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Union Budget 2021 India: बजट 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पीपीपी मॉडल ने देश में किसान रेल चलाने का एलान किया था.
Indian Union Budget 2021-22: बीते अक्टूबर में नागपुर से दिल्ली के लिए किसानों द्वारा उगाए गए फल को लेकर एक ट्रेन चली तो यह किसान रेल की फेहरिस्त में एक और नंबर शामिल हो गया. किसानों और व्यापारियों से मिले बेहतर रिस्पांस के चलते 7 अगस्त से 15 अक्टूबर 2020 के बीच तक रेलवे अबतक 5 किसान रेल (किसानों के लिए खास ट्रेन सर्विस) चला चुकी है. बजट 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पीपीपी मॉडल ने देश में किसान रेल चलाने का एलान किया था. किसान रेल के जरिए किसानों की उपज को सीधे मंडियों में पहुंचाया जा रहा है.
बजट एलानों के अनुसार पार्सल की बुकिंग स्टेशन पर हो रही है. हर स्टेशन पर किसान अपना पार्सल चढ़ा-उतार सकते हैं. इसका बड़ा फायदा यह है कि उपज के मंडियों में पहुंचने में समय कम लग रहा है, वहीं लागत भी घटी है.
अबतक चल रही ये ट्रेनें
- किसान रेल- देवाली (महाराष्ट्र) से दानापुर (बिहार)
- किसान रेल- अनंतपुर (आंध्र प्रदेश) से नई दिल्ली
- किसान रेल- बंगलुरू (कर्नाटक) से हजरत निजामुद्दीन (दिल्ली)
- किसान रेल- नागपुर (महाराष्ट्र) से दिल्ली
- किसान रेल- इंदौर (मध्य प्रदेश) से गुवाहाटी (असम)
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क्या है किसान रेल?
दरअसल, किसान रेल एक तरह की स्पेशल पार्सन ट्रेन होगी जिसमे अनाज, फल और सब्जियों को लाने ले जाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा. बजट 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किसान रेल का एलान किया था. यह पीपीपी मॉडल पर चलाई जाने वाली रेल सेवा है, जो किसानों द्वारा उगाए गए उपज, फल व सब्जियों को सीधे मंडी तक पहुंचाएंगी. इसमें माल भाड़े में किसानों को 50 फीसदी सब्सिडी देने का प्रावधान है. यानी किसानों को अपनी उपज को मंडियों में पहुंचाने की लागत कम होगी. वहीं, समय भी बचेगा. ताजे फल और सब्जियां मंडियों तक कम समय में पहुंच जाएंगे. किसान ट्रेनें पूरी तरह से वातानुकूलित होंगी.
किसान व उपभोक्ताओं दोनों के लिए फायदेमंद
पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान रेल को किसान और उपभोक्ता दोनों के लिए फायदेमंद बताया. उन्होंने कहा कि इससे फल-सब्जी की कीमतें घटाने-बढ़ाने का खेल खेलने वालों के लिए अवसर कम होंगे. असल में इस तरह की सुविधाओं से खराब मौसम या दूसरे तरह के संकट मसलन बाढ़ आदि के समय भी बाजारों में ताजे फल और सब्जी की कमी नहीं होगी और कीमत कीमतें घटाने-बढ़ाने का खेल बंद होगा.
यह एक तरह से रेल लाइन पर दौड़ता हुआ कोल्ड स्टोरेज होगा. असल में फल सब्जियों का ताजा रखने के लिए किसान रेल को पूरी तरह से वातानुकूलित बनाया गया है. इससे जल्द खराब होने वाले कृषि उत्पादों की सुरक्षित ढुलाई जहां हो सकेगी, वहीं किराया कम होगा. इससे किसान दूध और फल और सब्जी का उत्पादन बढ़ाने को प्रोत्साहित होंगे.