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अर्थव्यवस्था संभालने के लिए बढ़ते घाटे के बावजूद खर्च में कटौती नहीं करेगी मोदी सरकार: वित्त मंत्री सीतारमण

Budget 2021: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस समय जिस तरह के हालात हैं, उसमें खर्च बढ़ाए जाने की जरूरत है और फिस्कल डेफिसिट से चिंतित होने की जरूरत नहीं है.

Budget 2021: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस समय जिस तरह के हालात हैं, उसमें खर्च बढ़ाए जाने की जरूरत है और फिस्कल डेफिसिट से चिंतित होने की जरूरत नहीं है.

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Bloomberg
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FM Sitharaman assured that India will spend money without worrying about widening fiscal deficit

वित्त मंत्री ने कहा है कि बढ़ते राजकोषीय घाटे के बावजूद केंद्र सरकार खर्च जारी रखेगी. (Image-PTI)

Budget 2021: बढ़ते राजकोषीय घाटे के बावजूद केंद्र सरकार खर्च जारी रखेगी. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार इकोनॉमी को सहारा देने के लिए खर्च में बढ़ोतरी कर सकती है, चाहे इससे बजट घाटे में और बढ़ोतरी हो जाए. ब्लूमबर्ग टीवी को दिए गए एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि सरकार जल्दबाजी में  प्रोत्साह खर्च (राहत पैकेज) में कमी करने का फैसला नहीं लेगी. इसके अलावा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी सरकारी कंपनियां कैपिटल एक्सपेंडिचर जारी रखें. केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि इस समय जिस तरह के हालात हैं, उसमें खर्च बढ़ाए जाने की जरूरत है और फिस्कल डेफिसिट से चिंतित होने की जरूरत नहीं है.

यह भी पढ़ें- वित्त मंत्री ने दिए सरकारी खर्च बढ़ाने के संकेत, अगले बजट में इकोनॉमिक ग्रोथ पर रहेगा जोर

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सरकार ने 15 फीसदी बढ़ाया है खर्च

पिछले महीने कोरोना महामारी से बुरी तरह प्रभावित कंपनियों को उबारने और रोजगार बचाने को लेकर सरकार ने अर्थव्यवस्था के 15 फीसदी के बराबर राहत पैकेज के उपाय किए. इस फैसले से मौजूदा वित्त वर्ष के अंत तक बजट घाटा बढ़कर जीडीपी का 8 फीसदी तक हो सकता है जो निर्धारित लक्ष्य 3.5 फीसदी के दोगुने से भी अधिक है. वित्त मंत्री ने कहा कि आने वाले समय के लिए एक आकलन जरूरत है. उनका कहना है कि अभी खर्चों में तुरंत किसी कटौती के लिए सोचना भी संभव नहीं है. उनका कहना है कि खर्च में संतुलन बनाए रखना है क्योंकि इकोनॉमी में जो रिकवरी हुई है, वह लगातार बनी रहने के लिए यह जरूरी है.

दूसरी तिमाही में उम्मीद से तेज रिकवरी

सरकार ने जो कदम उठाए हैं, उसकी वजह से इकोनॉमी में रिकवरी दिखनी शुरू हो गई है. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी में रिकॉर्ड 24 फीसदी की दर से सिकुड़न के बाद दूसरी तिमाही में भी भारी गिरावट की उम्मीद की गई थी. हालांकि केंद्र सरकार के प्रयासों की वजह से दूसरी तिमाही में जीडीपी में 7.5 फीसदी की दर से गिरावट रही. इसके अलावा कुछ सेक्टर्स में बढ़ोतरी ने भी संकेत दिए हैं कि इकोनॉमी में सुधार हो रहा है.

अगले वित्त वर्ष से बेहतर इकोनॉमी की उम्मीद

केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने भी अपने सालाना आउटलुक में बदलाव किया है. दो महीने पहले अक्टूबर में आरबीआई का अनुमान था कि चालू वित्त वर्ष 2020-21 में 9.5 फीसदी की दर गिरावट रहेगी लेकिन अब आरबीआई ने अपने आउटलुक में बदलाव किया है. अब आरबीआई का मानना है कि इस वित्त वर्ष में जीडीपी में 7.5 फीसदी की गिरावट रह सकती है. वित्त मंत्री सीतारमण का कहना है कि इंटरनेशनल मॉनीटरी फंड और आरबीआई दोनों को स्पष्ट रूप से रिकवरी की उम्मीद दिख रही है. सीतारमण के मुताबिक अगले वित्त वर्ष से इकोनॉमी में बेहतर रिकवरी रहेगी.

Nirmala Sitharaman