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Budget 2023: वित्त वर्ष 2024 के लिए बजट पेश होने में अब कुछ घंटे ही रह गए हैं.
Budget 2023, 10 Big Announcements to Watch: वित्त वर्ष 2024 के लिए बजट पेश होने में अब कुछ घंटे ही रह गए हैं. यह बजट साल 2024 में होने वाले आम चुनावों के पहले का फुल बजट होगा, इसलिए इस पर हर सेक्टर की निगाहें टिकी हैं. हर सेक्टर को उम्मीद है कि चुनावों के पहले सरकार से उन्हें कुछ न कुछ मिलेगा. हालांकि हमने यहां ऐसे 10 पॉपुलर डिमांड चुनी हैं, जिनकी बजट के पहले सबसे ज्यादा चर्चा है. इनमें कैपिटल गेंस टैक्स, इनडिविजुअल इनकम टैक्स, फिस्कल डेफिसिटडेफिसिट, फूड और फर्टिलाइजर सब्सिडी, रूरल सेक्टर, इंफ्रा सेक्टर, कल्याणकारी योजनाएं शामिल हैं.
Budget 2023: फिस्कल डेफिसिट पर रहेगी नजर, निवेश और खपत बढ़ाने के उपायों से Stock Market भरेगा उड़ान
1. कैपिटल गेंस टैक्स
अलग अलग ब्रोकरेज हाउस, मार्केट एक्सपर्ट की यह डिमांड है कि LTCG के लिए अभी होल्डिंग 12 महीने से अधिक है. इसमें शेयर बाजार से होने वाली 1 लाख रुपये से कमाई पर टैक्स लगता है. इस लिमिट को बढ़ाकर 2 से 2.5 लाख रुपये किया जाना चाहिए. इससे लंबी अवधि के निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा.
Tradingo के फाउंडर पार्थ न्याती का कहना है कि निवेशक जब पहले से ही STT के संदर्भ में टैक्स की एक बड़ी राशि का भुगतान कर रहे हैं, सरकार को भारत में निवेश और ज्यादा आकर्षित करने के लिए लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस पर राहत देना चाहिए.
2. फिस्कल डेफिसिट पर रहेगी नजर
PGIM इंडिया म्यूचुअल फंड के हेड-फिक्स्ड इनकम, पुनीत पाल का कहना है कि बजट केंद्र सरकार के राजस्व और खर्च को दिखाता है. सालों से इस अवसर का इस्तेमाल सरकार द्वारा टैक्स स्ट्रक्चर और सरकार की फिस्कल पॉलिसी को बदलने के लिए किया जाता रहा है. बॉन्ड बाजार के नजरिए से, फिस्कल डेफिसिट या केंद्र सरकार की उधारी बजट में ट्रैक करने के लिए महत्वपूर्ण वेरिएबल है. अनुमान है कि फिस्कल डेफिसिट FY23 में 6.40 फीसदी की तुलना में FY24 के लिए 6 फीसदी के आसपास हो सकता है.
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार के अनुसार बाजार की नजर वित्त वर्ष 2024 के लिए फिस्कल डेफिसिट पर रहेगी. 6 फीसदी से ऊपर का आंकड़ा बाजार को निराश करेगा, लेकिन इसकी आशंका कम है.
3. इनडिविजुअल इनकम टैक्स
आम बजट 2023 में वैकल्पिक टैक्स सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए पीपीएफ (PPF) जैसी टैक्स सेविंग स्कीम के जरिए कटौती की अनुमति दी जानी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने अधिकतम 30 फीसदी टैक्स स्लैब की लिमिट को भी 20 लाख रुपये तक बढ़ाने की मांग की है.
आर्थिक शोध संस्थान, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी में प्रोफेसर लेखा चक्रवर्ती के अनुसार इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80 सी के तहत निवेश सीमा को मौजूदा 1.5 लाख रुपये से बढ़ाया जा सकता है. इससे बचत को प्रोत्साहन मिलेगा.
