/financial-express-hindi/media/post_banners/5wAyUN2hH97vIvPPW7yx.jpg)
सर्वे में ऑनलाइन शिक्षा पर भी बात की गई है. सर्वे में कहा गया है कि अगर इसका सही इस्तेमाल किया जाता है, तो इससे शैक्षिक परिणाम में होने वाली असमानताएं खत्म होंगी.
Economic Survey 2020-21 Online Education: मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) केवी सुब्रमण्यन ने शुक्रवार को आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 को लॉन्च किया, जिसे सुबह संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया. सीईए ने आर्थिक सर्वेक्षण का मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया. इसके साथ सर्वे में ऑनलाइन शिक्षा पर भी बात की गई है. सर्वे में कहा गया है कि अगर इसका सही इस्तेमाल किया जाता है, तो इससे शैक्षिक परिणाम में होने वाली असमानताएं खत्म होंगी.
छात्रों के पास स्मार्ट फोन की संख्या बढ़ी
सर्वे में अक्टूबर 2020 में प्रकाशित वार्षिक शिक्षा स्थिति रिपोर्ट (ASER)-2020 चरण-1 (ग्रामीण) का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि ग्रामीण भारत में सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में छात्रों के पास स्मार्ट फोन की संख्या में भारी वृद्धि दर्ज की गई है. 2018 में 36.5 फीसदी छात्रों के पास ही स्मार्ट फोन थे, वहीं 2020 में 61.8 फीसदी छात्रों के पास स्मार्टफोन मौजूद थे. समीक्षा में सलाह दी गई है कि उचित इस्तेमाल किया गया तो शहरी और ग्रामीण, लैंगिक, उम्र और आय समूहों के बीच डिजिटल भेदभाव और शैक्षिक परिणाम में अंतर खत्म होगा.
सरकार ने इस दिशा में कई कदम उठाए
सर्वे में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के दौरान बच्चों को शिक्षा उपलब्ध करने के लिए सरकार ने कई सकारात्मक पहल की हैं. इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल पीएम-ईविद्या की शुरुआत है. इससे विद्यार्थियों और अध्यापकों को डिजिटल शिक्षा के लिए बराबरी का अवसर मिलता है. Swayam MOOC के तहत लगभग 92 ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं और 1.5 करोड़ विद्यार्थियों ने अपना नामांकन कराया है. सर्वे के मुताबिक, कोविड-19 का असर खत्म करने के लिए राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों को डिजिटल माध्यम से ऑनलाइन शिक्षा देने के लिए 818.17 करोड़ रुपये आवंटित किए गए.
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि भारत में अगले दशक तक दुनिया में सबसे ज्यादा युवाओं की संख्या होगी. इसलिए देश का भविष्य तैयार करने के लिए इन युवाओं के लिए उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा उपलब्ध कराने की क्षमता विकसित करनी चाहिए.
सर्वे के मुताबिक, भारत ने प्राथमिक स्कूल स्तर पर 96 फीसदी साक्षरता दर हासिल कर ली है. राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण (एनएसएस) के अनुसार, अखिल भारतीय स्तर पर सात वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों में साक्षरता दर 77.7 प्रतिशत है. हिंदू और मुस्लिम वर्ग की महिलाओं सहित अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग की महिलाओं की साक्षरता दर राष्ट्रीय औसत से कम है.