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Economic Survey 2020: सब्जियों, दालों के चलते बढ़ी महंगाई, पैदावार कम रहना वजह

Economic Survey 2020: खाद्य पदार्थों और खासतौर से सब्जियों की कीमतों में तेजी का रुख है.

Economic Survey 2020: खाद्य पदार्थों और खासतौर से सब्जियों की कीमतों में तेजी का रुख है.

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Economic Survey 2020: सब्जियों, दालों के चलते बढ़ी महंगाई, पैदावार कम रहना वजह

Economic Survey 2020 update inflation increases because of mainly vegetables and pulses production decreases खाद्य पदार्थों और खासतौर से सब्जियों की कीमतों में तेजी का रुख है.

Economic Survey 2020: आर्थिक समीक्षा के मुताबिक 2014 से उपभोक्ता कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति में नरमी देखने को मिल रही थी, हालांकि अब खाद्य पदार्थों और खासतौर से सब्जियों की कीमतों में तेजी का रुख है. संसद में शुक्रवार को पेश की गई समीक्षा के मुताबिक ऐसा पैदावार में अवरोध और पिछले सालों के दौरान महंगाई कम रहने के चलते बने कम बेस इफेक्ट के कारण है. समीक्षा में आयातित कृषि-बागवानी उत्पादों की कीमतों में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने के लिए मूल्य स्थिरीकरण कोष के तहत खरीद जैसे उपायों की सिफारिश की गई है, ताकि किसानों को सुरक्षा मुहैया कराई जा सके.

क्यों बढ़ी महंगाई ?

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक समीक्षा 2019-20 को सदन के पटल पर रखा, जिसमें कहा गया है कि मु्द्रास्फीति में 2014 से नरमी देखने को मिल रही थी, हालांकि हाल में इसमें तेजी आई है. इसके मुताबिक 2018-19 में खुदरा मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी ‘‘मिश्रित समूह’’ की वस्तुओं के चलते हुई, जबकि चालू वित्त वर्ष में खाद्य और पेय पदार्थों का इसमें सबसे ज्यादा योगदान है.

समीक्षा में पाया गया कि इस दौरान दलहन और सब्जियों में सबसे ज्यादा महंगाई देखने को मिली. ऐसा निम्न बेस इफेक्ट और असमय बारिश के चलते उत्पादन में अवरोध के कारण हुआ.

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कितनी बढ़ी महंगाई ?

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर आधारित मुद्रास्फीति में चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-दिसंबर के दौरान 4.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के दौरान ये आंकड़ा 3.7 फीसदी था.

दूसरी ओर समीक्षाधीन अवधि के दौरान थोक मूल्य सूचकांक (WIP) पर आधारित महंगाई 1.5 फीसदी रह गई, जो एक साल पहले की समान अवधि में 4.7 फीसदी थी. समीक्षा के मुताबिक 2015-16 और 2018-19 के दौरान WIP मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी देखने को मिली.

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