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टैक्स पर राहत का इंतजार कर रहे टैक्स पेयर को इस बार बजट में भी निराशा हाथ लगी है.
Tax Reforms in Budget 2022: टैक्स पर राहत का इंतजार कर रहे टैक्स पेयर को इस बार बजट में भी निराशा हाथ लगी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को बजट पेश करते हुए इनकम टैक्स स्लैब में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया है. टैक्स फ्री इनकम की लिमिट बढ़ाने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा कोई एलान नहीं हुआ. हालांकि ITR पर राहत दी गई है. टैक्सपेयर्स के लिए इनकम टैक्स नियमों में बदलाव करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि टैक्सपेयर्स असेसमेंट ईयर के खत्म होने के 2 साल तक इनकम टैक्स रिटर्न अपडेट कर सकता है. वह 2 साल के अंदर किसी भी तरह की गलती सुधार सकता है. इसके लिए इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 139 में एक नया सब सेक्शन (8A) शामिल किया जाएगा.
ITR पर मिली बड़ी राहत
इनकम टैक्स के मामले में रिफॉर्म करते हुए वित्त मंत्री ने टैक्स पेयर्स को इनकम टैक्स रिटर्न यानी ITR पर राहत दी है. बजट में एलान किया गया कि ITR दाखिल करने के बाद उसे 2 साल तक अपडेट कर सकेंगे. टैक्सपेयर्स असेसमेंट ईयर के खत्म होने के 2 साल तक इनकम टैक्स रिटर्न में सुधार किया जा सकता है. हालांकि अतिरिक्त इनकम पर बकाया ब्याज और टैक्स पर अतिरिक्त 25 से 50 फीसदी टैक्स चुकाना होगा.
TradeSmart के CEO विकास सिंघानिया का कहना है कि निवेशकों को यह राहत मिली है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में विशेष रूप से इक्विटी निवेश पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस पर टैक्स में किसी भी बढ़ोतरी की घोषणा नहीं की है. इक्विटी पर LTCG को 15 प्रतिशत पर सीमित कर दिया है, जो अनलिस्टेड कंपनियों के शेयरधारकों के लिए फायदेमंद होना चाहिए. कॉरपोरेट इंडिया पर भी कोई नया टैक्स नहीं लगाया गया है. अनलिस्टेड कंपनियों पर LTCG की लिमिट एचएनआई और उद्यम पूंजीपतियों के लिए भी अच्छी है.
मौजूदा टैक्स स्लैब
आय टैक्स
2.5 लाख 0%
2.5-5 लाख 5%
5-7.5 लाख 10%
7.5-10 लाख 15%
10-12.5 लाख 20%
12.5-15 लाख 25%
15 लाख+ 30%
टैक्स पर और क्या हुए एलान
बजट में कॉर्पोरेट टैक्स को 18 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी कर दिया गया है. किसी भी LTCG टैक्स पर 15 फीसदी से ज्यादा सरचार्ज नहीं लगाया जा सकता है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन का कहना है कि कोऑपरेटिव सोसायटी, जिनकी आमदनी 1 से 10 करोड़ रुपये के बीच है, उन पर सरचार्ज को 12 से घटाकर 7 फीसदी किया गया है. आप अगर रिटर्न में किसी इनकम के बारे में जानकारी देना भूल गए हैं तो आपको उस इनकम को रिटर्न में शामिल करने की इजाजत मिलेगी. हालांकि उम्मीद थी कि 80C का दायरा बढ़ाया जाएगा, लेकिन 80C के तहत निवेश की पुरानी 1.5 लाख की लिमिट ही बनी रहेगी.