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सर्वे में कहा गया है कि देश में मुद्रास्फीति की सही तस्वीर को दिखाने के लिए खाद्य उत्पादों के भारांश में संशोधन किया जाना चाहिए.
Economic Survey 2020-21 Inflation: मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) केवी सुब्रमण्यन ने शुक्रवार को आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 को लॉन्च किया, जिसे सुबह संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया. सीईए ने आर्थिक सर्वेक्षण का मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया. आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि देश में मुद्रास्फीति की सही तस्वीर को दिखाने के लिए खाद्य उत्पादों के भारांश में संशोधन किया जाना चाहिए.
आंकड़ों के नए स्रोतों को शामिल किया जाना चाहिए
संसद में शुक्रवार को पेश आर्थिक समीक्षा 2020-21 में यह सुझाव दिया गया है. इसके साथ ही समीक्षा में कहा गया है कि खुदरा ई-कॉमर्स लेनदेन बढ़ने के बीच मुद्रास्फीति में मूल्य आंकड़ों के नए स्रोतों को शामिल किया जाना चाहिए. सर्वे में कहा गया है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति में हालिया वृद्धि आपूर्ति की दिक्क्तों से संबंधित है.
सर्वे में कहा गया है कि खुदरा मुद्रास्फीति में सभी वस्तुओं का भारांश राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के 2011-12 के परिवारों के उपभोग खपत सर्वे पर आधारित है. सर्वे के मुताबिक, इस सूचकांक में खाद्य वस्तुओं का भारांश पिछले एक दशक के दौरान कम हुआ है. इसमें सुझाव दिया गया है कि मुद्रास्फीति की सही तस्वीर को दिखाने के लिए सूचकांक में खाद्य उत्पादों का संशोधित भारांश शामिल किया जाना चाहिए. इसके अलावा खुदरा ई-कॉमर्स लेनदेन बढ़ने की वजह से मूल्य आंकड़ों के नए स्रोतों को भी इसमें जगह दिया जाना चाहिए.
सर्वे में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान खुदरा और थोक मुद्रास्फीति एक-दूसरे से उलट दिशा में चली हैं. जहां मुख्य खुदरा मुद्रास्फीति में पिछले साल की तुलना में वृद्धि हुई है, वहीं थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति नीचे आई है. सर्वे के मुताबिक, कोविड-19 महामारी की वजह से आपूर्ति पक्ष की दिक्कतों से खुदरा मुद्रास्फीति प्रभावित हुई है. कुल मुद्रास्फीति में वृद्धि में खाद्य वस्तुओं का योगदान रहा.