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Economic Survey 2020-21: कोरोना महामारी से उबरा रीयल एस्टेट, किफायती घरों की बिक्री में बढ़ोतरी से मिले रिकवरी के संकेत

Economic Survey 2020-21: आर्थिक सर्वे 2021 के मुताबिक जुलाई के बाद से किफायती घरों (अफोर्डेबल होम्स) सेग्मेंट में बिक्री में सुधार हुआ.

Economic Survey 2020-21: आर्थिक सर्वे 2021 के मुताबिक जुलाई के बाद से किफायती घरों (अफोर्डेबल होम्स) सेग्मेंट में बिक्री में सुधार हुआ.

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Economic Survey 2020-21 Sales of affordable homes improving signalling recovery in real estate sector revealed in Economic Survey finance minister nirmala sitharaman pm narendra modi

आर्थिक सर्वे के मुताबिक नवंबर 2020 में हाउसिंग लोन ग्रोथ में गिरावट रही.

Economic Survey 2020-21: कोरोना महामारी के चलते चालू वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही अप्रैल-जून 2020 में रेजिडेंशियल प्रापर्टी मार्केट बुरी तरह प्रभावित हुआ था लेकिन सालाना आर्थिक सर्वे 2021 के मुताबिक जुलाई के बाद से किफायती घरों (अफोर्डेबल होम्स) सेग्मेंट में बिक्री में सुधार हुआ. यह रीयल एस्टेट सेक्टर में इकोनॉमिक रिकवरी का संकेत है. नेशनल हाउसिंग बैंक (एनएचबी) की हाउसिंग प्राइस इंडिसेज (एचपीआईज) किसी एक भौगोलिक क्षेत्र में आवासीय संपत्तियों के भाव में उतार-चढ़ाव का एक मापक है. इसके मुताबिक जुलाई-सितंबर 2020 में एसेसममेंट प्राइस पर एचपीआई में तिमाही आधार पर 150 फीसदी की बढ़ोतरी हुई.

एनएचबी-रेजिडेक्स दो हाउसिंग प्राइसिंग इंडिसेज-एसेसमेंट प्राइसेज पर एचपीआई और मार्केट प्राइसेज पर एचपीआई तैयार करता है. यह देश के 50 शहरों में उपलब्ध डेटा के आधार पर अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टीज को लेकर तिमाही आधार पर तैयार की जाती है.

नवंबर 2020 में हाउसिंग लोन ग्रोथ में रही गिरावट

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सर्वे के मुताबिक मार्च 2020 से जून 2020 में तिमाही आधार पर HPI@Assessment Price के लिए कुल ट्रांजैक्शन में 71 फीसदी की गिरावट आई थी जबकि सालाना आधार पर जून 2019-जून 2020 के बीच यह आंकड़ा 67 फीसदी का रहा. इससे यह साफ जाहिर होता है कि कोरोना महामारी का असर रेजिडेंशियल रीयल एस्टेट मार्केट पर पड़ा. सर्वे के मुताबिक कोरोना के चलते चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में नई लिस्टिंग्स कम हुई और घर खरीदने वालों की संख्या में गिरावट आई. हालांकि इसके बाद जुलाई से सितंबर 2020 में तिमाही आधार पर HPI@Assessment Price के ट्रांजैक्शंस में 150 फीसदी की बढ़ोतरी हुई जो इकोनॉमिक रिकवरी का सूचक है.

सर्वे में खुलासा हुआ है कि हाउसिंग लोन ग्रोथ में नवंबर 2020 में 8.5 फीसदी रही जबकि उसके पिछले साल नवंबर 2019 में यह आंकड़ा 18.3 फीसदी था. इसके अलावा हाउसिंग इंफ्लेशन भी 2020-21 (अप्रैल-दिसंबर) में गिरकर 3.3 फीसदी रह गया जो 2018-19 में 6.7 फीसदी और 2019-20 में 3.3 फीसदी था.

यह भी पढ़ें- कृषि कानूनों से ‘मार्केट फ्रीडम‘ का नया दौर शुरू, छोटे किसानों को होगा फायदा- आर्थिक सर्वेक्षण

पीएम आवास योजना के तहत सबको घर दिलाने का लक्ष्य

प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत शहरी और ग्रामीण इलाकों में 2022 तक सभी को अपना घर उपलब्ध कराए जाने का लक्ष्य रखा गया है. इस योजना के तहत शहरी इलाकों में 18 जनवरी 2021 तक 109.2 लाख घर सैंक्शन हो चुके हैं. 2014-15 से लेकर अब तक 1.94 करोड़ घरों का निर्माण पूरा हो चुका है. इसमें से 1.22 करोड़ घरों का निर्माण पीएमएवाई (ग्रामीण) के तहत हुआ है और 0.72 करोड़ घरों का निर्माण इंदिरा आवास योजना स्कीम के तहत हुआ है. पीएमएवाई (ग्रामीण) के तहत 2.95 करोड़ घरों के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिसमें से 1 करोड़ पहले चरण (2016-17 से 2-18-19) में और 1.95 करोड़ दूसरे चरण (2019-20 से 2021-22) में तैयार किया जाना है.

रीयल एस्टेट सेक्टर को सहारे के लिए हुई कई घोषणाएं

आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत पिछले साल केंद्र सरकार ने रीयल एस्टेट सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए रेरा के तहत रीयल एस्टेट प्रोजेक्ट्स के रजिस्ट्रेशन और उसके पूरा होने की डेट में एक्सटेंशन समेत कई घोषणाएं कीं. इसके अलावा मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और उनकी नियामकीय अथॉरिटीज को सलाह दिया कि कोविड-19 को रेरा के तहत ‘Force Majeure’ का इवेंट समझें. Force Majeure के तहत नियंत्रण से बाहर स्थिति में दोनों पक्षों को दायित्वों से मुक्त किया जाता है.

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