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Economic Survey 2020-21: कोरोना के चलते व्यापार घाटा में आई बड़ी गिरावट, 18 साल बाद किसी महीने में ट्रेड प्लस

Economic Survey 2020-21: पिछले साल जून 2020 में भारत को 18 साल के बाद किसी महीने में ट्रेड सरप्लस हुआ था.

Economic Survey 2020-21: पिछले साल जून 2020 में भारत को 18 साल के बाद किसी महीने में ट्रेड सरप्लस हुआ था.

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Jeevan Deep Vishawakarma
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Economic Survey 2020-21 TRADE DEFICIT DECLINED DUE TO RESTRICTIONS AMID COVID PANDEMIC AND INDIA TRADE SURPLUS AFTER 18 YEARS FINANCE MINISTER NIRMALA SITHARAMAN PM NARENDRA MODI

आर्थिक सर्वे के मुताबिक अमेरिका के साथ कारोबार भारत के पक्ष में है.

Economic Survey 2020-21: कोरोना महामारी के चलते पिछले साल 2020 में दुनिया भर में कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ था. भारत की बात करें तो चालू वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही के दौरान, भारत के निर्यात और आयात में भी तेज गिरावट रही थी. आयात में गिरावट निर्यात के मुकाबले अधिक रही जिसके कारण 2020-21 की पहली तिमाही में व्यापार घाटा महज 980 करोड़ डॉलर रह गया जो उसके पिछले साल पिछले वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में 4920 करोड़ डॉलर था. इसके अलावा भारत को 18 साल के बाद किसी महीने में ट्रेड सरप्लस हुआ था. जून 2020 में आयात के मुकाबले भारत का निर्यात अधिक रहा. जून से इकोनॉमी खुलने लगी और कारोबार बढ़ा. अप्रैल-दिसंबर 2020 में ट्रेड डेफिसिट 5750 करोड़ डॉलर था तो उसके पिछले साल अप्रैल-दिसंबर 2019 में 12590 करोड़ डॉलर का था.

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इन वस्तुओं का कारोबार भारत के पक्ष में

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चालू वित्त वर्ष 2020-21 में अप्रैल-नवंबर 2020 में कुछ वस्तुओं के कारोबार में भारत का ट्रेड सरप्लस रहा यानी कि आयात के मुकाबले निर्यात कारोबार अधिक हुआ. जैसे कि ड्रग फॉर्मूलेशंस, बॉयोलॉजिकल्स, मैरिन प्रॉडक्ट्स, गोल्ड व अन्य कीमती ज्वैलरी, लोहा व स्टील, चावल और पेट्रोलियम में कारोबारी सरप्लस रहा था. आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल-नवंबर 2019-20 में लोहा व स्टील का आयात अधिक हुआ था जबकि अप्रैल-नवंबर 2020-21 में निर्यात अधिक हुआ.

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पेट्रोलियम-क्रूड पर ट्रेड बैलेंस में कमी

इसी प्रकार पेट्रोलियम-क्रूड, गोल्ड, टेलीकॉम इंस्ट्रूमेंट्स, इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स, वेजीटेबल ऑयल्स, कंप्यूटर हार्डवेयर, प्लास्टिक रॉ मैटेरियल्स, एयरक्राफ्ट जैसे उत्पादों को लेकर भारत का ट्रेड बैलेंस पक्ष में नहीं रहा. हालांकि आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल-नवंबर 2020-21 में पेट्रोलियम-क्रूड में ट्रेड बैलेंस कम हुआ. अप्रैल-नवंबर 2020-21 में ट्रेड बैलेंस (-)3120 करोड़ डॉलर रहा जबकि अप्रैल-नवंबर 2019-20 में यह आंकड़ा 6800 करोड़ डॉलर का था.

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अमेरिका के साथ कारोबार भारत के पक्ष में

अप्रैल-नवंबर 2020-21 में प्रमुख देशों के साथ भारत के कारोबारी संतुलन की बात करें तो अप्रैल-नवंबर 2019 की तुलना में सबसे बेहतर ट्रेड बैलेंस अमेरिका के साथ रहा. इसके बाद भारत का सबसे बेहतर कारोबार बांग्लादेश और नेपाल के साथ रहा जिसमें व्यापारिक संतुलन भारत के पक्ष में रहा. इस अवधि में सबसे अधिक कारोबारी घाटा चीन के साथ रहा और उसके बाद इराक और सऊदी अरब के साथ रहा.

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WTO ने लगाया था बड़े झटके का अनुमान

विश्व व्यापार संगठन (WTO) ने अप्रैल 2020 में अनुमान लगाया था कि 2020 में वैश्विक कारोबार में 13-22 फीसदी तक की गिरावट रह सकती है. हालांकि लॉकडाउन में ढील दिए जाने पर धीरे-धीरे आर्थिक गतिविधियों में तेजी आई. इसके बाद डब्ल्यूटीओ ने अपना अनुमान संशोधित किया कि 2020 में वैश्विक व्यापार में 9.2 फीसदी की गिरावट रह सकती है और 2021 में 7.2 फीसदी की बढ़ोतरी रह सकती है. वैश्विक अर्थव्यवस्था अभी भी कोरोना महामारी से उबरी नहीं है. हालांकि भारत की बात करें तो लगातार तीन तिमाही में सरप्लस करेंट अकाउंट बैलेंस, कैपिटल इनफ्लो की फिर शुरुआत और एफडीआई इनफ्लो में बढ़ोतरी और विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी से इकोनॉमी को सहारा मिला है.

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