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कंपनी कर में कटौती का फायदा सिर्फ बड़ी कंपनियों को मिलेगा जो सालाना 400 करोड़ से ऊपर का करोबार कर रही है.
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Economic Survey 2020: आर्थिक समीक्षा 2019-20 में कहा गया है कि कॉरपोरेट या कंपनी कर में कटौती का फायदा सिर्फ बड़ी कंपनियों को मिलेगा जो सालाना 400 करोड़ से ऊपर का करोबार कर रही है. ज्यादातर छोटी कंपनियां पहले से कम दर से कर दे रही हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल सितंबर में छूट नहीं चाहने वाली कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स की दर को 30 से घटाकर 22 फीसदी करने का एलान किया था. कुछ नयी विनिर्माण कंपनियों के लिए कॉरपोरेट कर की दर को 25 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी किया गया था.
ज्यादातर कंपनियों का कारोबार 400 करोड़ रु से कम
ज्यादातर कंपनियों के लिए अधिभार और उपकरों समेत प्रभावी कॉरपोरेट कर की प्रभावी दर करीब 10 फीसदी अंक घटकर 25.17 फीसदी पर आ गई है. समीक्षा में कहा गया है कि ज्यादातर (99.1 फीसदी) कंपनियों का कुल कारोबार 400 करोड़ रुपये से कम है. इन पर पहले से ही 25 फीसदी की प्रभावी कर दर लागू है. अधिभार और उपकर के साथ उनके लिए कर की दर 26 से 29.12 फीसदी बैठती है.
वहीं दूसरी सिर्फ 0.9 फीसदी या 4,698 कंपनियां ऐसी हैं जिनका कुल कारोबार 400 करोड़ रुपये से ज्यादा है। इन पर प्रभावी कर की दर 30.9 से 34.61 फीसदी है. समीक्षा में कहा गया है कि इस तरह कॉरपोरेट कर की दर में कटौती लघु एवं मझोली कंपनियों की कर देनदारियों में 3.2 से 13.5 फीसदी तक और बड़ी कंपनियों की मौजूदा कर देनदारियों में 18.5 से 27.3 फीसदी की कमी आएगी.
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