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इस तस्वीर में लार्ड माउंटबेटन के साथ कांग्रेस और मुस्लिम लीग के नेता मौजूद हैं. (Image: Indian Express Archives)
Budget 2022: अगले वित्त वर्ष 2022-23 का बजट 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) पेश करेंगी. यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट होगा. सरकार हर साल बजट पेश करती है जिसमें आय व खर्च के ब्यौरे के साथ-साथ अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाली घोषणाएं और प्रावधान किए जाते हैं. आजादी के बाद कई वित्त मंत्री आए, कुछ वित्त मंत्री ने पहली बार बजट पेश किया, कुछ ने अपने जन्मदिन पर बजट पेश किया और कुछ ने सबसे अधिक बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड बनाया. इसी प्रकार किसी ने सबसे लंबा बजट भाषण दिया और किसी ने सबसे छोटा बजट भाषण दिया. इन सबके बीच एक वित्त मंत्री ऐसे भी रहे जिन्होंने कभी भारत का बजट पेश किया था लेकिन कुछ समय बाद वह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने.
देश की पहली अंतरिम सरकार में वित्त मंत्री थे लियाकत अली खान
आजादी से पहले देश में पंडित जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनी थी. इसमें कांग्रेस और मुस्लिम लीग दोनों ने मिलकर सरकार बनाई थी. मुस्लिम लीग की तरफ से लियाकत अली को प्रतिनिधि बनाया गया था और वह अंतरिम सरकार में वित्त मंत्री बने. लियाकत अली खान ने अंतरिम सरकार के वित्त मंत्री के रूप में 2 फरवरी 1946 को लेजिस्लेटिव असेंबली भवन (आज के संसद भवन) में बजट पेश किया था.
उद्योगों को नहीं पसंद आया था खान का बजट
तत्कालीन वित्त मंत्री लियाकत अली खान ने इसे ‘पुअरमैन बजट’ (गरीबों का बजट) कहा था. लियाकत अली खान ने बजट प्रस्तावों को ‘सोशलिस्ट बजट’ भी कहा था. हालांकि यह बजट उद्योगों को पसंद नहीं आया था और उन्होंने बजट की कड़ी आलोचना की थी.
विभाजन के बाद पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री बने लियाकत अली खान
1947 में 14-15 अगस्त की आधी रात को देश का विभाजन हुआ और आजादी के बाद लियाकत अली खान पाकिस्तान चले गए. लियाकत अली खान मुस्लिम लीग के बड़े नेता थे और पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना के करीबी भी थे. आजादी के पहले तक वह अविभाजित भारत के वित्त मंत्री रहे और विभाजन के बाद पाकिस्तान जाने पर वह पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री बन गए. अविभाजित भारत में वह उत्तर प्रदेश के मेरठ और मुजफ्फरनगर से चुनाव लड़ते थे. उनका जन्म अविभाजित पंजाब के करनाल में हुआ था.