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आर्थिक सर्वे 2020-21 का कवर कोविड वॉरियर्स को समर्पित है.
Economic Survey 2020-21: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में शुक्रवार को आर्थिक सर्वे 2020-21 को पेश किया गया. इसके बाद देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) केवी सुब्रमण्यन ने आर्थिक सर्वे की डिटेल को सबके साथ साझा किया. आर्थिक सर्वे 2020-21 का कवर कोविड वॉरियर्स को समर्पित है. इस दौरान सीईए ने सर्वे के महत्वपूर्ण बिंदुओं को कुछ दिलचस्प बातों से जोड़ा. ये बातें भारतीय क्रिकेट टीम, महाभारत की एक कहावत, मालगुडी डेज की एक कहानी और थ्री ईडियट्स फिल्म के एक सीन से जुड़ी हैं. आइए जानते हैं सीईए ने आर्थिक सर्वे के किस पहलू के लिए किस दिलचस्प बात का सहारा लिया-
इकोनॉमी की V शेप रिकवरी
सीईए ने कहा कि महामारी से लगा झटका झेलने के बाद अर्थव्यवस्था वैसी ही वी शेप रिकवरी दर्ज करेगी, जैसी वी शेप परफॉर्मेंस भारतीय क्रिकेट टीम ने आॅस्ट्रेलिया में गाबा क्रिकेट मैदान में दी. कहां भारतीय टीम की जीत के कोई आसार नहीं थे और कहां हमने सीरीज अपने नाम कर ली.
महामारी के खिलाफ भारत की प्रतिक्रिया
सीईए ने प्रेजेंटेशन के दौरान एक स्लाइड के जरिए दर्शाया कि महामारी के खिलाफ भारत की प्रतिक्रिया महाभारत में उल्लिखित मानवीय सिद्धांत से प्रेरित रही. यह सिद्धांत है- 'आपदि प्राणरक्षा हि धर्मस्य प्रथमांकुर:..'
अर्थात आपदाग्रस्त जीव की प्राणरक्षा करना ही धर्म है. CEA ने कहा कि जल्दी लॉकडाउन इसलिए लगाया गया ताकि लोगों की जिंदगियां बचाई जा सकें. भारत का कोविड-19 के खिलाफ पॉलिसी रिस्पॉन्स यह ध्यान रखते हुए रहा कि जीडीपी ग्रोथ वापस आ जाएगी, लेकिन लोगों की जिंदगी नहीं खोनी चाहिए. जल्दी लॉकडाउन ने जिंदगियों को बचाया और तेज रिकवरी में मदद की.
मालगुडी डेज का क्यों किया जिक्र
CEA ने मालगुडी डेज सीरियल के एक दिलचस्प एपिसोड का जिक्र कर ग्रोथ का मेथड कैसा होना चाहिए, यह बताया. मालगुडी डेज में स्वामी नाम का एक लड़का गणित में बेहद अच्छा था. वह हमेशा 100 में से 100 नंबर लाता था. उसके दोस्त शंकर के 100 में से 60 नंबर आए. हेडमास्टर ने स्वामी के 100 में से 20 नंबर शंकर को दे दिए, जो स्वामी को पसंद नहीं आया. स्वामी अपने घर गया और मां से रोते हुए कहा कि मैं अब नहीं पढूंगा क्योंकि क्या फायदा जब मेरे 20 अंक शंकर को दे दिए गए. वहीं शंकर अपनी मां के पास खुशी खुशी गया और बोला कि मुझे अब पढ़ने की जरूरत नहीं है क्योंकि हेडमास्टर साहब खुद से मुझे 20 नंबर दे देते हैं. स्वामी ने अपनी मां से यह सवाल भी किया कि हेडमास्टर साहब शंकर को और ज्यादा क्यों नहीं पढ़ाते ताकि उसके ज्यादा नंबर आएं, बजाए मेरे नंबर उसे देने के. मेरे पास मेरी मेहनत के 100 और उसके पास उसकी मेहनत के 80 नंबर रहें. इस तरह हम दोनों के कुल नंबर 180 हो जाएंगे, बजाय 160 के.
स्वामी का सुझाया गया मेथड ही विकास के लिए सही है और इसी पर भारत काम कर रहा है. जो कमजोर हैं, उन पर ज्यादा मेहनत और ध्यान देकर उन्हें बेहतर बनाया जा सकता है न कि जो बेहतर हैं, उनके हिस्से का विकास कमजोर को देकर. इससे असमानता को भी दूर किया जा सकता है और ग्रो भी किया जा सकता है. भारत के विकास के स्तर को देखते हुए देश को इकोनॉमिक ग्रोथ पर फोकस जारी रखना चाहिए ताकि गरीबों को गरीबी से बाहर लाया जा सके.
3 इडियट्स और आयुष्मान भारत
सीईए ने 3 इडियट्स फिल्म के उस सीन का जिक्र किया जब फरहान और रैंचो, राजू के घर पर खाने के लिए जाते हैं. सीन में राजू की मां बताती है कि कैसे राजू के पिता के इलाज के खर्चे दिन पर दिन बढ़ रहे हैं. सैलरी का एक बड़ा हिस्सा उन खर्चों में जा रहा है. बाकी की सैलरी घर खर्च में जा रही है और बहन की शादी के लिए पैसे नहीं जुड़ पा रहे हैं.
सीईए ने कहा कि यह सीन भारत में कई परिवारों की स्थिति को दर्शाता है. जिनके पास स्वास्थ्य से जुड़े बड़े खर्चे वहन करने के लिए पर्याप्त पैसा नहीं है. बड़े-बड़े इलाज काफी महंगे हैं. इसी समस्या के निदान के लिए देश में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना लाई गई. पब्लिक हेल्थकेयर पर खर्च जीडीपी का 2.5 फीसदी कर देने से आम परिवारों की पहुंच के बाहर का खर्च 65 फीसदी से घटकर 35 फीसदी हो सकता है.