरकार को इनकम टैक्स प्रोत्साहन, डेवलपर्स, किफायती कीमत पर जमीन और अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए बड़े शहरों में जमीन की सप्लाई जैसे कदम उठाने चाहिए. मांगों की सूची बहुत बड़ी है क्योंकि बजट में लक्ष्य सभी लोगों को बजट में किफायती घर उपलब्ध कराना है.
(Input: ANI)