/financial-express-hindi/media/post_banners/evfCjaDAcYeDX3iGrIkS.jpg)
सरकार को सबसे अधिक राजस्व कर्ज व अन्य देनदारियों से हासिल होता है जबकि सबसे अधिक खर्च कर्ज पर ब्याज चुकाने में होता है.
Budget: अगले वित्त वर्ष यानी 2022-23 का बजट अगले महीने की पहली तारीख यानी एक फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी. यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट होगा. बजट पूरे वित्त वर्ष के दौरान सरकार की कमाई और खर्च के ब्यौरे के साथ अर्थव्यस्था को सहारा देने वाली घोषणाएं होती हैं. सरकार आम लोगों के लिए योजनाओं का एलान करती है. विभिन्न सेक्टर्स के लिए घोषणाएं करती हैं. विभिन्न मंत्रालयों व विभागों के लिए बजट आवंटित होता है जो इसका इस्तेमाल साल भर विभिन्न खर्चों व योजनाओं के लिए करते हैं. ऐसे में आम लोगों के मन में सवाल उठता है कि बजट के लिए सरकार जो एलान करती है, उसके लिए सरकार के पास राजस्व कहां से आता है और जो राजस्व सरकार को हासिल होता है, उसे कहां-कहां खर्च किया जाता है.
ब्याज चुकाने में सबसे अधिक खर्च
पिछले साल फरवरी में सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 35 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया था. इसमें सरकार ने जो ब्यौरा पेश किया था, उसके मुताबिक सरकार को सबसे अधिक एक रुपये में 36 पैसे कर्ज व अन्य देनदारियों से हासिल होता है जबकि ब्याज अदायगी में सबसे अधिक खर्च करती है. सरकार को एक रुपये में 20 पैसे ब्याज पर खर्च होने का अनुमान लगाया.
ऐसे होती है सरकार की कमाई (एक रुपये का हिसाब-किताब)
- उधार व अन्य देनदारी- 36 पैसे
- जीएसटी- 15 पैसे
- आयकर- 14 पैसे
- निगम कर- 13 पैसे
- केंद्रीय उत्पाद शुल्क- 8 पैसे
- विभिन्न राजस्व से कर- 6 पैसे
- कर्ज के अतिरिक्त कैपिटल इनकम- 5 पैसे
- सीमा शुल्क- 3 पैसे
ऐसे खर्च होता सरकारी धन (एक रुपये का हिसाब-किताब)
सरकार को राजस्व हासिल होता है, उसे विभिन्न मदों में खर्च किया जाता है. चालू वित्त वर्ष के बजट अनुमान के मुताबिक सबसे अधिक खर्च कर्ज पर ब्याज चुकाने में होता है. नीचे एक रुपये में कितना हिस्सा किन चीजों पर खर्च होने का आकलन है, इसका ब्यौरा दिया गया है-
- ब्याज चुकाने में- 20 पैसे
- टैक्स व शुल्कों में राज्यों का हिस्सा- 16 पैसे
- केंद्रीय क्षेत्र की योजनाएं- 13 पैसे
- वित्त आयोग व अन्य ट्रांसफर- 10 पैसे
- केंद्र की स्पांसर्ड योजनाएं- 9 पैसे
- आर्थिक सहायता- 9 पैसे
- रक्षा- 8 पैसे
- पेंशन- 5 पैसे
- अन्य खर्च- 10 पैसे
(डिस्क्लेमर: यह बजट आय व व्यय का ब्यौरा मौजूदा वित्त वर्ष का है. आगामी वित्त वर्ष 2022-22 में सरकार को कहां से कितना राजस्व आएगा और कहां खर्च होगा, इसका ब्यौरा बजट पेश होने के बाद सामने आएगा. यह जरूरी नहीं है कि अगले वित्त वर्ष में भी सरकार की कमाई और खर्च के आंकड़े और अनुपात वैसे ही रहें, जैसे मौजूदा वित्त वर्ष में रहे हैं.)