4. इंश्योरेंस सेक्टर
Coverfox Group के CEO संजीब झा का कहना है कि इंश्योरेंस सेक्टर की पहुंच अभी कम है, वहीं डिजिटलीकरण की लिमिट और फाइनेंशियल इनक्लूजन में भी चुनौतियां बनी हुई हैं. यह ऐसा सेक्टर है, जिसमें ग्रोथ की संभावनाएं बहुत ज्यादा हैं. ऐसे में बजट 2023 इस सेक्टर को वित्तीय राहत दे सकता है. इंश्योरेंस प्रीमियम के अगेंस्ट प्रभावी टैक्स डिडक्शन स्कीम, इेश्योरेंस को अधिक किफायती बनाने के लिए जीएसटी में कमी और टियर 2 और टियर 3 बाजारों में पहुंच को बढ़ावा देकर ऐसा संभव हो सकता है. वहीं कुछ एक्सपर्ट ने बजट में फर्स्ट टाइम लाइफ इंश्योरेंस कराने वालों को टैक्स इंसेटिव की भी मांग की है.
5. कल्याणकारी योजनाओं का विस्तार
आगामी बजट रूरल सेक्टर पर फोकस हो सकता है. कल्याणकारी योजनाओं के विस्तार सहित ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर अतिरिक्त खर्च की आवश्यकता हो सकती है. खेती किसानी को लेकर कुछ बड़े एलान किए जा सकते हैं.
6. MSMEs सेक्टर
एक्सपर्ट ने MSMEs के लिए NPA क्लासिफिकेशन की अवधि को 90 दिनों से बढ़ाकर 180 दिन करने का भी सुझाव दिया. क्योंकि कई मामलों में एंटरप्राइजेज का वर्किंग साइकिल 90-दिन की अवधि से बहुत अधिक होता है. भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के अनुसार, लोन को NPA के रूप में क्लासिफाइड किया जा सकता है यदि वे 90 दिनों से अधिक समय से ओवरड्यू हैं.
7. म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री
बहुत से लोग आज रिटायरमेंट लक्ष्यों को पूरा करने के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं. वर्तमान में, नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में निवेश करने पर आयकर अधिनियम की धारा 80CCD के तहत 50,000 रुपये की अतिरिक्त टैक्स छूट मिल रही है. म्युचुअल फंड इंडस्ट्री की मांग है कि म्युचुअल फंड रिटायरमेंट/पेंशन स्कीम को भी आयकर धारा 80CCD के दायरे में लाया जाना चाहिए.
8. हेल्थकेयर इंडस्ट्री
फार्मा इंडस्ट्री के संगठनों ने उम्मीद जताई है कि आम बजट में सरकार इनोवेशन के साथ रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर ध्यान देते हुए क्षेत्र के लिए रेगुलेशन के सरलीकरण के लिए कदम उठाएगी. वहीं पेशेवर चिकित्सा कर्मियों की कमी की समस्या को सुलझाने की जरूरत है. घरेलू फार्मा इंडस्ट्री का आकार फिलहाल 50 अरब डॉलर का है. इसके 2030 तक 130 अरब डॉलर, जबकि 2047 तक 450 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है.
9. इंफ्रास्ट्रक्चर
बजट में ग्रामीण अर्थव्यवस्था के अलावा, आवास, इंफ्रास्ट्रक्चर और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर प्रमुख फोकस वाले एरिया होंगे.
10. फूड सब्सिडी
फूड सब्सिडी बिल पर नजर रहेगी. दिसंबर में, सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत मुफ्त खाद्यान्न योजना को 2023 के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत लाकर कोविड राहत योजना का विस्तार किया है. 2015-16 से 2019-20 तक, केंद्र की एनुअल फूड सब्सिडी औसतन 1.1 लाख करोड़ रुपये थी. इस तरह, जबकि अगले साल का बिल इस आंकड़े से लगभग दोगुना हो सकता है, सरकार को PMGKAY पर खर्च नहीं करना पड़ेगा, जिसकी लागत लगभग 14,000 करोड़ रुपये प्रति माह है.